पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/८४

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रोम साम्राज्य पश्चिम विभागमें कनस्तान्ताइम और अनिका और । अपने पुवके लिये समन पश्चिम विभागको हस्तगत कर इटली में मापसेण्टियामने विद्रोही बार अपने अधी | रेनेशीस जिश की। कनरता ताइतके का जातिको नस्य देशों पर काना कर लिया। कालेडिनियामें वयंरों परास्त करने के लिये राइन नदी के किनारे अग्रसर होने पर को पराजित कर अधीश्वर पनस्तासियस मर गया। वृद्ध मधीभ्यरने गर्भ दे पर सेनादलको वशीभूत किया। यह ३०६ १०ी घटना है। उस समय गलेरियमने कनस्ता ताइनको नयतन सैन्यके सामने गुद फरनेमें रायशी विम्राट दशा देख कर अपने पुत्र पनस्तान्ता | अममा हो मेक्सिमियनने माप नगर माश्रय इनको सीनरकी उपाधि दे कर उमरे रिमाग शामक रिया। विपक्षियोंने गिर पर अधिकार कर लिया। बनाया और पूाथित सेरमको अगष्टसको पनस्ता ताशा अज्ञासे मन् ३१० इ०को फरवरी महीने में उपाधि दी। उहोंने उसे मार डाला। इसके एक वर्ष बाद मन् पस्ता ताइनको इस तरह सीमाग्ययदि होत देख ३२१६०को मह महीने में अत्यधिक मद्य पीने के कारण मेक्सिमियाक पुत्र और गालेरियामके दामाद मापसे । पीडित हो कर गरे रियसने परलोष पयान किया । एियासके राजेश्वयलाभको आसे इसी वाकी २०ी गरेरियसके मृत्युके बाद इस बात पर लिमिनियास अपतवरको उत्कण्ठिन रोमकोंको अपने पक्षमें लापर। मेपिसमिनम विरोध पैदा हुआ, मिक्सिरा प्राधान्य हो। रोममें विद्रोह वहा पहराइ । पुत्रके प्रति स्नेदा । अन्त में मेक्सिमिनने प्राच्य विभाजक पशियाग्वएड और धिपयश युद्ध मेक्सिमियनने विद्रोहियोंका ही पक्ष | लिसिनियासो यूरोपखएड पर अधिकार पर लिया। ग्रहण किया। यह देख फिता ही रोमा उसपे । हेम्पएर और सीय चफरास दोनोंको अधित साथ आ गये । इस तरह उसका पक्ष और भा। सीमा निर्दिए हुइ। इसी समय राम रानको उम्पति मजवून हो गया। अधीश्वर सेभेरेस अपने मह / विधा के लिये लिसिनियास गौर नस्ता ताइन एक पोगीक परामर्श अनुसार राजधानीकी ओर चला। मत हुए। कि तु मेक्सिमिश और मायसेरिटास एक किन्तु उग थाने पर नगरसा दरवाना बन्द हो गया। दर है पर छिप कर यन्ततिक विपकी दुरिल उसकी सेनाओंने सेमेरेसका साथ छोड दिया। यह कल्पना करोगे। देख यह रामे नाम माग गया। चहा मेक्सिमियनसी अधीश्वर महात्मा कनस्ता तान प्रथमने ३०६ और फोजी उस पर आक्रमण क्यिा। इस तरद सेमेरेस ३१२६०में माद और आलेमनो जातिको सम्पूर्णरूपसे परखा जा कर मार डाला गया। इसके बाट मेपिम निना य कर दिया। इसके बाद सन् ३१५ ६० वह मियानने जाल्पस् पर्वतमालाको पार वर सन् २०७० इटचासोके विरुद्ध युद्धको घोषणा कर तुरीण रण को ३१यो माचको दरवारमें वनस्ता ताइनको बुला कर क्षेत्रमें उहे परास्त किया था। दोनों ओरसे भयङ्कर गप्रस उपाधि और अपनी कन्या फगको दान किया। युद्ध होके बाद उनकी हार हुइयो। इमरे उप सेमेरेमके मारे नानेका ममाचार पावर रोमकांको रान उसने मेरोना पर घेरा डाला। मेपिसण्टियासके दण्ड देने के लिये गलेरियाम, इलिरिकामसे सपनो फौजों । सनापनि परिसियास पम्पियानास नगरकी रक्षा लप को ले पर रोमका ओर चला। वितु नानों राम सीन था। दोनों ओरष भयटुर युद्धके बाद पम्पि स्थानमें पहुचने पर फौजोंने उना साथ छोड दिया। यानास परानित हुआ। इससे वह भाग गया। यह सन् २०८६०की घटना है। __सम्राट कनस्ता नाइन इस समय लिसिनियासके साथ इस समय निगरिसित छ मधीश्वरोंने रोम साम्राज्या अपनी वद्दा निस्तासियाका विवाह पन देनेका आयो गासन किया था-मेक्सिमियानक अधीन काम्ना जन किया। सन् २१३ इ०के मार्च महीने में दोनों मिलान "ताइन योर मेपमेरिग्यम और गेलेरियसके अधीन राइ नगरमें एकत्र हुए। दोनों गिझायम फ से थे ऐसे सिनियस और मेक्सिमिन । पृद्ध अधीश्वर मेपिसमियाने समय उन सबको रणक्षेतम जाना पड़ा था। नस्तान्ता Vol x. 21