पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३८३

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३७६ अध्यासनयोग-अध्येष्यमाण पर बैठा अधधासनयोग (स० पु०) बौद्धमतसे-एक प्रकार उपान्वध्याङ वसः। पा ११४४८ ! १ अधिष्ठित, उपविष्ट ; बैठा का धान, एक तरहका खयाल । हुआ। २ प्राप्त, मिला हुआ। (पु.) ३ सर्वाक्षि- अधधासित (सं० त्रि.) अधि-आस-त भावे। रोग, सारी आंखको बीमारी। नपुंसक भावे तः : पा ॥३।११४॥ १ अधिष्ठित, बैठा हुआ। अध्युषिताश्व, अध्यूषिताश्व (सं० पु०) दशरथके वंशज २ सभापतिके आसनपर आसीन, प्रेसिडेण्टको कुरसी एक राजकुमार, दशरथके खान्दानमें पैदा हुए हुआ। ३ बसा हुआ, आबाद। एक राजा। "धन्वा तदध्यासितकातराक्षया निरीचामाणः मुतरां दयाल :।" अधुप्रष्ट (सं०वि०) १ साढ़े तीन बार लपेटा गया, (रघु २।५२) जिसमें साढ़े तीन बल लगे हों। २ बसा हुआ, अधासीन (सं० त्रि०) अधि-आस-शानच् । ईदासः । आबाद। पा ७।२।८३। उपविष्ट, बैठा हुआ। (स्त्री०) अधदासीना। अधुप्रष्टवलय (स० पु.) सांप, जिसने साढ़े तीन अधाहरण (स. क्लो०) अधि-आ-ह-लुट। १ अधा- बल खाये हों। हार, बहस। २ उपस्थित करनेका कार्य, पहुंचानेका | अधुप्रष्ट्र ( स० त्रि०) अधारूढ़ उष्ट्रम्, अत्या. तत् । काम । ३ प्रमाण देनेका कार्य, सुबूत पहुंचानेको बात। १ उष्ट्रयुक्त, जिसमें ऊंट जुते हों। (पु.) २ऊंट- अधाहरणीय (सं० त्रि०) १ उपस्थित करने योग्य, गाड़ो, वह रथ जिसमें ऊंट जोते जाते हैं। पहुंचाने काबिल। २ तयं, जो बहस करनेके अधूपद (स० वि०) अधि-(उपरि)-वह-क्त । १ अधिक, काबिल हो। वृद्धियुक्त, खू ब बढ़ा-चढ़ा। २ समृद्द, भरापूरा। अधाहार (सं० पु०) अधाहृयत, अधि-बा-ह- ३ अतिशय, कसौर। (पु०) ४ शिव, महादेव । घञ् भावे। १ ऊहाका करना, तर्क ; बहस । अध्यूदा (सं० स्त्री०) अधिविना, वह स्त्री जिसके "अश्रुतपदानामनुसन्धानम् ।”(दि० ४) २ असम्पूर्ण वाक्यके पूर्णार्थ रहते पतिने दूसरा विवाह कर लिया हो। पदान्तको योजना, अधूरे जुमलेको पूरा करनेके लिये अध्यूनी ( स० स्त्री०) अधिकं ऊधः स्तनो यस्याः, फ़िकरके आखीरका जोड़। २ अन्य शब्द द्वारा अस्पष्ट अधि-ऊधस् अनङ। ऊधसोऽनङ । पा ५।४।१३१॥ संख्या विषयका स्पष्ट करना, दूसरे लफ्ज़से जो बात साफ़ न व्ययादडौं। पा ४।१।२६। १ दुग्धवती गौ, दूध देनेवालो हो, उसका खोलना। ४ किसी विषयको आकाङ्क्षाके गाय। २ वह गौ जिसके स्तन बड़े-बड़े हों। ३ नली. पूरणार्थ अनुसन्धान, जिस बातको दिल चाहे उसके जैसी नस जो स्तनपर उभर आती है। पूरा करनेको तलाश। अधयाहार दो प्रकारका होता अध्यूष्वस् (सं० त्रि०) अधि-वस् क्वसु । भाषायां सदवस- है,-१ शब्दाधाहार, २ अर्थाधाहार। शब्दाधा श्रुवः । पा ३।२।१०८। अधिष्ठित, जिसने अधिवास किया हारमें शब्द और अर्थाधयाहारमें अर्थ ऊपरसे जोड़ा हो; ठहरा हुआ। जाता है। अध्यूहन (सं० क्लो०) भस्म या अङ्गारके पुटपर अधयाहार्य (सं० त्रि०) अधि-आ-हु-ण्यत् । १ जह्य, स्थापन, खाक या अंगारकी तहपर जमाव । बहस करने काबिल । २ अनुसन्धेय, तलाशके अध्येतव्य (सं० वि०) अधि-इङ-तव्य कर्मणि । पाठ्य, काबिल। पढ़ने काबिल। अधधाहृत (स• त्रि०) १ उपस्थित किया या पहुंचाया अध्येट (सं० पु०) विद्यार्थी, पाठक, अधायनकर्ता ; गया। २ वितर्कित, जिसपर बहस को गई हो। तालिब इल्म, जो पढ़े-लिखे। अधुराषित (सं० वि०) अधि-वस-आधारस्य कर्म- अध्येय (स. त्रि०) पाठ्य, पढ़ने काबिल । संज्ञायां कर्मणि त, वकारस्य सम्प्रसारणम् । वसति अध्येष्यमाण (सं० त्रि.) अध्ययन करनेका इच्छुक, चुधोरिट्। शासिवसिघसौनां च। पा दाह । जो पढ़ना चाहता हो। पा ७१५२