पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६००

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७.४४ ७७.६३. 9 ५६४ अन्ध राजवंश-अन्न इसके सम्बन्धमें डाकर भाण्डारकरका मत समी यवक्षारजात द्रव्य सैकड़ा चीन होते भी उन्होंने अन्ध और अन्धभृत्य उभय खेतसार वंशको अभिन्न ठहरा प्रकृत इतिहासमें गड़बड़ डाल तेलवत् द्रव्य दिया है। पूर्व ही बताया था, कि अन्ध और अन्ध क्षारद्रव्य १.२३ भृत्यवंश एक नहीं होता। अन्ध सम्राटगणके इसलिये अन्नभोजनसे शरीरको मांसपेशीको वृद्धि समकाल जिन भिन्नवंशीय सात लोगोंने विभिन्न होनेकी अधिक सम्भावना नहीं है। किन्तु उससे प्रदेशपर शासन किया, वही प्रकृत प्रस्तावमें अन्धः शरीरको चर्बी बढ़ती है अर्थात् तापको वृद्धि होती भृत्य बताये गये हैं। है। ग्रीष्मप्रधान देशोंके लिये अन्न विलक्षण सुपथ्य अन्न (सं० लो०) अन्यते प्राण्यते अन प्राणने न है। पुराने बढ़िया चावलोंका सुसिद्ध भात खानेसे अद्+कमणि क्त: खिन्वतण्डुल, ओदन। यथा, उदरामयका निवारण होता है और उससे यक्वत् “शस्वचेवगतं प्राहुः सतुष धान्यमुच्यते । तथा अन्त्रमें उत्तेजना नहीं होती। इसीसे चिकित्- आमं वितुषमित्य त खिन्नमन्नमुदाहृतं ॥" सकोंने विवेचना करके स्थिर किया है, कि भारतवर्षमें सिद्ध चावल, भात, यव गेह प्रभृति अपक्क शस्य । अन्नभोजन अधिक उपयोगी है। पाक को हुई मिठाई प्रभृति कोई अन्न जो बल अमेरिकामें सेण्टमार्टिन नामक एक सैनिकको पहुंचावे, यथा, पक्वान्न, मिष्टान इत्यादि। जल, पाकस्थलोको एक ओरसे गोली निकल गयी थी। क्योंकि जल बिना कोई प्राणी जीवित नहीं रह आहत होनेपर भी उसके प्राण बच गये, किन्तु सकता । अन्यते प्राण्यते प्रजाभिः। न हि कदाचिदपि आहत स्थान किसी भी समय न जुड़ सका। पाक- जलेन विना जीवन्ति प्राणिनः। इति दुर्गाचार्यः । स्थलोके एक पार्श्वका कुछ भाग खाली हो गया। २ औषधि जात, पृथिवी। (पु.)३ सूर्यः। मनु कोई द्रव्य भोजन करनेसे पाकस्थलीमें वह किस तरह प्रभृति प्राचीनोंका मत है कि, उपभोग्य स्त्री, पशु, तथा कितने कालमें पचता है यह उस खुले स्थानसे स्थावर जंगमादिक सब अब हैं। अच्छी तरह दिखाई देता था। मनुष्य हर तरहका अब पृथिवीके तृतीयांश लोकका प्रधान खाद्य भोजन करता है, वह कितनी देर में हजम होता है, है। इसी कारण अन्नमें प्राण बतलाते हैं। अन्न इस बातकी जांच करनेके लिये डाकर वोमेंटने सेंट- खाया जाता है, और इसीसे प्राणको रक्षा होती है। मार्टिनको पाकस्थलोको खूब देखभाल की । परीक्षा भारतवर्ष, चीन, कोचीनचीन, ब्रह्मदेश, श्याम, करनेपर उन्होंने यह लिखा है- जापान, मिश्र, दक्षिण केरोलिना, जर्जिया और अन्न दक्षिण अमेरिकामें बहुत चावल उत्पन्न होता है। प्रांत इसलिये भात सब देशोंमें मनुष्योंका प्रधान खाद्य है। अण्ड १॥ किन्तु शीतप्रधान देशोंमें मनुष कबार ही अन्न सेव भोजन करते हैं। इसमें मद्य और खेतसार प्रस्तुत मृगमांस करनेके लिये जितने चावलको आवश्यकता हो, उसे यव बाद देनेपर भौ भोजनके लिये यथेष्ट चावल वच रह मत्स्य सकता है। किन्तु इङ्गलैंडका प्रधान खाद्य मांस तथा रोटी है। रासायनिकोंने परीक्षाकर देखा है कि, बकरको प्लीहा अनमें निम्नलिखित और भी अनेक पदार्थ हैं- पेरु मर्ग २॥ रस द्रव्य सैकड़ा भड़का बच्चा - १ घण्टा " " " " " २ " " 99 दुग्ध 99 5) 99 99 99 92