४७६ कामित-कामुकायन 1 औरत। पा शशरपून १ कामी, कामित (सं० त्रि.) कम-णिच-ती। १ अभिलषित, १ चक्रवाक, चकवा। २ कपोत, कबूमर । ३ चिड़ा। चाहा हुषा। २प्रार्थित, मांगा हुवा। (ली.) ४ चन्द्र, चांद। ५ ऋषभ नामक एक पौषधि। ३ अभिलाष, खाहिश। ६ सारस पक्षो। ७ विष्णु। कामिता (सं० स्त्री०) कामोऽस्त्यस्य तस्य भावः, काम "कामदेव: कामपाल कामी कान्तः कवागमः।" (महामारत १०१५) इनि-तल-ठाप । १ कामुकता, मस्ती। २ अभिलाष, ८ कामुक, प्यार करनेवान्ना । (वि०) अभिवापी, खाहिश। खाहिश करनेवाला। १० प्रेमी, मुनाक । कामिनियां (हिं. स्त्री०)१ स्त्री, औरत । २ वृक्षविशेष, कामौ (हिं. स्त्री.) १ कमानी। २ कांसको ठली एक पेड़। यह सुमात्रा यव प्रभृति होपमें उत्पन्न हुयी छड़। इससे मुठिया घनती है। होती है। कामिनियां बहुत नौं बढ़ती। इसकी | कामौकजीव ( स० पु०) कामजयक्ष, एक पेड़। रालसे लोबान बनाते हैं। कामीन (सं० पु.) कामं अनुगच्छति पृषोदरादित्वात्,- कामिनी (सं० स्त्री०) कामः पतिशयेन अस्त्यस्याः, साधु काम-ख। १रामपूग, रामसुपारी। २ काम- काम-नि-डीप । १ अतिशय कामयुक्ता स्त्री। देवका अनुगत। ३ कामुक, पाशिक । २ स्त्रीमात्र, कोई औरत । ३ सुन्दरी, खूबसूरत | कामील, कामौन देखी। ४ भोर स्त्री, डरपोक औरत। ५ बन्दाक, कामुक (सं० वि०) कामयते कम-उका । तपपतपद- बांदा। दारहरिद्रा। ७ मद्य, शराव। ८ काम- स्वामहपहनकमगममा उकन । देवकी एक शक्ति। ८ एक रागिणी। १० वृक्षविशेष, मुश्ताक,। इसका संस्कृत पर्याय-कमिता, पणक, एक पेड़। इसके काष्ठसे सुन्दर सुन्दर वस्तु बनते कम, कामयिता, प्रभोक, कमन, कामन और प्रभिक हैं। कामिनी पर नकाशी प्रच्छो पाती है। २ पभिलाषी, खाहिशमन्द। (पु.)३ अशोक- कामिनीकान्त (सं० पु.) एक छन्द। इसमें छह छह ४ पुवागहक्ष । ५ माधवीलता। ६चटक। मानाके चार पाद होते हैं। ७चक्रवाक, चकवा। ८ कपोत, कबूतर । कामिनीदर्पन (सं० पु०) ध्वजमङ्गका रसविशेष, | कामुककान्ता (सं० स्त्री० ) कामुकानां कान्ता प्रिया,. नामर्दीको एक दवा। पारद १ तोला और गन्धक तत्। अतिमुक्तलता, माधवीलता। १ लोला जला धुस्तूरवीजका चूर्ण १ तोला मिलाते | कामुकता ( स० स्त्रो०) कामुकस्य भावः, कामुक-तल् । तथा धुस्तूरतेलसे सबको घौट डानते हैं। अत्यन्त कामयुक्तका कार्यादि, प्राधिको। औषधक सेवन से ध्वजभत (नामर्दी ) मिट जाता है। कामुकत्व (स'• क्लो०) कामुक-त्व । कामुकता देखो। (भपजारबावली) कामुका (सस्त्री०) कम उकळ टाप । १ इच्छावती,. कामिनीपुष्प ( • पु.) विशेष, एक पेड़। खाहिश रखनेवाली। २ भोगामिलापविशिष्ठा, कामिनीप्रिया (सं० स्त्री०) मद्यसामान्य, मामूली पारामको खाहिश रखनेवालो। ३ रमणेच्छायुक्ता, शराब। शहवतको खाहिश रखनेवाली। ४ रक्तमञ्जरी,. वामिनीमोहन (सं० पु.) एक छन्द । इसका अपर असिमुक्तकलता। ५ षक, बगला। एक मारकादोष । नाम स्रग्विणी है। यह रोग बालकको जन्मके पौछे बारहवें दिन, मास कामिनीश (पु.) कामिन्या कामिनीप्रियाननस्य वा वर्ष उठ खड़ा होता है। इसमें वर चढ़नेसे रोगी ईश: साधकः। शोभान, सनना। हंसता, वस्त्रादि फेंकने लगता और हथा बकवाद कामिल (प०वि०) १ पूर्ण, समूचा! करता है। फिर श्वासप्रश्वासका वेग भी बढ़ जाता है। कामुकायन (स.पु.) कामुकस्य अपत्यं पुमान्, लायक। कामी (२० पु०) अतिशयेन कामयते, कम-णि पिनि। कामुक-फक । नकादिभ्यः फर्का पारावामुको पुत्र । इस २ योग्य,
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/४७५
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