पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२९०

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गाजी मिहदो-गाडरवारा ग भासकर्ता बना दिया। अकबरके मरने पर शाहजहां- इसीसे उस उत्सवको 'गाजी मियां को शादी' भी कहा ने बादशाह हो कर के मिन्ध प्रदेशके साथ साथ मुलतान- जाता है। बहुतमे हिन्दू भी इस उत्सवमें सम्मिलित होते कामासमभार भी अगण किया। फिर उन्होंने इन्हें सात- हैं। ठीक तोर पर कोई नहीं बतला मकता वह किस मारी मेनापतिका खिताव वखशा था। हिगत शासन समयकै व्यक्ति थे। कोई कोई कहता कि वह महमूद कर्ता इसन वॉक कन्दहार धरने पर यह उनसे लड़नको गजनवोके भतीजे थे, ४०५ हिजरोको अजमेर में उत्पन्न भेजे गये। उमी समय इनको ‘फजन्द' उपाधि मिलो हए। ४२४ हिजरीको १८ वर्षको अवस्थामें बहरायच, घो। रानक सलमान शाह अब्बामने इन्हें अपने पक्ष- नगरके हिन्दू राजा साहबदं वर्क माथ लड़नमें वह मारे में लानको विशेष चेष्टा की और कितनी हो खिलअत गये । भेज दी। परन्तु इमका कोई प्रमाण नहीं मिलता कि गाञ्जावदर-झोलपुरी नदी पर अवस्थित एक छोटा करद उमो ने अपने प्रभुका पन छोड़ा था । ७ वत्मर गजा- राजा । यह आजकल जुनागढ़के अधीन है। वावरिया शासन करकं १०१८ फमनीको यह एकाएक मर गये . वंशक अहीरों का वाम यहां अधिक हैं। लोकसंख्या कोई कोई उम घटनाको जहांगीर गजवके ७म वर्ष लगभग १५० है। में हई बतलाता है । खशगे खाँक पुत्र लुत्फ उल्ला- गाञ्जिकाय ( मं० पु. ) वर्तिक पक्षी। के साथ उन्होंने किमी कारणमे निदय व्यवहार 'कया गाटर (हि. स्त्री०) जुआठेकी एक लकड़ी जिमके दोनों था। वह तो के अनुमानमें उन्होंके जहर दे नसे इनका ओर बेल जोत जाते हैं। प्राण गया। इनके मन्तानादि नहीं हुआ। पिताको गाड़ ( हिं० स्त्री० ) १ गत, गड़हा । २ अन्न रखने के भाप्ति यह भी एक कवि रहे। मङ्गीतमें भी इन्हें विशेष लिये पृथ्वीके भीतर खुदा हुआ गड़हा । ३ नोल आदिके अनुराग था। यह मब प्रकारके बाजे बजा मकते थे। कारखानमें पानो रखनका गट्टा। ४ कूए की ढाल । इनके पास कई कवि रहते थे। यह बड़े पान खाने- ५ खत्ता। ६ खेतकी मेंड़ । ७ बाढ़। वारीचौर विलामी थ।। गाडना (हिं० कि० ) १ पृथ्वीमें गत खोद कर किसी गाजी मादी-मुसलमानों का एक धर्म मम्प्रदाय । इन- पदार्थको उसमें रखकर मट्टी डाल देना, तोपना । को अपनी मम्मत नहीं रहती। सम्प्रदायस्थ लोग २ जमाना । ३ धसाना । ४ छिपाना। स्त्री तथा परिवार छोड़ अपनी अपनी मम्पत्ति ले करके गाडर (हि सी०) १ भेट । गाउर देवो । एक माधारण भाण्डार बनाते हैं। उमौसे इनका खर्च गाडरवारा-१ मधाप्रदेशके नरसिंहपुर जिलेको पश्चिमी चला करता है। यह धर्ममें इतने उन्मत्त रहते, किसोको तहसील । यह अक्षा० २२३८ तथा २३ १५ उ० और कोई बुरा काम करता देखते तो मार डालन तकमें देशा० ७८.२७ एव ७८४ पू०के बीच पड़ता है। इसका क्षेत्रफल ८७० वर्ग मोल और लोकसख्या कोई गाजी मिया- मुसलमानों के उपास्य देवता। यह पांच १८४२२५ है। पोरोम एक होते हैं । युक्त प्रदेशके निम्नश्रेणीस्थ २ मधाप्रदेशके नरसिंहपुर जिलेको गाडरवारा तह- मुसलमान इनकी विशेष भक्ति करते हैं। कहीं कहीं सोलका मदर। यह अक्षा. २२५५ उ. और देशा० गजमा दूल्हा और मालाका चिनोला भी कहते हैं। ७८४८ पू०में शक्करके वाम सट और ग्रेटडगिडयन बहतीसानों पर ज्येष्ठमामको इनके उद्देशसे नानाविध पेनिनसुला रेलवे पर अवस्थित है। यहांसे मोहपानी उत्सवादिता करते हैं। किसी लम्ब बामको मिरे पर कोयलेकी खानको जानकी राह लगी है। कपड़े बुनने कुछ माल बांध करके उठाये घूमते फिरते और उन्हें इनका और रंगनेका खूब काम चलता है। भूपाक, भलसा विचारक कहते हैं । सुनने में पाया है कि विवाहके और सागरसे जितना अनाज इधरकी पाता, सभी इस दिवसको धर्म के लिये उन्होंने अपना प्राण गवाया था। शहरके बाचसे हो करके दूसरी जगह भावा। यहांसे गाड़ना