पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/२४४

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सामान्तराप-तापा २४६ स्थान लामा विषय विचार करना होता है। इस बौद्धयतियों के मध्य श्रेणीविभाग परफे उनके प्राचार लिये इसे लाभधान पहने है। प्परहारकी प्रणालो गिद्धारित कर दी। आगे चल कर हस्ता, अश्व, यानधाहनादि, उत्तम भूषगादि, गया, उस प्राचीन पद्धतिका बिलोप हुमा तथा १५वीं सदीके धनरतादि कया, मायु विद्या और अथराम पे सब भारम्भमें वर्तमान घगपद्धति सम्पूर्ण पृथक और माधोन विषय रामाधानसे अर्थात् लानमे ग्यारह स्थानका | भायमें मगठिन हुई। सुप्रसिद्ध लामा स्मेनम्वापाने निचय करना होता है। १४१७१०में लामा नगरीमें गा रदन मदोराम स्थापन गमान्तराय (म.पु.) वह अत्तराय म जिमफ उदय किया तथा खय उस मन्ये माष्टमध्यप दुर। जन होनेसे मनुष्पफे लाभ, विम पडना है। साधारण उनको पदी श्रद्धा करते थे। उनके प्रति लाम्य (स यो०) म ण्यत्। लाभ, फायदा। लोगो की पेमी अवला भत्ति हो गई थी, दि उनकी लाम (दि.पु.) १ मेना, फौज। २ बहुत-से लोगोंश सन्तानस ततिको भी ये लोग देश समुदभूत समझते थे। उमी विश्वास के पल उनके पुत्रपौवादि जाज भी रामफायन (स.पु.) १ रमता गोनापत्य । (पा उम मठ के अध्यक्ष हो पर है। फितु सा नगरके AIEE) २ पक आचार्यका नाम । सनष्ठ वौद्धधमाचाय दलालामाने तथा तपिरहणपोके लाममायनिन् (म०ए०)माया नावाध्याया। पञ्चेन् शनपोषक धमप्रभावने जनसाधारण चित्त नाम (हि.पु.) एक प्रकारका तृण। मयुक्त प्रदेश, मारपण क्थिा, तब पूोक्ति गादन मठाधिकारो की पजाद और सिंघम प्राय बारहों महीने यह पाया जाता समस्त प्रतिपत्ति मा हो गइ। शेपो दोलामाको देय है। यर पसका तरहका और कुछ पीले रंगका होता मम्भूत ज्ञान पर ये लोग देवतापे ममाT 3 मानने है इमरिये इस पोशावाला भी कहते हैं। इसकी जहके | लगे। पामका भाग मोटा होता है और उस पर रोप होने हैं। दहलामा जननाव निकट ध्यानी वोधिसरप्रेन इसका इटल सीधा होता है जिस पर चिकने पतले टोर रेशाफे सशसम्भूत वा उ हौंक गयतार मम पाने । येत होत है । वैद्यको इसे बनेपा, मामयातम रोगो का विश्वास है, कि दोघिसत्त्व चेनरेती व मिस पसीना जानेगला घरको माफ करनेवाला, अजीर्ण मनुष्यशी दहमें प्रविष्ट दो पर धराधामम अवतीण होनेकी सांसो मानिदरपरनयाला और विशचिका तथा मरमें | इच्छा करते, तमा अपने शरीरसे एक सपा पोलिस लामारा माना जाता है। निवार र उम मनुष्यका देहमें मिला देते है। इससे साम (स.को..समज नामक तृण | सामनउस मनुष्यकी दहमें देवमायको आविर्भारो नाता है। दवा । २१स गोर। पञ्न् ऋन् पोछे नामक लामा चेनरेगी वोधिमत्यफे लामप (दि.पु.) १५ प्रकारका घास जो प्रायः कमर | पिता अमिताभका अवतार माने जाते है । भूमि में पाइ नाता है। पिवद तो है, कि त्सोनसापा- अपने दो प्रधान एमा ( PTA }-रिवना योद्धपतिमेद। इन नियोको पुनः पुन जन्म परिप्रद पर वीद्धधम कापाय लोगोंक मध्य सम्प्रेष्ट बौदहन्यासा दल लामा कह । सतारक्षा तथा परिपालनफे रिपे हुकुम दिया। उन्होंने राते । महोरियान बौद्धधर्म शशित हो कर ही सबसे पहले उन दोनोंका याचायमर्यादाको पृथरता तितस्य धर्मयातको का यह नाम रपा था। और प्रधानता बतलादा । सो प्रकार टपरोक्त देयान निम्नतीय मापामे परामा दम श्रेष्ट तथा महलोलाय सम्भूत होगी रामाकी उत्पत्ति है। Comsी यश दासे ममुहमा माता है। सारिकासे मालूम होता है, कि गेदुन नबने (जम्म राजामिद मानन (१२८८६ १०में) तिम्पतीय १३८६६०, मृत्यु १४३३१०) मरा पहने परयमन् • विपत-भागर्ने माती २ अनुपार्य। पोरेशी उपाधि प्रहण की थी। माज मा लामा rol x 63