पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३०

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खिलाफत

१०को ग्रीम ऋतु, दामासकस का पतन हुमा पौर भूरीगा-खर साक्षी पाप कोगोंमें जो सबसे बम. ६३६.को २०वौं अगस्त को यारमुककी बड़ी लडाई गोर होगा, जब तक मैं उसको उसके एक न दिया सड़ो गयी। जिससे सम्राट हेराक्लियसको सीरिया सूगा, मेरी निगाहमें सबसे ताकत पर रहेगा। परन्तु शेड़ना पड़ी। इसी बीच ईराकमें गमियों के विरुष जो सबमे मजबूत है, जब तक कानूनको नहीं मानता, मोशे रहा था। ५३७ ई० को कदीसियाको सड़ाईमे मवसे कमजोर समझा जावेगा। मदीमाको ममजिदमें पार हो जानेमे उमें भी अपने साम्राज्यका पश्चिम किसी कूफां मजदूरने जमरको छरी भीक दो पौर पंशोना और खास रंगनी रहना पड़ा। ४४० नवम्बर महीने में मर गये। मुमसमान मदारमके प्रभु बन बैठे और विमकुम १ऊतहमानका शासन-पपने मत्य से पहले जमाने पिछले साली की यूफोटिस पोर टिमरिस दोनो नदियों निम्नलिखित ६ मोहाजिरी (परदेशियों ) को उन्हीं में. के देशको सीने जीत लिया। ई.को मेसोमेटे से किसीको खलीफा नामजद करने को कहा था- मियामै मोरिया पौर रंगकी फौजों का माममा पड़ा असामान, पसी, जबैद, सासह, 'सैयद और प्रबदर था। योसमय में उन्होंने पार्योसे प्राचीन सेमितिक रहमान । पबदुर-रहमानने निर्वाचनमें खड़े होनेसे देश पैलेष्टाइन, मौरिया, मेसोपाटेमिया, पमोरीया नकार करके सतहमानको खम्सोफा बनाने के लिये पौर बाविसानिया छीन लिया था। इसके बाट ६४० अपना मत दिया था। रम्हों को खिलाफत मिल गयी। में मिसर भी जीता गया। गाम और होगको परन्तु यह बहुत कमजोर बादशाह थे, इसलाम सरकार रियामते परीके पर बनी, नये साम्राज्य के केन्द्र विसकुस कुरेश मुसाहबों के हाथ जा पड़ी थी । वर कूफा और बसराम थे। फिर भी कुछ दिनों मदीना ही पपने पापराक प्रान्तको कुरषों की फसवारी बताने इस माम धर्मको राजधानी साबीतके पीछे पहली सगे। शताब्दीमें कितने ही साई मुसलमान हो गये । परन्तु पसी, जुबैर और तालाने विरोध किया था। उनहोंने ऐसा मुसलमान नागरिक अधिकार पानेको उनके दसमें पच्छे पड़े सोग थे। उन्होंने कहा कि से किया था, वा बस्तीसे मुसलमान नहीं बनाये कुरणोंने इसकामका कोई काम नहों शिया, वह कैसे गये। १४ी .को नेसवन्दमें जो सड़ाई, उससे पचोरको पावर पपमा प्रमुख जमा सकते है। गमवावापतको समानौद सामान्बका प्रत्येक प्रान्तोंमें सब नगरसोग खसोफा और उनके सबदारोंके पास मुमतमानी व सगा और नौजवान राजा विरोधी बन गये, केवल मौरोया जतहमानके भतीजे श्य यजदगर्टको पपने देश कोमेमें घर पर बुगै मोपावियाने पपने सुप्रबन्धसे शान्ति भ ने नदी। तरह माना पड़ा। परन्तु रानी पपने पवित्र पधि शक पार मिसरमें बड़े जोरकी हमरस थो। इसका बारी, राष्ट्रीयता पौर धर्म के बचावको परबोंसे पड़ते मुस्ख हेश असामानको गण्यचत करके पसीको माते थे। सिंहासन पर बैठाना था, जिन्होंने अपने पाप काम २ कमरा शासन-११४०को १२वौं पगस्तको प किया और को मुहम्मदके निकट सम्बन्धोय धे; कुस बाके मरने पर जमरको खिलाफत मिमी । नोंके १० उत्साही लोग उन्हें एक तरहका मसीहा भी मानते थे। वर्ष के गजखमें खास कर बड़ी बड़ी जीत हुई थी। यह विद्रोहियों ने बसपूर्वक पपना नाम निकालना चाहा। कभी मैदानमें नौं गये, सिवा ११८०को मौरिया वा अण्डके सह मर्दाना पहुंचे पोर जतहमामले कई धूमने पहुंचनेके मदीनामें ही बने रहे। जमर बड़े रियायतें जबरन मांगने सगे। यद्यपि खलीकाको पोज बुद्धिमान् थे । अपने राज्य में अमन चैन कायम करनेगे सिन्ध और पोकामसे पटमाजिक तक मारकाट नीने मुसलमानो बीत भोर भागे न बढ़ायी। उन्होंने मचा सौ थी, मदीनामें उसकी बहुत कम थी। दोंने बोबाकाका कर राज्यभार पाच दिया था, कभी न बसवाइया' को रियायतों से खुश कर दिया, परन्त से