पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/४९६

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४६० वेतमोज-वे तारकातार खान है। इसके दक्षिण-पूर्व घाटपर्वतमाला अपूव है। किन्तु इस तारविहीन रेलिग्राफके द्वारा किस शोभा दे रही है। उपायसे संवादादि भेजे जाते हैं, वह शायद बहुतोंको २ उक्त उपविभागका एक प्राचीन शहर। यह मालूम नहीं है। अतः इसका संक्षिप्त विवरण नीचे अक्षा०१३ उ० तथा देशा०७८.२० पू०पालर नदीके दिया जाता है। दाहिने किनारे अवस्थित है। जनसंख्या हजाग्मे ऊपर विज्ञानजगत दिन पर दिन उन्नतिके पथ पर अग्र- है। प्रवाद है, कि किसी चोलराजने इम नगरकी मर होता जा रहा है। आजकल तारविहीन टेलिग्राफकी प्रतिष्ठा की। अभी नगरका पूर्व सौन्दर्य बिलकुल नहीं बहुत उन्नति हुई है। संवादादि मूक्ष्मरूपसे ग्रहण करने है। १८१४ ई०में बौरीपेट नगरमें उपविभागका विचार के लिये यन्त्र में अनेक नये नये अंश सयोजित हुए हैं। सदर उठ कर चले जाने तथा रेलके ग्बुलनेमे नगरका । यह जनमाधारणके लिये जितना दुःसाध्य और व्यय कारबार बिलकुल यंद-सा हो गया और अभी सिर्फ एक माध्य प्रतीत होता है , यथार्थमे उतना जटिल और गण्डग्राममें परिणत हो गया है। ध्ययमाध्य नहीं है। बेतमीज ( फा० वि० ) जिसे भद्रताका आचरण करना न आधुनिक वैज्ञानिक पण्डितोंने स्थिर किया है, कि आता हो, बेहदा। ! हम लोगोंकी इस पृथ्वीके चारों ओर बायकी अपेक्षा बतरह (फा क्रि० वि० ) १ अनुचितरूपमे. वरी सूक्ष्मतर एक और आवरण है जिसका नाम है. इथर ; यह तरहीं। २ असाधारणरूपसे, विलक्षण ढंगमे । (वि०) पृथिवी -पृथ्वी ही क्यों, सारा विश्वजगत् ही मानो ३ बहुत अधिक, बहुत ज्यादा । इथर समुद्रमें डुबा हुआ है। किसी कारणवश इसमें बेतरीका (फा० वि०) १ अनुचित, बेकायदा । (कि०) तरङ्ग उत्पन्न होनेसे वह चारों ओर फैल जाती है। बि० ) २ अनुचितरूपसे, विना ठीक तरीकेसे। प्रकाश, उत्ताप, शब्द सभी इथर-तरङ्गके द्वारा उत्पन्न हो बेतवा ...बुन्देलखण्डकी एक नदी । यह भूपालतालसे कर हम लोगोंके निकट आते हैं। इस इथर-तरङको निकल कर यमुनामें मिलती है। वेत्रवती देखो । ग्रहण करनेका यदि कोई यन्त्र रहे, तो उस यन्त्रकी सहा- बेतहाशा ( फा० कि० वि० ) १ बहुन शीघ्रतासे, अधिक यनासे अनायास ही वह तरङ्ग ग्रहणकी जा सकती है। तेजीसे । २ बिना सोचे समझे। ३ बहुत घबराहट। यही तारविहीन रेलिग्राफकी मूल भित्ति है। एक स्थान- बेताब ( फा० वि०) १ दुर्बल, कमजोर. : २ व्याकुल, से ताड़ित यन्त्र के द्वारा इथरमें तरङ्ग उत्पन्न की जाती है, बेचैन । यह तरङ्ग चारों ओर फैलती है और जहां इस तरङ्गको बेताबो ( फा० स्त्री० ) १ दुर्बलता, कमजोरी। २ व्या ग्रहण करनेका यन्त्र है वहां पहुंचनेसे ही यह अनायास कुलता, बेचैनी। पकड़ ली जाती है। अतएव यह देखा जाता है, कि बेतार (हिं० वि०) बिना तारका जिसमें तार न हो। प्रत्येक स्टेशनमें दो यन्त्रका रहना आवश्यक है-एक वेतारका तार-विद्य त्की सहायतासे भेजा हुआ वह इथर-तरङ्ग उत्पादनकारी ताड़ित यन्त्र और दूसरा इथर- समाचार जो साधारण तारको सहायताके बिना ही भेजा. तरङ्ग ग्रहणकारी यन्त्र । जाता हो । आजकल ऐसा कोई भी नहीं जिसने जिस ताड़ित यन्त्रकी सहायतासे इथरमें तरंग उत्पन्न तारविहीन टेलीग्रामफी कथा न सुनी हो। टाइटानिक को जाती है, उसका नाम इनडाकसन कायेल ( Indu- जहाजके जलमग्न होनेके बाद जनता इसकी उपकारिता ction coil ) है। बेटरीके साथ संयुक्त होने पर इसके दो अच्छी तरह समझ सकी है। समुद्रगर्भमै निमजित प्रान्तोसे ताडित स्फलिड निकला करते हैं और उन होनेके पहले मुहर्त पर्यन्त इसके टेलिग्राफ कर्मचारीने स्फुलिङ्ग द्वारा हो इथरमें तरङ्ग उत्पन्न होती है। यह कैसी धोरतासे तारविहीन टेलिग्राफकी सहायताके द्वारा स्फुलिङ्ग जितना लम्बा और मोटा होगा तरङ्ग भी उसी विपदवार्ता चारों ओर भेजी थी, वह किसीसे छिपा नहीं अनुपातसे उत्पन्न होगी। सुतरां दूर स्थानमें संवाद