पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१७५

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मदिनमाज-गद्य वि०) २ गदाधारी, जो गदा रखता हो ! ३ रोगी गदगदध्वनि (म पु० ) गदगदः कफादिना अव्यात- गदिनगलज-कोलहापुर जिलेके अन्तर्गत इसी मामः | ध्वनिः । १ अव्यक्तध्वनि, पम्पष्ट शब्द । गदगदध्वनि (म त्रि.) गदगदो ध्वनि र्य स्य, बहवी.। के उपविभागका सदर । यह कोल्हापुरसे ४५ | १ जिमको बोली मष्ट न हो, अव्यतध्वनियुक्त । (पु.) मील दक्षिण-पूर्व संकेशवर पारपोली सड़कके प्रवाक्त ध्वनि। निकट हिरण्यकेशी नदोतीर पर अवस्थित है। गद्गदस्वर (स० पु० ) गदगदः कफादिना पवाताः सरो लगभग १६०० ई में जब लगातार अनावृष्टि होने लगी ध्वनिः । अवाक्तध्वनि, वह शब्द जो माफ माफ सुनाई न थी तो अधिवासियोंने शहरको उक्त नदीतीर पर ला पड़े। स्थापित किया था। सभोसे यह शहर नदीतट पर बमा “ गदगद स्वर किचित प्रिय प्रायेण भवता" (माहित्या.) आ रहा है। कोलहापुरकी नाई लगभग १८वीं शताब्दीमें गद्द (#ि पु० ) १ कोमल स्थान पर किसी पदार्थके गिर- पटवईन कोण्डराव और निपामिकरने इस शहरको नेका शब्द । २ अजोग के कारण पेटका भारीपन । तहस नहम कर डाला था। इसके पाम हो एक प्राचीन गहम ( हि पु० ) पक्षीविशेष । इमका मिर पोला, पर टुर्ग भग्न अवस्था में पड़ा है। कहा जाता है कि वह सफेद और पेट लान होता है। दुर्ग कापसी वंशके पूर्व पुरुषोंका निर्माण किया हुआ | गहर (हिं वि०) अपक्क, जो अच्छी तरह पका न ही, अध- है । इसमें लगभग ७०० घर लगते और ३००० मनुष्य पका २ मोटा गद्दा ।। बाम करते हैं । यहाँ मामलतदार और मुन्सिफ माफिस | गदा (हि. पु.) १ रूई आदिसे भरा हुआ मोटा बिछा- हैं। इसके अलावे एक सरकारी अस्पताल, पुस्तकालय, वन। तोशक, गदेला । २ टाटका बना हुआ फुट भर डाकघर और विद्यालय है। इस शहरमे तोन मीलकी | मोटा एक चौकोर बिछावन । जिसके मध्यमें लगभग गज दूरी पर एक मन्दिर है जहां प्रतिवर्ष मार्च महीनमें एक | परिमाणके एक लम्बा छेद होता है। यह हाथोकी भारो मेला लगा करता है। पोठ पर बौदा कमनसे पहले रख कर बांधा जाता है। गदेला (हि. पु. ) हई प्रादिसे परिपूर्ण एक बहुत ३ घाम, ग्यान रुई आदिक मुलायम पदार्थीका बोझ । मोटा बिछौना। ४ किसी मुलायम चोजको मार या ठोकर । गदोरी (हिं. स्त्री० ) हथेली ! गद्दी (हि. स्त्री०) १ छोटा गद्दा । २ वह कपड़ा जो घोड़े, ऊट आदिकी पीठ पर जोन अादि रखनक लिये रखा गदखाली-बङ्गालके यशोर जिलाके अन्तर्गत एक नगर । यह कलकत्ते से यशोर जानेक रास्ते पर पक्षा० २३ जाता है । ३ व्यवसायो आदिके बैठनको जगह । ४ किसी बड़े अधिकारीका पद। ५ किसी राजवंशको पोढ़ी वा ५३०' उ. और देशा० ८८.६ पू०के मध्य कपोताक्ष आचार्यको शिष्यपरम्परा । नदी किनारे अवस्थित है। वैदिया जातिक उत्पातक लिये हिमालय गडमुक्त वर, सरवा और रामपुर अशलमें यह स्थान प्रसिद्ध है। इनका वास अधिक है। पापो देखा। गदगद ( स० पु० ) गदगद भावे घञ् । १ अव्यक्त गद्दी-युक्त प्रदेशस्थ जातिविशेष, गोपालन करना हो अस्पष्ट शब्द, वह आवाज जो साफ साफ सुनाई न पड़े। इनका प्रधान कार्य है। गद्दियोंको बलपूर्वक मुसलमान २ अत्यधिक हष, प्रेम। ३ प्रसव, पानन्दित, पुलकित । बना लिया गया.था। घोसियों और अहीरमि इनका ४ एक प्रकारका रोग। इसमें मनुष्य स्पष्ट शब्द नहीं बोल निकटस्थ सम्बन्ध है। गद्दो २२५ प्रकारक होते हैं। सकते, एकही शब्द बोलनमें कई बार उच्चारण करने गद्दीनशीन (फा०वि०) १ सिंहासनारूढ़ । २ उत्तराधि पडते हैं । यह रोग या तो जन्मसे होता है या लकवेकी बीमारीसे । हकलाना। गद्य (सं० त्रि०) गद-यत्। १कथनीय, कर्म योग्य । मदगदक (म त्रि०) गद्गदे चाट वाक्य कुशल: । गद 'सहाः स वियाग गयमसन त्वया स्म। (भा (1) गद-कन् । चाट वाक्यनिपुण । (को०) २ छन्दरहित वाक्य । साहित्यदर्पपर्क- Vol VI. 44 कारो।