पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३२८

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गालव व-गावित पुत्र उत्पादन करने दीजिये । इसी तरह आप गुरुदक्षिणा तजनोके माथ दाहिने हाथको तर्जनी और दोनों हाथोंकी चुकानमें ममर्थ होंगे " गालव माधवाको लेकर हर्यश्व | मध्यम अङ्गलियां मरल भावसे परस्पर मिला दें', डमी नृपर्क निकट उपस्थित हुए । प्रतिज्ञानुसार हर्यखन | को गालिनीमुद्रा कहते हैं । ( सन्चमार ) माधवीसे एक पुत्र उत्पन्न कर दो मी शाामकर्ण घोड. | गालिब ( अ० वि० ) विजयो, जीतनेवाला, थष्ठ । गालवको दिय । इमी प्रकार दिवोदाम भार उशानरने | गालिव-एक मुसलमान कवि । इनका असल नाम मिर्जा मी एक एक पुत्र जन्मा कर दो दो मी घोडे. उन्हें प्रदान आमाद उल्ला खा रहा ये अनोवक्स स्लॉके पुत्र और फिरोज किय। शेष दो मो घोडांक लिय गालवको एसा कोई पुर तथा लोहारोके नयाव अहमदबक्स खोंक भ्रातुष्यत्र राजा न मिला जो उसको इच्छाको पूरी कर दे । अन्तमें थे। इन्होंने पारमी भाषामें एक "दिवान" एवं भारत- छह मी घोड, आर माधवोको माथ ले कर गालवजोन वर्षके भागन्न मम्राटांके इतिहासको रचना की है। १३८५ विश्वामित्रक निकट लोट कर उन्हें मब हाल कह सुनाया। ईका दिल्ली नगरमें इनकी मृत्यु हुई । विश्वामित्रन उन छह मा घोडाको ले लिया और उस | गालिम ( अ० वि० ) प्रवल, दृढ, प्रचंड । कन्यासे एक पुत्र उत्पन्न कर गालवको गुरुदक्षिणाऋणमे गालिमत् ( म० त्रि०) गालिविद्यतऽस्य गालि-मतुप। उहार किया। (भारत ५११०४.१०८८०) ६ एक प्रसिद्ध | गालियुक्त, आक्रोशयुक्त । वैयाकरण। इनका मत पाणिनिक अष्टाध्यायोमें उड़,त "ददन ददन गालि गालिमन्ना भवन्तः । (चिन्तामणि) किया है। ७ एक धर्मशास्त्रकार । हमाद्रि और माधवा. | गाली ( हि'. स्त्र' ० ) १ दुर्वचन, निंदा । २ कलक सूचक चार्य न गालवस्म ति उड़,त किये हैं। आगप। गालवक्षत्र-एक पुण्य क्षत्र । गलगलि दे रखा। गानीगन्नौज ( हि'. स्त्री० ) दुर्वचन, परम्प र गानो प्रदान। मालवि ( मं० पु. ) गालवस्य अपत्य इञ्। गालवर्क पुत्र गाली गुफ ता ( फा० स्त्रो० ) १ परम्पर गाली प्रदान। २ प्राक्शं गवत् । इन्होंने कुनोगर्ग को एक वृद्धा कन्यास वचन, गाली। विवाह किया था। (भारत शल्य० ५१ १ ) | गानोड़न ( म० क्ली० ) गालोडित माचष्टं गालोडित णिच् मालवाद्य ( मं० लो० ) मुख पर हाथ दे कर वम् वम् शब्द इत भागस्य लोपे, गालोडि धातुः । १ उन्माद । २ रोग । करना। यह गालवाद्य शिवजोका अतिशय प्रिय है। ३ मुखत्व गाला (हिं० पु० ) १ धुनी हुई रूईका गोला, जो चरखेमें में गालोड़ित ( म० त्रि.) गालोडः मञ्जातोऽस्य गालोड. कातनके लिये बनाया जाता है। २ जतु, लाह, लाख । इतच्। यहा गाव इन्द्रियाणि आलोड़िता विकलोक्ता मालि ( मं० पु०) गाल्यते विक्रियते मनो येन यहा गाल्यते यस्य, बहुव्री० । १ उन्मादशील । २ रागात । ३ मूर्ख । गुहाममेन गल-घत्र । टुवचन । "उभारला गेगर्तो मूखौं गालोहितः सः। (कलोप्टो का) मालित ( मं० त्रि० ) गल णिच् कर्मणि क्त। द्रवीकृत, | गालोडा ( न लो० ) गन्नोद्य-स्वार्थ अण ।१ धान्यविशेष, मलाया हुआ। एक धान । २ पदमवीज, कमलगट्टा । "गावितम्य मु वर्ग:म्य षोडशो जोन मोम कम्। (रवावनी गावित-दाक्षिणात्य बेलगांव प्रदेशान्तगत मांपगांव मालिनी ( म० स्त्री० ) गालयति द्रवो करोति गल-णिच् ग्रामवामो धोवग्जाति । प्रवाद है कि रत्नगिरि, बेनगुरला णिनि डोष । मुद्रा विशेष । पूजाके समय जिम शलम ओर तविकटवर्ती स्थानमें उनका आदि वाम रहा, किन्तु अर्घ्य स्थापन करना हो उसके ऊपर यह मुद्रा प्रदर्शन इमकी कोई स्थिरता नहीं कितने दिनसे वह वां रहते करना चाहिये। बायें हाथ के ऊपर दाहिना हाथ आधा | हैं। यह देखनमें बिन्नकुल कोलिजाति जमे हैं । सभी खोल कर रखे और बायें हाथको कनिष्ठा साथ दाहिने लोग मराठी भाषाम बातचीत करते हैं। मछलो पकड़ हाथका अंगुष्ठ एवं दाहिने हाथकी कनिष्ठा अंगुलीक करके बैचना ही इनका घराऊ व्यवसाय है, परन्तु अव , साथ बायें हाथ के अंगुष्ठसे योग करें। बायें हाथको | कुछ लोग खेतीबारी करके जीविका चलाने लगे हैं।