पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१२०

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बौर पमू राज्यका हाथी सबसे बढ़िया निकलता है।। है। उसको मोनेकी सोकरमें बांधी और राजा भी १७०० ई०को जब त्रिपुरा चटगांवमें लगता था, अंग- चढ़ नहीं सकते। यह बहुत ही अलभ्य है। १८.५ रेजो लड़ाईके हाथी लानेका काम ठेकेदारोंको सौंपा | ई०को श्यामराजने एक खेतहस्तो पाया था। वह गया । उनको कड़ा पादेश रहा-त्रिपुराके उत्तर प्रान्तका १० फुट ऊंचा रहा, मत्था अत्यन्त सुन्दर लगता था । हाया मिवा सामरिक विभागके दूमरी जगह जाने न पूर्व और मध्य अफ्रोकाके इनारिया स्थानमें भो खंत पावे। इससे समझ पड़ता है कि उषणप्रदेशका जल- हस्तीका यथेष्ट सम्मान और पूजा होती है। पहले भारत- वायु हाथोके बलविधानको बहुत उपयोगी ठहरता और के कान्यकुझमे भो खेत हस्तीका समादर रहा । ११८४ वहांका हाथो बड़ा, बढ़िया और कामकाजो निकलता | ई०को कान्यकुलाधिपति जयचन्द्र ज मुहम्मद गोरोसे है। मलवार और कुर्ग राज्यका हाथी मिहलके हाथो- हारे, उनका मफेद हाथी शव के हाथ लगा। से भी हम्मका होता है। __ पगू प्रान्तमें जो हाथो मिलता, अफ्रीकाके हाथीसे सिंहलके जनलमें तोमरं पहर ४ बजे झण्डके झुण्ड किमो अंशमें निक्लष्ट देख नहीं पड़ता । अफ्रीकाका हाथी निकल पड़ते और निकटवर्ती स्थानोंम घूम फिर हाथी भो बन्लशाली और प्रियदर्शन होता है। उसको करके या ८ बजे घने जङ्गलम जा पहुंचते हैं। उचाई १४ फुट तक लग जाती है। सेनापति मेजर यह जितमो देर बाहर रहते, अाक्रमणके डरसे चोंका उनहोमने मध्य अफ्रीका, १२ फुट ७ इञ्च तक ऊ'चे हाथो देखे हैं: करते हैं। एक बार वनमें घुस जाने पर फिर उनको बोई भी खटका नहीं। हथनिया १६ वषको अवस्थामें मन्तान धारण कर- नेके उपयुक्त होती है। इसका परमायु १२० वर्ष है। देवरे मादव कहते कि हाथी १५० वर्ष तक जी सकते । मिहलमें ३०० हाथियोंके बीच एक हाथोके दांत देख पड़ते हैं। वहां छोटे छोटे हाथी हा दम्सो होत है। इनके दलमें प्रायः ८ हायी रहते, कभी कभ पंचासमे भयो तक देख पडते हैं। प्रत्येक दलमें हाथियोंसे हथनियोंको मख्या अधिक लगता है। किसनो बार हाथी अकेले भी घूमा करता है। हयनोसे चफरोकाका आयो। वायी बड़ा, डरावना पोर निर्दय हाता है। एशियाका हाथी प्रकौकाके काशीसे कितना ही .. प्रापौर श्याममें खेत हाथो मिलता, जो देखनमे अा होता है किन्तु उमके दोनों कान रसके कानोंसे । बिलकुल सफेद चलवान जैसा लगता है. । श्याम- बहुत बड़े पड़ते। फिर उमके पिछले परोंमें तीन पासियोंको विश्वास है कि मफेद हायो पालनेमे राजाको हा तीन नम्ब आया करते हैं। एशियाको तरह अफ्रीका पायुवधि और राज्यको उबति होती है। इमोसे श्याम | में हाथो नहीं मिलते, केवन मिनिगालसे उत्तमाशा राज्यमें सफेद हाथो पूजा जाता है। ब्रह्म राज्यम अन्तरोप तक ही धर उधर देख पड़ते हैं। कितनही भी खेत हौकी पूजा करते है। ब्रह्म और श्याम- | अफ्रीका वामियों को हाथीका मांस खान में अच्छा राजका पन्धतम उपाधि सतहस्तिराज है। इन देशांक लगता है। पुराने रूमी हायीके सूरको बहुत है। अधिवामी भक्तिभावसे सफेद हाथोके गले में माख पहना, पच्छा खाना समझते थे। पहले अफ्रीका देश य कुञ्जर चन्दनपढ़ा नानाविध उपचारीते उसकी पूजा करते मनुषो वश नहा पाता, अब कितना हा हिल जाता । ल देशीका समीद हाथी वास्तविक सांगी' व हाथीदांत बहुतसे कारुद्रव्यं बनते , प्रतिवर्ष HAT लीका