. करनाल । पानी- करनाल। जिलीको पपेक्षा इस जिले में वृक्ष अधिक हैं। चमड़े के कुप्ये बनते हैं। ग्राणा रोड' करनालके धातु, नमक और नौसादर होता है। कैथल बीच दिल्लीसे अम्बाले तक लगी है। नदी और नहरमें तहसीलमें नौसादर बनाया जाता है। नाव चलती है। शिकारके लिये प्रसिद्ध है। हरिण, नीलगाय और करनालमें डिपटी कमिशनर, असिष्टण्ट-कमिशनर दूसरे मृग बहुतायतसे मिन्नते हैं। नहरोंके निकट पौर तहसीलदार प्रवन्धकर्ता हैं। पुलिसके १७ थाने अनेक प्रकारके पक्षो विद्यमान हैं। यमुना, दखदल बने है। करनाल में एक जैल है। यहां पशवों की और ग्रामके तालाश्में मछलियां भरी पड़ी हैं। चोरी अधिक होती है। सानसिये, बलूची और तागू इतिहास-करनाल नगरको कर्णने बसाया था। कुरु चोर समझ जाते हैं। करनाल में शिक्षा बढ़ रही है। क्षेत्रका अधिक अंश इसो निलेमें आ गया पानीपतमें अरबौका बड़ा मदरसा है। लोग हिन्दी पतके मैदानमें तीन बार घोर युद्ध हुवा ।' १५२4 बोचा करते हैं। ई०को बाबरने इब्राहीम लोदीको हराया था। फिर प्रायः करनाल, २८ दश्च वष्टि होती है। किन्तु १५५६ ईमें धकबरने शेरशाहको यहांसे मार भगाया। कहों कहाँ १८ इससे भी कम पानी पड़ता है। नहर १६१ ई०को ७वीं जनवरोका अहमदशाह दुरानोने किनारे ज्वर, संग्रहणी और उदरव्याधिका प्रावल्य मराठोंको नीचा देखा दिल्लीका सिंहासन पाया। रहता है। समय समय पर शीतला पौर विशूचिका १७५८ ई में नादिरशाहने मुहम्मदभाइको फौनको भी फूट पड़ती है। इस जिलेमें इ दातव्य औषधालय परास्त किया था। १७६७ को सिख देसूसिंहने प्रतिष्ठित हैं। कैथलका किला लूट लिया। फिर झोंदके राजाने '२ करनाल जिले की तहसील क्षेत्रफल ६२ करनाल का.निकटस्थ देश अधिकार किया था, किन्तु | वर्गमील है। लोकसंख्या सवा दो लाखसे. अधिक मराठौने १७८५ ई में उनसे छीन जाज टोमसको लगती है। ० फौजदारी और ६ दोवानी पादालतें हैं। दे दिया। राजा गुरदिन सिंहने, टोमसको हटा वहां ३ करनाल जिलेका प्रधान नगर। यह पंचा अधिकार जमाया पौर १८०५ ई तक अपना राज्य .२५. ४२११०उ० पौर देशा० ७७.१४५“पू०पर चलाया। अन्तको अंगरेजोंने उसे उनसे छीन अपने अवस्थित है। करनाल अत्यन्त प्राचीन नगर है। राज्यमें मिला लिया। १८४३ ई०को कैथल-अंग स्थानीय दुर्गमे बहुत दिन तक अंगरेजोको' छावनी ग्लोंके हाथ लगा था। १८५० को थानेखर सिखोसे रही। सन् १८४१ ई०को फिर अंगरेजोंने यह ढुंग छूटा। यमुनाके उस किनारे रेलवे लगी है। करनाल में छोड़ दिया था। १८५०ई०को कावुलके प्रमौर दोस्त कविकार्य भोर व्यवसायको कोयी कमी नहीं। यहां मुहम्मद यहां छह महीनेतक बन्दी रहे। गैई बहुत होता है। खरीफमें चावल, रुयो, अख, करनाल-उचभूमि पर बसा है। नौचे यमुनाकी ज्वार और दान बो देते हैं। खेत.खुब सोंचे नाते नहर बहती है। नगरको चारो ओर १२ फीट ऊंचा खाद डालनेको चान भी चल पड़ी है। प्राचीर खुड़ा है। लोकसंख्या प्राय: २५ हजार है। अम्बाला, दिली और हिसारको करनालसे अनाज नहर और दलदलके कारण ज्वरका प्रकोप रहनेसे बसती तथा कच्चा माल भेजा जाता है। मामलो गुड़की कुछ उजड़ गयी है। सड़कें पक्की होते भी तय है। मण्डी है। बाहरसे विज्ञायतो कपड़ा, नमक, जन करनाल-बम्बई प्रान्तके थाना जिलेको एक दुर्ग तथा और तेलहन पाता है। रूयौ कपड़ा दुनने में लगती, पर्वत। यह प्रचा. १९. ३५.३० और देशा० ७३' है। कैयन और गूलको महीसे हजारों रुपयेका १० पू०पर वैगवती नदोसे कुछ मौत पथिम प्रवखित नौसादर तैयार होता है। करनाल, कम्बल, बूट है। इसमें एक उच्च और .एक निम्न दुर्ग विद्यमान तथा मौके नक पदार बहतन. और, पानीपतमें है। उच्च दुर्गपर १२५ फोटका एक धूममान बना IV. - . Vol. 20
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