लाहोर लाहोरी बन्दर ३०४ नगरको एक पके पथने चारों आरसे घेर लिया है। इसी , लाहार नगरमे कई जो राजकीय और शिक्षा-विभागीय पथसं चहारदीवारीके १३ दरवाजोंसे नगरमें प्रवेश इमारतें दिखाई देती ६, उनमे पक्षाब यूनिवरसिटी और करना पड़ता है। नगरके उत्तर पूर्व कोन प्राचीन नदी सेनेटहाल (देशी राजाओं और नवावों के चन्देसे प्रतिष्ठित) खात तक लाहोरका किला फैला हुआ है। किले के सामने ओरियण्टल कालेज, लाहोर गवर्मे एट कालेज, मेडिकल एक बडा मैदान दक्षिण और पूर्वको ओर बहुत दूर तक स्कूल, सेण्ट्रल ट्रेनिङ्ग कालेज, ला स्कूल, मेटरनारी स्कूल, फैला हुआ है। लाहोर हाई स्कूल, मेओ अस्पताल, म्यूजियम, रवार्टस. लाहोर नगरके रास्ते का चौडे और टेढे होने तथा इनण्टीच्युट, लारेन्स और मोटगोमरी हाल और एनि. वहाकी ऊची अट्टालिकाओंके उन्नन मरतक और श्रेणी- इटोरल सोसाइटीका मकान देवनेको चीज है। वद्ध भाव खडी रहने के कारण नगरकी कोई शोभा नहीं. यहाका वना रेशमी वस्त्र, शाल, सुनहली और रुपहली होतो। एकमें एक मकानों के सटे रहनेग्ने स्वभावतः ही सच्चे जरीके कपडे, वरनन, पत्थरके खिलौने और गल्ले. रास्ता बुरे दीख पड़ते हैं। किन्तु मुगल-सम्राटोंके का बहुत बड़ा कारोबार होता है। यह सब चीजे रेलपथ समयमै जो अत्युत्कृष्ट और शिल्पनैपुण्य समन्वित सुन्दर ' से करांची बन्दरमें लाई जाती और यहुतेरो चीजे अट्टालिकाये वनी थी, वे लोगोंके चित्तविनोदको अवश्य , विदेशमें भी भेजी जाती हैं। जो चाजे भेजी जाती सामग्री थीं। मुगल कौतियोंमे नगरके उत्तर-पूर्व कोने हैं, उनमें गला ही विशेष उल्लेखनीय है, उसमें भी गेह में अवस्थित औरङ्गजेवकी बनाई मसजिद, रणजित सिह वहासे अधिकतासे विदेश भेजा जाता है। कलकत्ता, का समाधिमन्दिर विशेषरूपसे उल्लेखनीय है। मस अम्बाला, पेशावर, मुलतान और दिल्ली आदि भारतके जिदके सादे मरमरके बने गुम्बज और शिखर-स्तम्भ, प्रसिद्ध नगरों में भी आवश्यकतानुसार चीजें भेजी जाती रणजित्के समाधि-मन्दिरका वरामदा और गोलाकार | हैं। यहांको और यूरोपीय वणिकोंको सुविधाके लिये यहा छत और अध्यवहन और अपवित्रीकृत मोगल-प्रासाद इम्पेरियल बद. आग्रा बडू, मिमला बड़ और एलायन्स के सम्मुख भाग भारतीय कारीगरीका नमूना है। वड़ ( यह वह फेल हो गया) आफ सिमला आदि अनेक __नगरकी चहारदीवारीका बाहरी भाग लाहोरी दर वड मौजूद है। गजेके सामने एक रास्ता दक्षिणकी ओर आया है । यह लाहोरो दन्दर-बम्बई प्रसिडेन्सीके सिन्धु प्रदेशके अनारकली या सदर-बाजार रास्ता नामसे प्रसिद्ध है। कराचाके अन्तर्गत एक प्राचीन ओर प्रसिद्ध वन्दर । यह यह पथ देशीय नगर भाग यूरोपोय वस्ती और अनार सिन्धुनदके पश्चिमाभिमुखमें वहतो हुई वाघिया नामक कलीके पूर्वतन सैन्यनिवासके साथ सटा हुआ है। शाखामी बाई ओर अक्षा० २४.३२ उ० तथा देशा०६७ लाहोर नगरके यूरोपीय विमागमें राजकीय कार्यालय, २८ पू०में अवस्थित है । पिति मुहानेसे यह १० कोसको • अदालन और स्टेशन चर्च विद्यमान हैं। अनारकलीसे दूरी पर है। समुद्रकी इस खाडोके मुंह पर मिट्टी जम पूर्व ओर लारेन्स उद्यान और गवर्नमेण्ट हाउस तक जानेमे खानका गहराई कम हो गई है। इस समय प्रायः ३ मीलों तक जो यूरोपीयन नई वस्ती हुई है, वह | वणिकगण छोटे छोटे जहाजोंको उस खाडोसे वन्दर पर डोनाल्ड टाउनके नामसे परिचित है! वहाके छोटे लाट नही ला सकते हैं। मटन कहते हैं, १६६६ ई०के पहले सर डोनाल्ड मेकलिउडके नामानुसार इस नगरका नाम-! यह सिन्धुप्रदेशका एक प्रसिद्ध वन्दर था तथा २०० टन करण हुआ था। मल (Mall ) नामक चौड़ा रास्ता वोझको लिये जहाजे अनायास ही इस वन्दरमें माल ले इस यूरोपीय नगरके वीचसे - अनारकली तक गया है। कर प्रवेश करता धा । १८वी शताब्दीके शेप भागमे इस . उस रास्तेकी उत्तर तरफ रेल-स्टेशन और रेल कर्मचारियों- जगह अगरेज पणिकोंको एक कोठी थो।.. के रहने के लिये गुमटिया वतो हैं तथा इसके दक्षिण इस वन्दरका प्रकृत नाम लाड़ी-वन्दर था। कारण , कार यूरोपीयनोंकी वस्ती देख पडती है। । यह प्राचीन लाट वा लाइदेशके अन्तर्मुक्त कह कर
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