पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५६९

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गोपक-गोपभट्ट परित्याग कर दे । तदन्तर वह स्त्रो बिधवाको नाई किसी वृक्ष देखा जाता है। इसका फल तथा गाछ बैरके जैसे दमनसे विवाह कर सकती है । इनकै रमणिया पूर्ण गर्भा होते हैं । २ हम्तिकोलिवृक्ष । ३ विकङ्गतवृत्त । ४ कोटी होने पर एक स्वतन्त्र उष्ण घरमें रखो जाती हैं। प्रसव करेलो। ५ पगभेद, एक प्रकारको मपारी। दिन पर्यन्त उन्हें गर्म घरमें रहना पड़ता है। इकोम गोपता ( मं० स्त्री० ) गोपस्य भावः गोप तल टाप । गोप- दिनों तक पति और पत्नी दोनों अशुचि रहते और कई : कार्य कर नहीं सकते हैं। गोपति (सं० पु० ) गोः पतिः ६ तत् । १ शिव, महादेव । ___छोटा नागपुरके ग्वालोंमें वान्यविवाह और ज्यादे २ वृष, मांढ़, चैन । ४ विष्णु। ४ भूमिपति, गजा। ५ उमरमें विवाह दोनों प्रचलित हैं। विवाहकै चार माम किरणपति, सूर्य । ६ वर्गपति, इन्द्र । ७ ऋषभ नामको बाद 'रोकमदि' या कन्या वरालय जाती है। इन औषध । ८ भोजवंशीय एक राजा कान हरावती नगर लोगोम जब तक रोकमोधि नहीं होतो तब तक विवाह में इमे निहत किया। गन्धर्वविशेष । १० नी नदीम- मिद्ध नहीं ममझा जाता है। विधवा विवाहको प्रथा भी मे एक । ११ गोपाल, ग्वाला। १२ बाचाल, मुखर । इनमें प्रचलित है। गोपतिचाप ( मं० पु० ) इन्द्रधनुषः । य गोमेषादि पालन तथा दधिटुग्धादि विक्रय कर गोण्त्य (मं० ला०) गोपति-यत् । गोपतिका धम, ग्वालाका जीविका निर्वाह करते हैं। किमी किसी स्थानमें कुछ भाव । गोप खेती भी करते हैं। गोपथ ( म० पु० ) अथर्व वेदका एक ब्राह्मण । प्राय देवा । (प.) २ ग्रामाधिकारी, गावका मालिक । ३ भूपाल, गोपद ( म.ली.) गो: पदं पदस्थान' योग्यस्थान । १ राजा। ४ गोष्ठाध्यक्ष, गौशालाका प्रवन्ध करनेवाला। गोत्री के रहने की जगह । २ पृथ्वी पर चिह्नित गाका खुर । (त्रि.) ५ गोरक्षक, गोको रक्षा करनवान्ना। गोपायति गोपदल मं. ली.) गोपदं गोचरणन्यामयोग्यं स्थान गुप :अच । ५ रक्षक, रक्षा करनेवान्ना। ७ उपकारक, । तदाकारं वा नाति-ला क । गुवाकवत, सुपारीका पेड। भलाई करनेवाला । ८ बोर, चारजन्न, मुर या बोल नाम | गोपदी ( मं. त्रि० ) गायक खुरके ममान अत्यन्त छोटा । की औषध । । गन्धर्व विशेष, एक गन्धर्व का नाम । गोपन ( मं० ली.) गुप भावे ल्य ट । १ अपनव, छिपाव, गोपक (मं० त्रि.) गोप स्वाथ कन् गुप्-गवल वा । १ गोप, दाव। २ रक्षण, रक्षा। ३ कुत्मा, घृणा, तिरस्कार । ग्वाला। २ बहुतसे ग्रामोंके एक अधिपति । ३ रक्षक, ४ व्याकुलता । ५ दोमि । ६ तेजपत्र तेजपत्ता। ७ ग्रन्थि- रक्षा करनवाला । ४ वर्तमान गोत्राका प्राचीन नाम। | पर्ण । ___गामा देखो। | गोपना (मं० स्त्री ८) गुप दोनो भावे युच । दीप्लि, कान्ति । ( पु० ) ४ वणिक् द्रव्यभेद । ५ रतवाले । ६ शारिवा, | गोपनाथ-हिन्दीक एक प्रसिद्ध कवि। ये १६१३ ई में अनन्तमूल । ७ नौमादर। विद्यमान थे। गोपकन्या (मं० स्त्र०) गोपम्य कन्य व प्रियतरा। १ औषध | गोपनीय ( मं० त्रि.) गुप कमणि अनीयर । १ अप्रकाश्य, विशेष। गोपस्य कन्या, तत्। गोपजातोय कन्या, जिसका प्रकाश करना उचित नहीं, किपान योग्य, गोप्य, ग्वालाको लड़को। २ रक्षणीय। गोपकपुरि-गामा देखा। | गोपवधू ( मं० स्त्रो० ) गोपस्य वधुग्वि प्रियत्वात् । ? गोपकर्कटिका ( म० स्त्रो०) गोपप्रिया ककटिका, मध्य | शारिवा, अनन्तमून । गोपस्य वधूः ६ तत् । २ गोपपत्नी, पदलो० । गोपालककटी, गोपाल कांकरी या कुन्दक। | ग्वालेको स्त्री। गोपक्षेत्र-प्रभास खण्ड वर्णित एक पुण्य स्थान। गोपवधूटो ( म० स्त्री० ) वध अल्पार्थ टी गोपस्य वध टी, गोपघोण्टा ( सं० स्त्री० ) गोपप्रिया, घोण्टा, मध्यपदलो। ६ तत् । युवती गोपाङ्गना, युवती ग्वालिन् । १ वृक्षविशेष, कोई पेड़। निविड बनमें इस जातिका गोपभट्ट-गाम देखो।