पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/५०२

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४६६ बेदार (विदार)-बेनंग राज्य तथा पश्चिममें भोर जिला और ओममानाबाद . २ उक्त जिलेका एक तालुके। इसका भूपरिमाण है। यहांकी प्रधान नदीका नाम मञ्जरा है। ४८७ वर्ग मोल और जनसंख्या लाखसे ऊपर है। इसमें प्राचीन विदर्भ राज्यसे इसका बेदार नाम पड़ा है। बिदार और कोहिर नामके २ शहर और १७७ ग्राम लगते विदर्भगज नलके बाद इस स्थानको नमृद्धि वा विशेष हैं जिनमें से ८७ ग्राम जागीर हैं। राजख डेढ़ लाखसे इतिहासका परिचय नहीं मिलता। दाक्षिणात्यके हिन्दू- ज्यादा है। गजाओंके समय यह स्थान उन्नतिकी चरम मीमा तक ३ उक्त तालुकका एक शहर । यह अक्षा० १७५५ पहुंच गया था। १३२१ ई में मुहम्मद बिन तुगलकने उ० तथा देशा० ७७°३२ पू० समुद्रपृष्टसे २३३० फुटकी इस पर अधिकार जमाया। पीछे यह १३४७ ई०में बाह्मनी ऊंचाई पर अवस्थित है। जनसंख्या दश हजारसे ऊपर वशके प्रथम राजा वह्मान शाह गांगूके हाथ लगा। है। १६वीं शताब्दीके मध्यकाल में यह बाह्मनी-राजवंशको बलनोराजके अधःपतन पर यह जिला विदारके बरिदशाहो- राजधानीरूपमें गिना जाता था। उस समय इसको के अधीन हुआ। उन्होंने १४९२से १६०६ ई० तक शासन श्रीवृद्धि भी यथेष्ट थी। जो प्रकाण्ड प्राचीर और बुर्ज किया। अनन्तर यह बीजापुरके आदिलशाही राज्यमें आदि एक समय चारों ओर बनाये गये थे, वे अभी मिला लिया गया। २६२४ ई० में अहमदनगरके निजाम- ध्वंसावस्थामें पडे हुए हैं। शाही मन्त्री मालिक अम्बरने इसे लूटा । पीछे वोजापुरके मुगलसम्राट् वायरशाहके भारत-आक्रमणकालमें राजाने इसका उद्धार किया। उन्होंने १६५८ ई० तक वदारराज्य पाववत्ती राजाओंके करतलगत रहा । १५७२ यहांका अच्छी तरह शासन किया। अनन्तर औरङ्ग- ईमें निजामशाहो राजाओंने इस प्रदेशमें अपना शासन जेवने इस पर दखल जमाया । १८वीं शताब्दीमें यह जिला फैलाया। १७५१ ई०में पेशवा बाजीराव और सलावत- हैदराबादराज्यमें शामिल कर लिया गया। जङ्गके साथ इस नगरमें सन्धि हुई थी। इस जिले में ७ शहर और १४५७ ग्राम लगते हैं। एक समय यहां एक प्रकारका बढ़िया बरतन और जनसंख्या प्रायः ७६६१२६ है। यहांके अधिवासी बेदार विभिन्न धातव पात्रादि बनते थे जो यूरोपीय बाणिज्य- वा घेदारो कहलाते हैं। हैं। ये लोग साहसी तथा शिकार । पण्यमें वेदार-वेअर' ( Beader Hare) नामसे प्रसिद्ध और दस्युत्सिमें विलक्षण पटु हैं। जिस पिंडारोदलने एक हैं। बाह्मनीराजके मंत्री महम्मद गावनने यहां एक कालेज समय भारतवर्षको कपा डाला था उसमें बिदारी जातिको, वनवाया था जो अभी भग्नावस्थामें पड़ा है। यहांकी हो संख्या अधिक थी। महिसुर राज्यमें तथा रमणमल्ल जुम्मा और 'सोलह खंभा' मसजिद देखने लायक है । पर्वत पर ऐसे विदारियोंका बास है। पांच तालुकको ले बेधड़क (हिं कि० वि०) १ निःसंकोच, बिना किसी कर यह जिला संगठित हुआ है, यथा विदार, कारामूगो,' प्रकारके संकोचके। २ बिना किसी प्रकारके भय वा निलङ्ग, उदगोर और वरवाल राजुरा। विद्याशिक्षामें आशंकाके, निडर हो कर। ३ बिना किसी प्रकारको यह जिला बहुत गिरा हुआ है। सैकड़े पीछे २ मनुष्य रोक टोकके, बेरुकावट। ४ बिना कुछ सोचे समझे, पढ़े लिखे मिलते हैं। अभी कुल मिला कर ३० प्राइमरी . बिना आगा पोछा किये । (वि.) निन्द्र, जिसे किसी स्कूल, २ मिडिल स्कूल और १ हाई स्कूल है। स्कूलके प्रकारका संकोच या खटका न हो । ६ निर्भय, निडर । अलावा चार चिकित्सालय है जिनमेंसे एक युनानी बेधना ( हिं० कि.) किसो नुकीली चीजकी सहायता- है। बिदार दुर्ग चारों ओर प्राचीर और खाईसे घिरा . से छेद करना, छेदना। २ शरीरमें क्षत करना, घाव है। यहांको जुम्मा और सोलह गुम्बजवालो मसजिद करना। देखने लायक है। शहरके बाहर बरिदशाही परिवारके बेधर्म (हिं० वि०) जिसे अपने धर्मका ध्यान न हो, धर्मसे समाधिमन्दिर हैं। आवहवा यहांको बहुत स्वास्थ्य- गिरा हुआ। प्रद है। । बेनंग ( हिं० पु० ) जयंतिया पहाड़ोमें मिलनेवाला छोटी