पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२१

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खाविन्द-खासिया कान न हुमाय मामक अन्य रचना किया। यह अन्य खासबाजार (फा• पु०) राखाके महमाके पासका बाजार। अबुल फजमके पकबीर माममें सहत है। ये सम्राट राजा खास बाजारसे ही चीजे खरोदसे हैं। हुमायू के माथ गुजरात भी गये थे । रामें १५३५ खामा (प० पु० ) १ गजभोग, बादशा का खाना । ई. को इनका मृत्य हा। शव दिनी ले जा करके २ राजाके चढ़नेका हाथो घाड़ा,गादगारको अपनी प्रमोर खशरुको पावके पास इमका लड़ा गया। सवारीका जानवर । ३ वस्त्रविशेष, कोई सुतो कपड़ा। खाविन्द (फा० पु.)१पति, खमम । २ स्वामी, मालिका या पतना भोर सफेद होता है।४ पिष्ठ कविशेष, ग्वावी (हिं. स्त्री० ) वर्ष के प्रारम्भमें नौकरों को पहलेसे किसी किस्म की मोवनपडी परी। दिया जानवाना धन वा प्रव। खामा (हिं.वि.)१ उत्तम, पच्छा । २ नौरोग, तन्दु- खाश्मरी ( म० स्त्रो०) गाम्भारी वृक्ष । काश्मर देखो। रुस्त । ३ मंझोला । ४ सुन्दर, सुडौला, देखनमें भला। खास (प.वि.)१ मुख्य, बड़ा। २ स्वाय, अपना। ५ मम्प गा , पूग।६ उपयोगी, काशमद । ३ यं, खुद। ४ खालिम, विशुद्ध, ठेठ । (स्त्रो०) खासियत (प. स्त्री.) १.स्वभाव, पादत । २ गुण, खबी मोटे कपडे को कोई चली। इसमें चोनो डान्स कर पोछे खामियः-अासाम का एक जिला, यह पक्षा. २४. ५८ बोर में भवते । बनियां के नमक चीनी वगैरह रखने तथा २०७उ० पोर देगा. ८० ४५ एवं ८२५१ को थैलो। पू०केकीच पड़ता है। इसका क्षेत्रफन ६०२७ वर्गमीस खास कन्नम ( १० पु.) अपना लेखक, निरासा मुशो, है। खामियाका २१६० वग मोल भूभाग अंगरेजो के प्रायवेट सेक्रटरी। अधिकारमें है। लोकसंख्या प्रायः २ लाख निकलेगी। खासगी (हिं.वि.) मासिकका, निजका, निरामा। खामिया जिलेका बड़ा शहर शिन। खासगश ( फा० पु०) राजनापित, बादशाह या राजाके खामिया और जयन्ती दो पहाड़ ब्रह्मपुत्र तथा बाल बनानेवाला माई। सर्मा नदीको पववाहिकाके बीच पड़ते हैं। प्राजक्स वामनरमौन (प. स्त्री०) जिला तहसोम, जिस तह. दोनों एक जिले में मिने जाते है। खासिया जिनाक सोनमें बड़ा हाकिम रहता हो। उत्तर कामरूप सथा नवगांव, पूर्वको नवगांव पोर खासदाम (हिं. पु.) पानदाम, पान रखनेका डब्बा। कछार, दक्षिणको यो (मिलहट) और पथिमको खासनवीस (१० पु.) खासकाम, पपनी ही सिखा. गारो पहाड़ है। फिर यह जिला बडे भागों में बंटा पदो करनका रखा हुपा मुंगी। है-स्वाधीम खासिया पहाड़, श्याम और बादादार । खासपुर-पासाम प्रान्तीय कछार जिसके सिसचर सरदार और लिन्दो मामक कई एक पधिनायक उपविभागका एक ग्राम । यह अक्षा० २४.५५ ३० खासिया पसल शासन करते हैं। और देशा. ८२.५७ पू०में वरायन यहाड़के दक्षिण . अंगरेजोंके अधिकृत खासिया पहाड़ में चौबीस पर- मुख पर अवस्थित है। १८वीं शताब्दोके पारम्भसे गने हैं-जिम्मा, सायत, निकोट, लायतकरी, वपारङ्ग अन्तिम राजाके १८३.में मरने तक खासपुर कछार वा वाहसन, लासकादिन. माव-बे-सरकार, माय- के राजाको राजधानो रहा । १७८०ई० को कछार समाई, मिनतेङ्ग, मावमलुह, माव पुकिर्तियङ्गा, नोड के राजा पोर उनके भाई तानमयो गो प्रतिमा प्रवेश जिगे, नोसिसकिन, नोवा, नोबरियात, नोकरो, करके हिन्दू पत्रिय बन गये । परसो गजधानी का निदः मुनिया, रामदायत, मायनसोपेन, सिङ्गारियान, सिङ्ग गंन ४ मन्दिरी, २ अन्य भवनों पोर १ सरोवरों के राज, तिरना, समानिया, मरविसू पोर जतिमा। भग्नावशेषमें मिलता है। जयन्ती में नीचे सिख २५ परगने लगते है-ममबो, खासबरदार ( फा० पु. ) राजाको सवारी पागे पागे चपदुक (कूको), दरग, जोबाई सङ्गफलट, सासो, चमानेवासा मौकर। साकादोड, मोमीरात, (मिकिर), मूबसोई (कुको)