रुपया पाया था। 1 ८. करनूल -करन्धम बने। किन्तु पठान-नवाब उनसे असन्तुष्ट रहे। यहां शिक्षाका सुप्रचार नहीं। जलवायु स्वास्थकर गचोटीमें हिम्मत खान बहादुरने उन्हें मार डाला। है। पश्चिम और उत्तर-पूर्वसे अधिक वाघु पाता है। उत्तेजित सैनिकों ने हिम्मत खान्के भी टुकड़े | जूनसे सितम्बर मासतक वष्टि होती है। नलमलय उड़ाये थे। फिर नज़ीरजङ्गाके दूसरे भतीजे सलावत पर्वतके नीचे बरका प्रकोप रहता है। मैदानमें खान सूबेदार पुये। १७५२ ई०को हैदराबाद लौटते गोचरभूमि नहीं। पशु पर्वत पर चरते हैं। किन्तु उन्होंने भाक्रमण मार करनल अधिकार किया था, ग्रीम ऋतुम पर्वतकी घास नल जाने से पशु भूखों किन्तु कुछ रुपया वे हिम्मतखान्के भाई सुनब्बा ' मरते हैं। करनल, कमबम और नन्दियाची दातव्य खान्को सौंप दिया। थोड़े ही दिन बाद हैदर, औषधालय विद्यमान हैं। अलीने करनूल पाक्रमण कर दो लाख (गडवाल ) २ करनल जिलेके रमलकोट परगनेका प्रधान नगर। यह प्रक्षा० १५.४८५८3० और देगा। १८०० ई०को यह जिला कड़प्पा और बारीक ७८.५२८” पू०पर अवस्थित है। लोकसंख्या २० साथ अंगरेजीको दिया गया। उस समयसे नवाव सहस्रसे अधिक पाती है। यह करनूल जिलेका अलिफ खान एक लाख (गडवाल ) रुपया प्रतिवर्ष । हैड क्वाटर है। हिन्द्री और, तुमभद्रा नदीके सनम सरकारको पहुंचाते रहे। १८१५१०को भलिफ पर वमती पड़ी है। भूमि पावत्य है। स्थानीय खान्के मरने पर उनके भाई मुज़फ्फर जङ्गाने / दुर्ग गोपाल रावने बनाया था। १८६५ ई०को इसका सिंहासन और दुर्ग अधिकार किया। अलिफ खान्के सामान उतारा गया। प्रापरणपटके गिराये जाते मी ज्येष्ठपुत्र सुनावर खान्ने अंगरेजीसे साहाय्य मांगा चार व ( बुर्ज ) और नौन हार विद्यमान है। इसमें था।- फिर वहारीसे करनैल मरियट फोन लेकर नवावका प्रासाद था। १८७१ई तक दुर्गमें सेना पहुंचे। मुजफ फर खान् करनलसे निकाले और रही। किसी समय करनूल में विशूचिका अधिक सुनबर खान मसनद पर बैठाले गये थे। १८२३ देख पड़ती थी। किन्तु म्युनिसपलिटाने कितना हो ई० को सुनव्वर खान् मरे। उनके भाई मुजफफर धन व्यय कर इसका स्वास्थ्य सुधारा है। फिर भी करनल सिंहासनारुद होने पा रहे थे। किन्तु उन्होंने नहर निकलनेसे ज्वरका वेग बहुत बढ़ जाता बल्लारीके निकट अपनी पत्नीको मार डाला। इससे है। १८७७-७८ ई०को दुर्भिक्ष पड़नेसे करनूल पर वह बारीके किले में कैद हुये और १९७८ ई०को बड़ी विपद पायो यो। रेनका गूटी ऐयन ३० कोम मर गये। दूर है। इसमें पाधे हिन्दू और पाधे मुसलमान १८३८ ई० को समाचार मिला करनूलके नवाब रहते हैं। गवरनमेण्टके विरुद्ध युपकी त्यारी वारने में लगे हैं। करनैल (प. पु. -Colonel ) सैन्यदलाध्यक्ष, फौज- अन्वेषण करने पर मालूम हुवा-दुर्ग तथा प्रासादमें का अफसर। यह ब्रिगेडियर जनरलके नीचे रहता है। अस्त्रास्त्र और गोली वारूदका देर किया गया है। करन्धम (सं० पु०) कर धमति पग्निमयोग करोति, कर-ध्या-खम मुम् च । घय परमपापिषमाय। फर अंगरेजीने तीक्ष्ण युद्धके पीछे दुर्ग और नगर पधिकार किया। नवाव हिन्दी नदीक वामतट पर पा शरा३७। सुवर्चाः, इलाकुब नौय स्वनीनेत्र नामक जोरापुर ग्रामको भागे थे। अन्तको उन्होंने आमसमर्पण | राजाके पुत्र। सत्ययुगके समय मनु-वंगमें खनीनेत्र वह विचनापलीके किलेमें बन्दी रहे। वहां राजाने जम लिया था। वह अतिपय उत रहे। उनके एक भूत्यने उन्हें मार डाला। उन्होंने खोय माद और प्रजावर्गको निरन्तर सताया। उहत्वप्रतिशतः प्रभाको रिझा वह सोय पूर्वपुरुषो- जबत् हुवा और उनके वंशनोंकी पेनशन मिया। चित यय पान सके थे। परिष में दिम्बिक्यो ना १८५८१ को करन्स जिया बनाया गया।.. किया। उनका राज्य
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