पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५२७

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२ क्रिया, काम। इस कारीगरी। ७ वृद्धि, सूद। इसमें थोड़ेसे बड़ा ५२८ कारापथ-कारिकाल सत्यादिका, ६-तत्। शब्दोत्यादक श प्रभृति, एक | कारिका (सं० स्त्री०) करोफोति, का-खुल-टाप प्रत बाजा। इत्वम्। १ अभिनेत्री, नटिनी। कारापथ (सं० पु०) देशविशेष, एक मुल्क। ३ विवरण, तफसीन्न । ४ श्रीक, शेर। देशके शासनकर्ता लक्ष्मणपुत्र राजद और चन्द्रकेतु थे। ५ शिल्प ६ यातना, तकलीफ। "माद चन्द्रकीनुस लामो ऽप्याम सम्भवम् । शासनात् धनाथस्य चक्र कारापयेश्वरी ।" (रघुवंश १५३०) ८ कण्टकारी, कटैया। ८ बहु अर्थबोधक अल्प प्रक्षर कारापाल (सं० पु.) कार कारागार पालयति विशिष्ट कविता, एक शायरी रक्षति, कारा-पाल-अच् । कारागार रक्षक, कैद- मतलब निकालते हैं। १. कों, करनेवाली। खानेका मुहाफिन। ११ मर्यादा, इद। १२ एक सहीष रागिणी। काराभू (सं० स्त्री०) काराय बन्धनाय भूः स्थानम् । कारिकान-करमण्डल उपकून्नका फरासीसो उपनिवेश बन्धनस्थान, कैदको जगह। और नगर। तामिम भाषामें उसे 'कारिखाल' अर्थात् कारायिका (सं. स्त्री.) के जल भराति विचरण- मछताका नाला करते हैं। उसके उत्तरपयिम एवं स्थानत्वेन रखाति, क-श्रा-रा-रख ल्-टाय इत्वश्च । दक्षिण तब्बीर राज्य और पूर्व वनोपसागर है। १ सारसी, मादा सारस । २ बचाक्षा, मादा बगसा । कारिकात प्रदेशमें कोई ११० ग्राम विद्यमान हैं। कारावर (सं० पु.) चर्मकार जातिविशेष, एक चमार लोकसंख्या ८१ हजारते अधिक है। कावेरी नदी निषादके पौरस और वैदेही स्त्रीयो गर्भसे यह जाति पांच मुख हो कर वसे सागर में जा गिरी है। उक्त प्रदेशके प्रधान नगरका भी माम कारिकान है। उत्सव है। "कारावरो निषादानु धर्मशार: प्रसूयते ।" (मनु (१६) वह अचा. १०.५५ १०"० और देशा० ७६ ५२ कारावास (सं० पु.) कारायां वासः, ७-तत्। कारा. २० पू० परं समुद्रसे कोई पौन कोस दूर अवस्थित . गृहमें रह रहनेको स्थिति, कैद। है। सिंहलद्वीपके साथ कारिवालका बारहो मास- कारविश्म (सं० को०) कारा एव काराय वा वैश्म चावलका वाणिज्य चलता है। उसको छोड़ पाण्डा- एहम्। कारागार, कैदखाना, जेन्न । मान दीप और फरासौके साथ भी वाणिज्य होता है। काराष्ट्र (सं० पु.) १ कराष्ट्रदेशीय ब्राह्मण। २ कराष्ट्र वसे नाना स्थानोंको भारतीय कुली भेजे जाते हैं। देश। महाभारतमें यह करहाटक नामसे उक्त है। कारिकान बन्दर में एक प्रालीकार है। वह समुद्रसे वर्तमान नाम कराड़ है। कराष्ट्र देखो। २२ हाथ ऊपर स्थापित है। कारि (सं० स्त्री.) क्रियते असो, वा इन् । विमाषाख्यान १७३६ ई. को फरासीसियोंने कारिका वा परिप्रत्रयोरिषच । पा २१५१ क्रिया, फेल, काम । (वि०) एक दुर्ग निर्माण किया था। करोति, क्त-वन । अदाचा कारुषु । उच् ॥१८२ शिल्पी, राजासे फरासीसियोका विवाद उपस्थित हुवा। कारीगर। १७१४ ई. को ५ वौं अपरलको तस्बीरराजने ससैन्य कारिक (सं० ली.) कारि स्वार्थे कन्। क्रिया, काम। कारिकाल पर आक्रमण किया था। किन्तु १७४८ ई. कारिक (हिं. स्त्री०) खरकूत, फरवेकी एक चिकनी की २१ वौं दिसम्बरको उन्होंने कारिका और तत् .लकड़ी। यह तानेको ठीक करती है। ससम्म ८१ प्राम फरामीसियायी दे डाले। १७६. ई- फरासी. को अंगरेज-सेनान कारिकात घेरा था। कारिक, (प. पु.) कु.रको करनेवाला। कारिकर (सं..त्रि०) कारि क्रियां शिल्पकर्म इति सियोंने दग दिन अनवरत युद्ध किया अंतमें ५ वीं: अपरेसको अंगरेजोंके वाघ प्रामसमर्पण किया। उसके यावत् करोति, कारि-वट। शिल्पकारक, कारीगर। कारिकरी ( सं० स्त्री०) कारिकर-डीए । शिप पोझे फिर वारिकाल तीन वार अंगरेजांके हाथ लगा। कारिणी, कारीगर औरत। १८१७१० को १४ वौं ननवरीको उक्त स्थान सर्वदांके अल्पकाल पौई हो