पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५५

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खुमार-खुरखौ ५३ शादी का तिखा गश। उसमें मान गत पौर। गंगा। यह मृदु, खतवर्ष तथा यौन गलनेवासा उनके वंशका इतिहास दिया कुपा है। होता। म्ख मार (प. पु०)नया, मद.२नयेमा उतार। | खुरा(हिं. स्त्री.)१प विशेष, किसी किसानो खुमारी हिं• स्त्री.) ख मार देखो। घास । यह फोमको बिगाड़ देती है। खुमी (हिं. स्त्री.)१ क्षुद्र उशिदों की एक जाति। हममें पत्ते या फल नहीं लगते। भूफोड़, ढिगगे। अावाज । यह कफ धिक्य के कारण खास लेते समय कुकुरमुना पार गायन पाखि,मो नाते हैं। कण्ठ से निकलता है। इसे 'धरघर' भी कहते है। यह हरित कोगाणुसे शूय रहते, दूमरे मौकी भांति २ धीर धीरे खंगेवनेको पावाज । ३ दबे पांवों मृत्तिका प्रभति पदार्थों से अपने शररी पुष्टि नहीं चलनका ब्द। कर सकते, देखने में सफेद या भदले नगते पोर अन्ध | खुरखुरा ( ह. वि.) खरदरा, भौचाऊचा, गबने. वृक्षी वा जीवोंको पाहार करते हैं। वर्षा ऋतको पड़े वाला। पा, काष्ठ पर गोल गोल छोटी खुजगी है। तुख गना (हिं.क्रि.)१ ख रखर करना। २ घर- इसे कठफस कहा जाता है। इसम जहर होता है । घराना : ३ गड़ना, नोवा मंचा पडमा। खुमोका शरीरकोष पन्य से विभिन रहता है: खुरखुगाहट (हिं.क्रि.)१खासप्रवास के समय वाह. इसके कोशाण सूत जैसे लम्ब निकलते है। खुमो दो स्वरकी कफ पादिसे उत्पन होनेवाली एक विकृति। प्रकारको होती है-पर भरे वृक्षों के रससे पलनेवाली २ खादरावन, मारमवारी। पोर सड़े गले मुर्दे खानेवाला । परसो तो गेरुईको खुरचन ( हिं० पु.) १ काई मिठाई । दूधको कड़ाहीम शक में पनाजों पर सग जातो और दूसरो काठफूल चढ़ा करके गर्म करते और मसाईको कड़ाहीकी चाल भूफोड़पादिका रूप बनाती है। इसके वृक्ष रख डेढ़ ओर एक सोखसे चढ़ाते चलते हैं। इसी प्रकार जब पक्षसे पाठ दश रख तक बढ़ते, छने में कोमस लगते दूधका सम पानी जस जाता और कड़ाहीशी चाग भार हात जैसे देख पड़ते हैं। सोमे खुमीका चलता और लगा मलाई जम जाती, कड़ाहीको नोचे उतार नाम छाता है। इसको इसमें कई परत रखते हैं। उखी कर देते और मसाईको कुगैसे खुर लेते। भफोड, टिमरी पादिको खाया भी जाता है। शास्त्रानु इसमें चीनी डालनेमे खुरसन यार बनता है। या २ दालोमें जड़ी जामेवाली सोनेको कोस। हाथी खानम बात अच्छा लगता है। २ कड़ारसे खरपा के दांतों पर चढ़ाया जानेवाला धातु का बना पा पा गुड़।। खुरष कर निकाला जामवासी बोर पामा चीज खुरड (रि. स्त्री० ) जखमको सूली पपड़ो। खुरचना ((हिं.क्रि.) करोषना, रोना, किसी जमा खुर (म.पु.) खुर-क। यफ, सम, टाप। यह सखो चीनको छुरी से निकालना। परनों पावका निम्नख भाग पोर उनके उस्थित सुरवनी (हिं. स्त्रो०) १ बमेरोंका कोई पौगार या होने पर भूमि संसम्म सता मौंगवाले चौपायोंके छनो-जैसा रहता और बरतन साफ करने में बसता खरबीचसे फटेहोते है।बोबदल, बरको पत्ती।। २ चर्मकारोबाकोर यन्नासरचनाकामदेने १ मखीनाम मन्धद्रश्च । ४ वटा दि पादुक, पावाके वासी कोई ची। नौकानिया। खुरपास (बि. सौ. ) कृत्मितावरण, बुरा काम, सरक (सं० पु.) वर कायनि, केक । १ तिला पानीपत। कोकिसाक्षप। (सी.) १ उत्तम वा। सरचानी (० वि० ) अमदापारी, बदमावलेडिवा। संरक रांगा (हि.पु.) मधातुमद, शिरमहरौ । परनी (हि.सी.) पात, बड़ा वा । या कपड़ेगी Vol. VI. 14.