पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४१५

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गुप्तो-गुमनायकनपल्ली ४१३ यहांक स्त्री पुरुष दोनों ही हमशासे सुरमिक और । इसमें २ नगर आर ४२१ गांव बसे हैं। माल. सुवता कह कर प्रमिड हैं। गुजारी प्रायः १८२०.. है। शिममा नदीका कटन गुप्ती (हि. स्त्री०) एकतरहको किरच या पतली तल- तालाब मशहर है। उत्तर पश्चिम सूने पर्वत हैं। वार जो कड़ीके अन्दर इम तरह रखी हुई रहती है कि गुब्बी--महिमरकै तुमकूर जिले में गुब्बी तालुकका मदर। आवश्यता हो पाने पर बाहर निकाली जा मकै । यह अक्षा० १३१८ उ० और देशा० ७६ ५७ पू में गुहगोत्प्रेक्षा (सं० स्त्री० ) वह उत्प्रेक्षा जिममें मानो', माउदर्न मरहट्टा रेलवे पर अवस्थित है। जनसंख्या 'जानो' आदि मादृश्यवाचक शब्द न हो। प्राय: ५५८२ होगी । कहते हैं, प्रायः ई०१५वीं शताब्दी- गपफा (हि. पु.) १ फंदना, झब्बा । २ फूलीका गुच्छा। के ममय नीनब वोकलीगको गजान उमे बसाया था। गुफा : हि स्त्री० ) कन्दरा, गुहा । यहां व्यापार खब होता है। बाजारमै सब चीज बिकती गुफगू ( फा० स्त्री०) वार्तालाप, बात चीत। है। यहां सपागे और नारियलकी गिरी बहुत होती है। गबरला (हिं. पु० ) एक तरह का कोटा कीड़ा जो सदा १८७१ ई. को मुनिमपानिटो लगी। गोबर या मलमें रहता और उसे खाता है। गुभ ( हिं० पु. ) समुद्र की ग्वाड़ी। गुबार ( अ० पु० ) १ गद, धल । २ मनमें दबाया ह या ग भोन्ना (हि.प.) गोटा, जो मन रुकने के कारण क्रोध, दुःख या हेष । | पटमें पड़ जाता है गुबारा (हिं० ) गवारा टेवा । गुम ( फा० वि० ) १ गा, छिपा हुआ, अप्रकट । २ अप्र. गुबिंद ( हि ) गोविन्द देर । मिड । ३ खोया हा। गुब्बा (म. पु. ) रम्मोक मध्यमें डाला हुआ फन्दा। गमक (हि. स्त्री० ) गमक देव । गुब्बाड़ा (हि.) गया। देखो। गमका ( हि पु०) भूमोमे दाना पृथक् करने का काम । गुबाग (हिं पु० ) लब आकारको कोई चौज जिममें गमगां--मधाप्रदेशक नागपुर जिले के अन्तर्गत एक नगर गम वायु या किमी प्रकारको वाप आदि देकर आकाश. यह नागपुर नगरम १२ मौन दक्षिणमें घना नदीके में उडात हैं। यह रे गम अथवा और दूमर तरहक वस्त्र- किनार अक्षा० २ १ उ० और देशा० ७८.२ ३० के थलेम रबरको वानिश चढ़ा कर बनाया जाता है पूर्व में अवस्थित है। यहां के अधिवासा प्राय: सभी कृषि और उसके वाय निकलनका मार्ग बन्द कर दिया जीवी हैं, मिर्फ कोष्टि जातिक लोग रुईका रोजगार जाता है। उस थे लेके नीचे एक बड़ा सन्ट्रक या करते हैं। यहां थानक पाम नदी के किनारे एक महारा- खटोला आदमी के बैठने के लिये बाँध दिया जाता है। ष्ट्रीय दुर्गका खण्डहर देखनमें आता है। इसके पास ही २ गुब्बारे के आकारका एक बड़ा गोला जो कागजका एक गणपतिका मन्दिर है। उक्त दुर्ग और मन्दिर दोनों बना हा रहता है। इसके नीचे तलमे भीगा हुआ हो राजा २य रघुजीकी पत्नी रीमाबाईने बनवाये थे कपड़ा जला कर रख दिया जाता है। इस कपड़े के और इन्हीं के समयम यह प्रदेश भोंमले-वंशर्क अधिकार- धए से गोला भर जाता और आकाशमै उडने लगता है। में रहता है। विवाटिके उपलक्षमें इसका व्यवहार किया जाता है। गुमची ( फा० स्त्री० ) गुजा, घुमची। ३ एक प्रक बड़ा गोला जो आकाशको ओर फेकने गुमटा (हिं. पु०)१ कपामक फलमें रहनवाना एक कोट । पर फट जाता पर जिममें से पातशबाजी छूटती है। यह फलका भारी शत्र है। (पु. ) २ वह गोल्न सूजन ..... राज्यात सुमकूर जिले का दरमियानी जो मस्तक पर चोट लगनसे होती है। तालुका २ तथा १३३६ उ० और गुमटो ( फा० स्त्री० ) मकानके उपरी भागकी छत । देशा० ७६ ४२ एवं ७७ ० पू०के मध्य अवस्थित है। गुमनायकन पन्नी-महिसुर कोला जिलेके अन्तर्गत बाग- मील और लोकसंख्या प्रायः ८७४६८ पल्लो तालुकका एक ग्राम। यह अक्षा. १३१४ 3. ... Tol. VI. 101 चे