पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/४०२

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४७ जाना है। शेवरणसे धारे धीरे सज वर्ण पर मज | जैसा पदाघt नीचे चला जाता है। इसको हाइट यपास रोहितामायुरू हो जाता है। | कहते हैं। हाइटके नर को गलग करनस आफ्साइड फेरास फ्लोराइस। लौहमी दाइसोक्लोरिक एसिडमें | पाया जाता है। फेरिक आरमाइड क्षारादि पदार्थों में जलानसे तैयार होता है। यह अत्यात जलशोषक पदार्थ | ही गल्ता। यह पसिने गल जाता है। है। यह देखनेमें सन्न होता तथा पल एच मलकोहल । फेरसो फेरिक माफ्साइड। समभाग फेरास पय द्रावण उत्पादन करता है। वायुसे यह विकृत हो कर फेरिक सल्फेटक दायको आमोनिया मिला कर तपासे परिष लोराइड पर भाफ्साइसरूप धारण कर लेता है। काले रगका लोप हो जाता है। यह साइट्रिक एर हाइ फेरास आयोसाइट।-आयोमिनके दायकके साथ | योहारिक एसिडमें गल जाता है। सौद मिलानेसे यह तैयार होता है। यह वायुसे रिस्त ! फेरिक क्लोराटा-फेरिक माफ्ताइडको हारशेहो हो जाता है इसलिये चीनोके रसके साथ औपच रिकमें गलानेसे यह तैयार होता है अथवा रोहको ध्यरहार करनेका विधि है। हाइटोक्लारिक एसिएमें गलानेके बाद उसमें नाइट्रिक फेरास सफाइड। हाराक्सीसके द्वााकमें क्षाररिन पसिह मिला कर उबालोर फेरिक क्लोराइड प्रस्तुन हो सल्फा मिलानेसे काला सल्फाइड भघ स्य हो जाता | सकता है। है। इससे घायुमें रखनेसे फेरिफ अक्साइड एव । जर शून्य फोरफ छोरा तैयार कराने तपे हुए गया उत्पन्न होती है। लाल लोहके साथ कारिण याप मिलाना होता है। फेरास सल्फेट या होराकस।-जल मिश्रित सल्फि यह अत्यग्न जल शोगा होता है । यह जल अलकोहल उरिक पमित्र द्वारा लोहको जलानेसे यह तैयार होता घरमें गल जाता है। है। यह सम्नयण तथा दानेदार पदाया है। इसके पर फेरिक सल्फेट |-दीराक्सीसके साथ सहित अणुमें एक अणु जल मिलानेसे मो इसके दाने रिक एसिड मिला कर, एर उस मिरे हुए पसीस और गाकार नष्ट नहीं होता । जल अयया मलकोदर में | | सलिफउरिष नाइट्रिक एसिड मिला कर उदाग्नसे आसानोसे गल जाता है। लोहितोत्तापसे होराक्सास फेरिक सल्फेट तैयार होता है। हाइड्रेट, कार्मनेट, वित होकर सकर साइमापसास था ट्राइओक्सा | फस्फेट पर सफाइये घटाया फेरो सायानाइट चाप्प पर फेरिक अपसाइटमें बदल जाता है। माय पोटासियमफ दायर योगम फेग्स श्रेणीरे नारसन (Nordhausen ) सपिउरिक एसिड तयार तवणक योगिरूपमें अघय होता है । यायुफे परनेमें यह व्यवहत होता है। होरासीसका द्रावण | ससर्गसे यह घोरे धोरे नीलपर्णम परिणत हो जाता पायुस्पृष्ट होनेस पेसिर फेरिक सल्फेर पैदा हो। है । पेरिसायाना: भार पोटामियम मिटानमे जाता है। गाढा नीर रग पुउपोका पट जाता है। इसे रर्णयुर पेरास कानट 1-हाराक्सासफे द्राव में कार्वा | ग्लू पाहते हैं। सल्फोसाANTIRE मार पोटासियाके नेट मार सोडा मिगनेसे श्वेतवर्ण कानटारोप साथ फेरस घेणीके लवणादिन रिसा प्रकारका परि हो जाता है किन्तु हार की तरह वायुस्थ माक्सिजन | वर्तन दिखाई नहीं पड़ता। फ मयोगसे हाईट बन जाता है। ____ फेरित घेणाके यौगिाफे क्षारादि पदाओंसे हार फेरास फास्फेट -पालट माय सोडाक द्रायणशे] देर बनता है। शारघटित मर फाइद अधस्य हो जाना दाराक्सीमक द्रायणम दालनसे श्वेतपर्णके फेरास | हैपय दसम गया मिला दुमा नजर माता है । परस पाम्फेरा लोप हो जाता है। में यह नहीं रहता है। फेरिप यापमा-फेरिफ होराइवे द्वायफमें पेरोसायामास माय पोटासियम साथ गाढा भाररित दायक मिलने पाकिला यणका चूर्ण' गोलयर्ण फोश पहजाता है, इसे सियन स्ट्र कहते हैं।