पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६९४

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अफ़रोका व्यापारके लिये समृद्धिशाली मोमवासे, मलिन्दी और । तूनिस और दूसरे शहरमें हजारों ईसाई गुलाम सोफालेके उपनिवेश पहले ही बसा दिये थे। कितने | मौजूद रहे। ही दिन युरोपीय और उत्तर अफरीकाके अरब इन प्रथम किङ्ग जोन (John)के पुत्र प्रिन्स हेनरीने नगरोंके विषयमें अज्ञान रहे। अफ.रौकामें पोर्तुगाल अधिकार स्थापित करनेको सन् ई० के १० वें शताब्द समय फतिमा- जहाज़ पर चढ़ खूब ढूढ-खोज लगाई थौ। सन् वंशने अपनेको मिश्रमें प्रतिष्ठित किया और सन् १४३४ ई० में केप बोजाडोर, १४४५ में केप वरदे और ८६८ ई० में कायरो बसाया था। वहांसे उसने १४८० में समग्र गौनी-उपकूल जाना गया। इसी अटलाण्टिक महासागरतक शासन चलाया। पीछे तरह १४८२ में डिवोगो कांवको कोङ्गोंके मुख, १४८८ अलमोराविदों और अलमोहदोंका भी अभ्युदय हुवा में बरथोलो मेवो डियासको केप-अव-गुड्-होपका पता था। अन्तको सन् १४५३ ई० में तुर्को ने कुन्स्तुन लगा। सन् १४९८ ईमें वास-को-डागामा सोफाले तुनिया और १५१७ में मिश्च जीता ; उन्होंने १५१७ और मलिन्दी होते हुये भारत पहुंचे थे। गौनी में और १५५१ के बीच अलजीरिया, तूनीशिया और गुलामोंका व्यापार बढ़ने और पोर्तुगीजोंके मालामाल त्रिपोलीको बादशाहीको नयावत बनाया। मोरोको बननेसे कितने ही युरोपीय गये। सन् ई०के १६वें शरीफ-वंशके अधौन स्वतन्त्र बर्बर राज्य बना रहा, शताब्द समय बम्बु कवाले सोनेके पहाड़को तलाशमें जो १३ वें शताब्दके समय प्रारम्भ हुवा था। प्राचीन सिनौगम्बियाका कितना हो हाल खुला था। १७वें वंशके अधीन अरबौ या मूरोय-शिक्षाका महत्त्व रहा, शताब्दमें सागरतटका अधिकार पोर्तुगालके हाथसे मुसलमानोंने अफरौकाका कितना हो हाल जान होलण्ड और १८वें एवं १८वें में होलसड़के हाथसे लिया। ऊंटकी सवारोसे अरबोंने सहारेका धावा फान्स और इङ्गलण्डके हाथ गया। इस तरह सीनौगम्बिया और मध्य कोङ्गोके मुखसे दक्षिण ओर डमारादेशतक पोतु- नाइगर-प्रान्त अरबों और बर्बरोंके हाथ आया, किन्तु गोजोंने सन् १४८१ ई० बाद बन्तू-नौग्रोपर अपना ११वें शताब्दके बसे टिम्बकु नगरने सन् १५८१ ई. प्रभाव जमाया और १६ वें शताब्दके आदिमें कोङ्गोके तक मुसलमान-धर्म ग्रहण न किया। देशी राजाको ईसाई बनाया। किन्तु भीतरी प्रान्तसे में अरब-पर्याटक इबन्-बतूता इस नगर पहुंचे थे। किसी नरमांसभुक्-जातिने निकल आधे ईसाई किन्तु दक्षिणको ओर वह जङ्गल पड़नेसे गौनिया राजाको शक्ति तोड़ी और पोर्तुगीजोंको अधिक सागरतट और उसके उस पारका हाल जान न सके। दक्षिणको ओर हटा दिया था। सन् १६४० से सन् १४१५ ई० में पोर्तुगीजोंको एक सैन्यने मूरोय १६४८ ई. तक यहां बन्दरगाहोंपर ओलन्दाजोंका तटके किउटे किले पर अधिकार जमाया। आधिपत्य रहा। समयसे पोर्तुगाल मूरोंके मामलेमें दखल देते रहा अफरीकाके निधन और जनशून्य देशको ममता था। स्पेनने अलजीरिया और तूनीशियाके कितने छोड़ पोर्तुगीजोंने सोफाले और केप गरदाफुयोके बीच ही बन्दरगाह हासिल किये। किन्तु सन् १५७८ ई. हरे-भरे अरबी शहरोंपर दाद लगायो। सन् १५२० में अकसर-अलकबोरके मैदान पर पोर्तुगालने मूरों के ई० तक पोर्तुगीज, वह सब राज्य हड़प बैठे और सरदार १ले अब्दुल मलिकके हाथ गहरौ हार खायौ मोज.मबिकको अपने पूर्व-अफ.रोकाका प्रधान नगर थी। स्पेनिया ने भी उसी समय अफरीकाका बनाया था। १६ वें और १७ वें शताब्दमें ज.मबेजी अपना सारा अधिकार खोया। बबरौ राज्य सन् उपत्यका ढूढी गयी, जिसमें अध-सभ्य बन्तू-नेग्रो ई के १६ वें शताब्दतक आपसमें लड़ते-झगड़ते बसते और अरबोंसे मिलते-जुलते रहे। पोर्तुगीजोंने रहे, कितने ही लोग डाकू बन गये थे। अल्जीयस, ' रोडेशिया लेनेको बड़ी चेष्टा को थी। कहते हैं, कि लगाया था। सन् १३५२ ई० उस