पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/९६

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रोप-साम्राज्य यहाको भूमिके अम्वास्थ्यकर होनेका हो अगुमान होता है। २एथे सके निकटके ड्राइभेटास शैलका तय्यार है। (Monograha di Rome rol m 1878) पढोसे पिया Harmor Hymettium मिड्डोलिका S Pretro मालूम होता है, जिउद शताम्गर्म रोम नगरर्म प्रायः स्तम्म और S Mana Iggiore मन्दिरके भीतर ४२ २५ लाम्म मनुष्योगी वस्ती थी। उस महासमृद्धशाली स्तम्भ इस पत्थरके पुदे हुए हैं। इसका रग धूसर राम नगरीन भी उम समयके उपपागी सौरमालास और इसमें नोट रगती पतली पतली रेखायें हैं । लुणांके विभूपित हो ममप्र मम्य जगत सामने रोम मानायवे मरमर पत्थरकी अपेक्षा इमका दाना बहुत मोटा दे। कोशिौरवका विकाश किया था। ३ प स नगरके निपटके पेरेलिकास पर्वतका Mar उस समय रोम नगरमें Tufa I apis Allhanus mor rentelicum,--इसका दाना दारीक और सफेद 1 at Gabisus Siler Lapis Tiburimins 14 रगका है। भेटिकानके कुमार अगएसको मूर्ति इम 11s ruteolames (Irofant) प्रभृति पत्थरको पत्धरसे दी वाटी गइ। मास्थरका देवमूत्ति या मनुष्य मालिफाये बनी थी । विद्वेरिवास, ग्लिन' आदि मृत्ति तय्यार करीक रिये इस देशी मरमरका ही आदर शेखकोंने सपा अपने प्रोंमें इन सब पत्थरों तथा उस [ था। ४ पेरोस दापका सुन्दर Harmoparsun पत्थर पी जाडाइयों के मसलोंका उरेष पिया है। इसका गठन Crystal पत्थरकी तरह है। ___ स्थापक और पजायेकी पायी होगा उस समय विभिन्न श्रेणके पत्थरोंको एकत्र जोडनेमें रोमक पष्ट ध्ययदार था। फिर पिसा समयमे प्राचीन वागगर निम मसारे यार सिमेएका व्यवहार परत रामको फोर प्रमिद्ध अट्टालिका या चहारदीवारी इ टॉकी। थे, उस पर विचार घरनसे विम्मित होना पड़ता है। वना न थी। पपल चहारदापारा, जाडाद तथा नीर्यो ] चहारदीवारी या गृहसी नीचय क्सिो स्थााम जव गुरा आदि पडरीट (Concrete) पिया जाता था। पीय मासा आवश्यकता होती थी, तब उस स्थानमें उसोयो गगस्त करनेक रिपे हदका टुकडा पत्थर और सिमेण्ट अनुरूप गुरुत्यका प थर वैटाया जाता था। पूर्यापित पा अधिक प्यपहार होता था। रोमशेने सिमेण्ट तैयार | दीलामियाम प्रामादमें दवावकरी आवश्यकता होक रममें विशेष पारशिता प्राप्त का था। कारण जोडाइक कौशल में इस तरह का अनक जटिलतायें इसाफे १०० वर्ष पहले सवस पहले रोम नगरमें मर | दिवाइ देता है। मिया इसक उस समयक रोको पर पत्थरका प्रवरन हुआ। विख्यात याग्मी समने | जुडाइको पराकाष्ठा भी दिखाई दी थी। २७ घाईमा यूनानी मोगविलास रसाम्पादनमें उसुक हो र २) पदले पाधिोन प्रासादका नायगे या दीवार विशेष पपासासे पूर्व अपने पालेटाइन शैरके महल में हार | मरमर लगानेक लिपे त्रिकोणाकार इसकी गयनो या मेमियाना ममरफा स्तम्भ तैयार किया था। इसक बुछ जोडाइ हुइ था। मभरासक समयमै और उसप यादक समय बाद अघीयर अगसक शासनकारमे ममर समयमै फ्लाय युगापेना छोटी दरोगा ध्यर- परपरका मादर सब जगह पैठ गया। और तो यया, हार हुमा का। इन छोटी जुना मसाला साधारण या राजघरानोंम उमी चिक्ने मरमरका ही गुणसे पेसा मजबूती र थी, कि आज भी उसके नमूने पयहार होने लगा। अनतरवविदोंके पित्तका काप करनेमें समय हुई है। स्तम्भादि बनानमे यही मदा मरमरका हो अधिक इटोको बना कोरियों की एक फिहरिस्त नीचे दो भात) प्रचलाया। यह परयर रगक अनुसार स्थान विशेष मग मा नासि परिचित था। रिम्त देश या पारीपटका परिमाण स्थान नामातुमार यह चार भागामे पिमत था! जुटियस माजरारामा ४४ हमास पूध ॥ पुट लूणा नदार रिनारेत उत्पन्न farmor Lunense-| पनिपार पायमोन २५ ॥ दोगमा दरारथियनम्नाम एसा परपास बना | रापरियासर पिटोरीय २३ - २ Vol XL-24 ____ाम