पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५३९

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५३२ अन्तरप्रश्न-अन्तराय अनुलोमज कहायेगा। जैसे, क्षत्रियाके गर्भसे ब्राह्मणका "अन्तरा गमनेनैव विद्या नेब पठेन्नरः।" (स्म ति) औरसजात पुत्र है। होनवर्ण पुरुष और उत्कृष्ट गुरु और शिष्यके मधासे किसीके निकल जानेपर उस वर्णको स्त्रीके समागमसे जो पुत्र पैदा हो, वह दिन फिर पढ़ना न चाहिये। ४ पथपर, राहसे। प्रतिलोमज कहाता है। जैसे, ब्राह्मणीके गर्भ से ५ उस-बीच । ६ जब-तब । किञ्चित् कालके लिय), क्षत्रियादिका उत्पादित पुत्र है। थोड़ी देरके वास्ते। ७ गीतके दूसरे पदको भी अन्तरा "भगवन् सर्ववर्णानां यथावदनुपूर्वशः । कहते हैं। अन्तरप्रभवानाच धर्मानो वक्तुमर्हति ॥” (मनु १।२) अन्तरांश-अन्तरश देखो। अन्तरप्रश्न (सं० पु.) १ भीतरौ प्रश्न, अन्दरूनी | अन्तराकाश (स' पु०) विशुद्ध व्योम, पाक आस- सवाल। २ पहले कही हुयी बातसे निकलनेवाला मान् या निर्गुण ब्रह्म, जो मनुष्थके आत्मा या इन्सानौ प्रश्न, जो सवाल पहले कहे हुये सखुनसे पैदा हो। रूहमें रहता है। अन्तरय (सं० पु०) इण् अच् अयः ; अन्तमध्ये अयः | अन्तराकूट (सं० ली.) गुप्त विचार, पोशीदा गमनम्, ७-तत्। १ मध्यगमन, व्यवधान, दरमियानी इरादा। दाखिला, रोक। (त्रि.) अन्तरं याति या-क। अन्तरागम (सं० पु०) व्याकरणमें-दो अक्षरके २ देहमध्यस्थित, चित्तगत, जिस्मके बीच ठहरा हुवा, मध्य अतिरिक्त वृद्धि। जो दिलमें समा गया हो। अन्तरागार (सं० पु०) भवनका भीतरी भाग, मकानका अन्तग्यण (सं० लो०) अन्तमध्ये अयनं गमनम् ; अन्दरूनी हिस्सा। इण्-ल्युट भावे ७-तत्। मध्यमें गमन, बोचका अन्तरात्मन् (स'• पु०) अन्तहृदयमध्यवर्ती आत्मा, दाखिला। (त्रि०) अन्तमध्ये अयनं गमनं यस्य । कर्मधा० । १ जीवात्मा। २ भौतरी समझ, अन्दरूनी २ मध्यगत, बीचमें पहुंचा हुवा। 'अन्तरयण' शब्द खयाल, हृदय, दिल, मस्तिष्क, दमाग। जब देशका अर्थ दे, तब णकारके स्थानमें नकार | अन्तरामेष्टक (सं० अव्य०) अपने और यज्ञीय होता है। ईटके बीच। अन्तरवयव (सं० पु.) भौतरी अङ्ग अथवा भाग, अन्तरापण (सं० पु.) भौतरी हाट, अन्दरूनी अन्दरूनी अज़ो या हिस्सा। बाज़ार, जो हाट शहरके भीतर लगे। अन्तरशायिन् (सं० पु०) अन्तरे देहमध्ये शेते तिष्ठति ; अन्तरापत्या (स. स्त्री०) अन्तर्गर्भमध्ये अपत्य शी-णिनि। चित्तस्थ, जीव, दिलमें रखनेवाला रूह। सन्ततिः यस्याः, बहुव्री। गर्भवती, हामिला औरत, अन्तरस्थ (सं० पु.) अन्तरे देहमध्ये तिष्ठति; जिस स्त्रीके पेटमें बच्चा मौजद रहे। अन्तर-स्था-क, ७-तत्। १ देहमधास्थ जौव, जिस्ममें | अन्तराभर (वै० पु.) १ समय संहार, वक्तको बर- रहनेवाला रूह। (त्रि.) २ मधास्थित, बीच में २ मध्य अथवा निकटका लाना, बीच या रहनेवाला। ३ पृथक्, निराला। नजदीकका ले जाना। ३ प्राप्ति, हासिल । अन्तरस्थायिन्–अन्तरस्थ देखो। अन्तराभवदेह (स० लो०) अन्तरा मरणजम्मनो- अन्तरस्थित–अन्तरस्थ देखो। रन्तराले भवो देहो यस्य, बहुव्री। गन्धर्व, आत्माको अन्तरा (सं० अव्य०) अन्तरति, इण्-डा। अन्तरान्तरेण जो स्थिति मृत्यु और पुनर्जन्मके बीच हो। युक्त । पा २।३।४ : १ निकट, नजदीक, पास। २ मधामें, अन्तराभवसत्व (सं० लो०) अन्तरा मरणजन्मनों बोचो बीच। ३ विना, बगैर। ऽन्तराले भवं स्थितं प्राणी । गन्धर्व। 'अन्तरापि विनार्थं स्थान्मध्यार्थ निकटायोः। (विश्व) अन्तराय (सं० पु०) अन्तरं कार्यस्थान्तर्बानं बाध- मधा यथा- मिति यावत् अयते आप्नोति, अन्तर कर्तरि अच्; बादौ।