पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५०५

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सज़ा करे। ४६८ अनुशयाना-अनुशिष्ट अनुशयाना (सं० स्त्री०) अनुशेते परनायकवाक्येन | अनुशार (स० पु०) अनु-शृ करणे घञ् ; शारं वायु क्रुध्यति, अनु-शोङ्-शानच् । परकोयनायिकाविशेष, जो वर्णं आवर्ण वा अनुगतः, अतिक्रा-तत्। वायुके नायिका इष्टहानिके निमित्त अनुताप उठाये। अनु अन्तर्गत वस्तु, जो चीज हवाके भीतर रहे, वायुप्राप्त, शयाना नायिका तीन तरहकी होती है-१-सङ्केत जिसे हवा लग रही हो। विघटना, यह वर्तमान सङ्घत-स्थानमें विघटन पड़नेसे | अनुशासक (सं० त्रि०) प्रबन्ध बांधने या शिक्षा अनुताप झेलती है। २-भाविसङ्केत विघटना, इसे और दण्ड देनेवाला, जो इन्तजाम, तालीम या भाविसङ्केत स्थानके अभावको आशङ्कासे अनुताप पड़ जाता है। ३ सङ्केतगमनविघटना, यह पतिके सङ्केत | अनुशासत् (स' त्रि०) शिक्षा देते या प्रबन्ध बांधते स्थानमें पहुंचनेपर अपने वहां न जा सकनेसे हुवा, जो तालीम देता या इन्तज़ाम लगाता हो। अनुतापमें चूर रहती है। अनुशासन (सं० लो०) अनुशासनं याथार्थ्येन निरू- अनुशयितव्य (स० त्रि०) पश्चात्ताप पहुंचाने योग्य, पणम्, अनु-शास-भावे ल्यु ट् । १ यथार्थ ज्ञापन, आदेश, पछताने काबिल, जिसके लिये पछतायें। निरूपण, कर्तव्यका विधान, तालीम, हिदायत, हुक्म, अनुशयिन् (सं० पु०) अनुशेते अनुतप्यते, अनु मस्त्र । २ महाभारतका पर्वविशेष । शोङ-इनि। १ निज पुण्यके अनुसार चन्द्रलोकमें | अनुशासनीय (सं० त्रि.) उपदेश देने योग्य, हिदायत ठहर पुण्य पूरा पड़नेसे अनुतापयुक्त बन भूलोकको लगाने काबिल, जो सिखाया-पढ़ाया जाये। आगमनेच्छु व्यक्ति, जो शख्स अपने सवाबके मुवाफिक अनुशासित (स० त्रि.) उपदेश दिया हुवा, प्रबन्ध चन्द्रलोकमें रह पुण्ण खत्म होनेसे पछतावेके साथ बांधा हुवा, नियमसे निरूपित, जिसे हिदायत दी गयी इस दुनियाको पानेको खाहिश रखे। (त्रि.) अनु हो, जिसका इन्तजाम लगा हो, जो कायदेसे बतलाया शयोऽस्यास्ति इनि। २ पश्चात्तापयुक्त, जो पछतावेमें गया हो। अनुशासिट (सं० त्रि०) अनु-शास्ति याथार्थ्यन कार्य- अनुशयो (स स्त्री.) अनु शौङ भावे अच्; अनु मादिशति, अनु-शास्-ढच् । कर्तव्योपदेशकर्ता, फर्जको पश्चात् शयस्तापो यया, बहुव्री० । गौरादित्वात् | बतानेवाला। (स्त्री० ) अनुशासित्री। डोष् । क्षुद्ररोगान्तर्गत पादरोगविशेष, पैरकी मामूली अनुशासिन् (सं० त्रि०) अनु-शास्ति कार्यमुप- दिशति अनु-शास्-णिनि। १ कर्तव्यका उपदेशकर्ता, "गम्भौरामल्पशोथाच सवामुपरिस्थिताम् । कर्तव्यका उपदेश देनेवाला। २ दण्डविधाता, जो पादस्यानुशयौं तान्तु विद्यादन्तः प्रपाकिनीम् ॥" सज़ा दे। "हरेदनुशयौं वैद्यः क्रियया ले भविद्रधः ।" (भावप्रकाश पादरोगचि०) अनुशिक्षिन् (स० वि०) निजमें शिक्षा पानेवाला, (त्रि.) अनु शयिन् देखो। जो खुद महारत डाले। अनुशर (सं० पु०) अनु प्रतिक्षणं शृणाति हिनस्ति | अनुशिख (स० पु.) सर्पविशेष, जिसने किसी यत्नमें प्राणिनः, कर्तरि अच् अप वा। राक्षस, आदमखोर । होताका काम किया था। अनुशस्त्र (सं. क्लो०) १ चौरफाड़के काम आनेवाले अनुशिव (सं० अव्य०) शिवके साथ, पार्वतीपतिके शस्त्रके स्थानमें कोई दूसरा छोटा शस्त्र, जो छोटा औज़ार जराहीके औजारको जगह इस्तेमाल किया अनुशिशु (सं.वि.) शिशुसे पीछा की गयी, जिसके जाये, जैसे-नख, बांस आदि। २ कोई दूसरा छोटा पौछ बच्चा पड़ा हो। अनुशिष्ट (सं० वि०) अन्वशासि अनुशास कर्मणि अनुशायिन् (सं० वि०) चिपटा हुवा, जो पड़ा हो । त। १ शासित, हुक्म चलाया हुवा। २ हितोपदेश- पड़ा हो। बीमारी। पीछे। औजार।