पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४०५

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गुनतकल-गन्द्रा ४०३ गुनतकल-मन्द्राज प्रान्तर्क अनन्तपुर जिलेमें गूतो तालुक- सेस २। लाग्बसे ज्यादा पड़ती है । हमवार मैदानमें का गांव। यह अक्षा० ७५८. उ. और देशा० ७२, सिर्फ दो छोटे छोटे पहाड़ हैं। २३ पू०में अवस्थित है। लोकसंख्या प्राय: ६०५८ है। गुनुपुर- मन्द्राज प्रान्तकं विजगपटम जिलेको एजन्मो यहां रेलवका बड़ा जङ्गशन है। दक्षिण पथिमको उच्च तहमोल। यह गञ्जाम मीमा पर पड़ती है। क्षेत्रफल भूमिपर प्राचीन काल के यन्त्रादि आविष्कृत हुए हैं। ६०० वर्गमील और लोकसंख्या प्रायः ११३६८२ है । इस गुनवन्त ( स० वि० ) गुणो । जिममें कोई गुण हो। में ११४८ गांव आबाद हैं। गुनहगार (फा०वि० ) १ पापो । २ दोषा, अपराधी। गुनोबर ( फा० पु. ) एक तरहका देवदार या मनोबर । गुनहगागे ( फा० स्त्री० ) १ पाप । २ दोष, अपराध। इसका पेड़ उत्तर-पश्चिम हिमान्नय पर्वत पर ६००० मे ग नहो ( फा० पु० ) अपराधी गुनहगार । १०००० फुटको ऊचाई पर होता है। इसके काष्ठ बहुत ग ना ( हि पु० ) एक प्रत्यय, जो मिर्फ मंख्यावाचक मजबूत और कडं होते हैं । चिलगोजा नामक मेवा इसी शब्दों के प्राग्वीर में आता है। यथा दुगुना, चौगुना, दम वृक्षका फल है। गुना और बमोगुना। २ गुणा या गुणन् । गुन्थफल ( मं० पु०) नारिकेलवृक्ष । गुना-मध्य भारतके ग्वालियर राज्यमें ईमागढ़ जिलका ! गुन्दगड-हिमालयको पश्चिम मोमा पर अवस्थित एक शहर और अंगरजी छावनी। यह अता. २४.३८ उ० पर्वत । अङ्रेजोंके आनक पहले इस पर्वत पर लटेरेका और देशा० ७७१८ पू०में आगरा बंबई मड़क और ग्रेट दन्न रहता था। इस पर्वतके उत्तर हरिपुरक मम्मुख- इण्डियन पेनिनसुला रेलवेकी बीना बारां शाखापर अव- भागमें मरिग्राम है। विद्राही ममय मेजर एवट रसी स्थित है। जनसंख्या प्रायः ११४५२ है। पहले वह पर्वत पर आ विप थे। एक क्षुद्रग्राम था, परन्तु १८४४ई.को कावनो पड़नेगे बढ़ गुन्दगुच्छक ( मं० पु० ) गुच्छकरन । गया। शहरमें खेरातो शफा खाना, रियामती डाकघर, गुन्दल ( मं० पु० ) गुन् इति शब्द न दल्यतेऽमी दन-णिच् सराय और स्कूल हैं। छावनी नगरसे कोई एक मील कर्मणि अच । महलध्वनि, मृदङ्गका पशब्द । पूर्व पड़ती है। गुन्दाल ( म० पु० ) एक तरह का पक्षो, तोतर, दुराज । गुनाह (फा० पु०) दोष, पाप । गुन्दिकोटा-दाक्षिणात्यमें एक नगर और टुर्ग । यह दुर्ग गुनाहगार (फा० वि० ) १ अनिष्टकारी, बगई करनेवाला। कड़ापार्क मध्यस्थन्लमें अक्षा० १४५१ उ० और देशा० ७८ (पु०)२ दुष्ट । २२ पू०के मध्य पर्वतशृङ्गक ऊपर अवस्थित है । इसके गुनाही ( फा० पु० ) १ पापकरनवान्ना। २ दोषी, दक्षिणको ओर पर्वत फोड़ कर पवा नदी कड़ापा अपराध करनेवाला। जिला हो कर प्रवाहित है । १८०० ई०को निजामने गुनिया (हिं. पु०) गुणवान्, वह मनुष्य जिममें गुण हो। यह जिला अङ्गरैजीको दिया था। ( स्त्रो० ) २ राजों, बढ़इयों प्रभृति कारिगरोंके कोनेको गुन्द्र ( म० पु०) गुट्रि कर्म णि अच । १ एक तरह की सोध मापनका यन्त्र । (पु.) ३ नौकाको गुण खोचने- घास । २ मून्नयुक्त बृहत् तृण, जड़वाली बड़ी बड़ी वाला मलाह। घाम । इमका गुण कषाय मधुररम, शीतवीर्य, पित्तन, गुनी (हिं.वि.) गुण दग्ना । रकनाशक, मूत्रकच्छ, स्तन्य, मूत्र और रजशोधक है। गुनी--सिन्धु मान्तके हैदराबाद जिलेका तालुक । यह (भावकाश पृ० । म भाग) अक्षा० २४.३० तथा २५.१० उ० और देशा० ६८ गुन्द्रमूना ( म० स्त्री० ) गुन्द्रस्य मून मिव मून्नौं यस्याः २० एवं ६८५० पू० मध्य अवस्थित है। क्षेत्रफय ८८६ बहुबो । १ एरका टण, एक तरहको घाम । (भाव- वर्गमील और लोकमख्या प्राय: ८१५०६ है। इसमें एक प्रकाश पूर्व ० १ भाग) २ मुस्तकटग । शहर और १५८ गांव श्राबाद हैं। मालगुजारी और गुन्द्रा ( स० स्त्री० ) गन्द्रः तत्सादृश्यमस्त्यस्य म ले गुन्द्र