पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/४९०

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वद्गला साहित्य ४६७ (टोल) में पढ़ते थे। थोडा उमरमे ही उन्होंने कविता । सामने हैं, किन्तु हम धैमा नहीं समझते। बनाके नैपुण्य दिमा कर कविरत्नकी उपाधि प्राप्त का। घरोंका भाषा इम एक पक्तिको रचना नहीं मानते । मयुगट्टी ले पर धनराम ताप कयियोंन निम प्रकार ममय ममय पर शनमाधारणको भल इथे लिए यहुदी गाउपेनको कायाायक यना कर धगमगर मा गौड योतिगिद्ध न पिकाम निपुण गृहस्थाने हाध भी लगे काय पार लिया, महदेव चयापत्तोंक अपने उस प्रकार , उसामे या यनोंम बौद्ध और हिन्दू दोनों कुछ भी न पाया। शषि महदयय पृष्न् अयमें राउ, प्रमादर्शन मिलेगा। सनका प्रसग नहीं है। सहदेवका बादश रमाइ पण्डिन । पौदरनिशा फा रायपुराण । शन्यपुराणके मतानुमार महदेवा प्रभार यहुत दिक्ष गौवङ्गसे तिरोहित होने पर प्रय रनित होने पर भावे यह बात साकार नहीं करते। भी चशाम अञ्चलम आज भी बोर समाज विद्यमान है। उन्होंने ठादिपुराण' गौर अनि पुराण' बहवर अप' उन लोगोंक धरम पाली वा मगा भाषामें मरण्य प्रणा परिचय दिया है। लिखे है। जासाधारणको ममझान के लिए यवमापार्म अपर जिा सा फयियों का नामोरेप किया गया, कोइ कोई प्रय अनूदित वा मटूरित नही हुआ है सो उनमे पवित्यमें, पदलालित्यम, स्वमायधणनर्म और दी । पर हा, उन सब प्रधोका अमा बम प्रचार है। उद पनाके गुणमें बरि सदर चा रत्ती समो कपियोंस वौद्धरशिया' TIम पषमात्र चट्टनामी बौद्धप्रपा उशासन पानेक अधिकारी है। सधा पाया गया है। यह वीरशिका पादुत्ता' नाम धनराम चमात्तीको बोजस्मिनी रेपनी गुणसे जिस मगी बौद्वप्रथामावानुराद है। इसमें युददेवको पाल्य प्रकार धर्मपुराणमूर पोदमार छिप गया है कषि लोलामे ले कर धर्मप्रचार तक सविस्तर हाल लिया महदरक पर्णनागुणम मा उमा प्रकार शून्ययुगगक है। इस कारण यह प्रय बौद्ध समापी अति प्रिय घन्तु स्पष्ट वाजप्रमाया निदशन एक्दम दिमारार हो । नीलकमल दाप्त इम प्रयक रचयिता हैं। चनाम गया है। सहश्यफ हाथरस धगठाकुग्ने मानो हिददाता पहाटी प्रदेश राजा गोधरम् यस्म पाबहादुरको पक्षी धारान यमका रूप धारण किया है। पारिन्दा रानीकी आमासे यह प्रग्य रजा गया था। ____धम मदन सिफ सभिा परिसय दिया गया। शेपमाव । इम मिया और भाक्तिने धगमनल है जो घा बड्डामा प्राधान इतिहास इस बात साक्ष्य पण्टिन या शोमपण्डितो घर वालो तरह रखे हुए है। प्रदान करता है, कि परम माइभ्वर सेरानागौन ही 4 जनमाधारण दाय सहसम लगनको नहीं है। बौद्धपारराज्य पर अधिकार शिक्षा | शेत्र हायर मार बारमाम। बौद्धका पराजय हुइ तथा शेषनागौद समाजको धर्मफ गाफ समय सोमजानाय गान्न मन्यामो भारममात् करना चटा का पाठ शेर गौरवाजों के गिसो किमी स्थाT नालार यारमाम' गान परत हैं। मध्य इस प्रकार एकीकरणका प्रया मान भी प्रचलित उम गानको रमनाशैला दपनम मालूम दोना, कि घर मा पाता है। पन कुछ बोरयुगा रखना है। शिवायन और मानुध-गह। मा पुरुषका पन। निमाम्फे मम्यधर्म को मय प्राय हमारे हाथ इमाम सरपुर पचन मामम पहुन दिनोंसे रगद, या मागदाम पिचकानियाय मबसे पुरा पचन प्ररित है। उनकी भाषा मागेवता प्राचीन । स रायन ३०० पपराहम्नलिपि हमने करने पदरदन प्राचान समझा रायगी। दगी है हम कारण रिप? राम उमस भी पहुल मा पचा। । पहले फे भादमी , सम जरा मो मगह नहा। रपनाप पानों को मी पटुगरे बौद्धयुगा पा रामर एr मुरत थे। उनकी रचित पिका rol Lu 123