पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/३८०

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७४ बारोपर-पालवं विशेष असुविधा हो गई। अतः धामड़ा, चांदवाली बालेश्वर--मलवार जिलेके पश्चिमघाट पर्वतका एक और बालेश्वर बाणिज्यक्षेत्र कायम हुआ। आज भी उन गिरिराङ्ग। यह समुद्रपृष्ठसे ६७६२ फुट ऊंचा है। इस सब स्थानों में मन्द्राज और कलकत्तेसे टोमर द्वारा पर्वतके नीचे मापिलागण कहकी खेती करते हैं। शेष बाणिज्य चलता है। सभी स्थान जङ्गलावृत है। १८०३ ई०में समस्त उड़ीसाराज्य अंगरेजोंके दखल बालेहल्ली-धारवाड़ जिलान्तर्गत एक प्राचीन नगर । यहांके में आया। बालेश्वर भी इमो समय अधिकृत हुआ, पर मैलारदेव और मलिकार्जुन-मन्दिर में १०४६ शककी उत्कीर्ण यहां पहलेसे ही अंगरेजोंका संस्रव था। १६३६ ईमें डा० शिलालिपि देखी जाती है। अलावा इसके और भी ११ गेनिल ब्राउटनने दिल्लीश्वरकी कन्याको और १६४० शिलालिपियां इधर उधर पड़ी हैं। ई०में बङ्गेश्वरकी पत्नीको रोगमुक्त किया था। इस बालोला-राजपूतानेके योधपुर राज्यान्तर्गत एक मगर । उपकारमें उन्हें इष्ट इण्डिया कम्पनीके लिये हुगली और यह अक्षा० २५५० उ० तथा देशा ७२ १५ पू०के बालेश्वरमें बाणिज्य करनेकी सनद मिली। पिप्पलीमें मध्य नूनीनदीके किनारे अवस्थित है। जनसंख्या पांच बाणिज्यकी असुविधा होनेसे बालेश्वरमें कोठो उठा कर हजारसे ऊपर है। योधपुर हो कर द्वारका-यात्रिगण लाई गई और उस स्थानकी सुरक्षाके लिये दुर्गादि । इसी नगरसे जाते हैं। यहां उन लोगोंके रहनेके लिये बनाये गये । अफगान और मुगलके दीर्घकालव्यापी युद्ध- एक उत्कृष्ट बाजार और १२४ कूप हैं। शहरमें डाक के समय तथा पोछे उड़ीसामें आधिपत्य फैलानेके लिये और टेलीग्राफ घर और पङ्गलो वर्नाक्युलर स्कूल है । जब मुगलों और मराठोंके बीच युद्धविग्रह चल रहा था, | प्रतिवर्ष चैत मासमें यहां मेला लगता है। उस समय भी अंगरेज लोग दृढ़तासे आत्मरक्षा करनेमें बालोद-मध्यप्रदेशके विलासपुर जिलान्तर्गत एक समर्थ हुए थे। अंगरेजोंको बाणिज्योन्नतिके समय यहां प्राचीन नगर । यहां एक भग्न दुगं, असंख्य प्राचीन मन्दिर नाना जातीय बणिक और पत्रव्यवसायियोंका उपनिवेश और २ री शताब्दीके अक्षरों में उत्कीर्ण शिलालिपि नजर स्थापित हुआ था। आती है। उस समय यहां शैवधर्मका अच्छा प्रभाव था इस जिलेमें २ शहर और ३३५८ प्राम लगते हैं। और सतीकी प्रथा भी प्रचलित थी। जनसंख्या प्रायः १०७११६७ है। हिन्दूको संख्या सब बालोपचरण (सक्ली०) वालककी उपयोगी चिकित्सा। कौमोसे ज्यादा है। यहां ३४ सेकण्डी, १५३५ प्राइमरी बालोपचार ( स० पु० ) बालोपचरण । और १०२ स्पेसल स्कूल हैं। स्कूलके अलावा ११ अस्प- : बालोपवीत ( स० क्ली० ) बालानां बालकानां उपवीत। ताल है जिनमेंसे तीनमें रोगी रखे जाते हैं। बालक परिधान वस्त्र। पर्याय–पञ्चाबट, उरस्कट । २ ___२ उक्त जिलेका एक उपविभाग । यह अक्षा० २१४० द्विजबालकका यज्ञसूत्र।। से २१५७ उ० तथा देशा० ८६२१ से ८७°३१ पू०के बालख--१ मध्यएशियाके तुाकस्तान के अन्तर्गत अफगान- मध्य भवस्थित है। भू-परिमाण ११५५ वर्ग मील और अधिकृत एक राज्य। यह अक्षा० ३६ ४६ उ० तथा जनसंख्या ६ लाखके करीब है। इसमें बालेश्वर नामका देशा० ६६५३ के मध्य अवस्थित है। प्राचीन बाहिक १ शहर और २११२ प्राम लगते हैं। गण इस देशके अधिवासी हैं। ३ उक्त विभागका एक नगर । यह अक्षा० २१ ३० उ० विस्तृत विवरण बाहीक शब्दमें देखो। तथा देशा० ८६ ५६ पू०के मध्य विस्तृत है। जनसंख्या २ उक्त राज्यका प्रधान नगर । भारतकी सीमाके वहि- प्रायः २०८८० है जिनमेंसे हिन्दूको संख्या अधिक है। भूत होने पर भी बाह लीको के साथ बहुत पहलेसे बंगालमें सबसे पहिले अगरेजोंने इसो स्थान पर अधि- भारतवासीका इतना निकट सम्पर्क चला आ रहा है, कि कार जमाया था। यहां सरकारी दफ्तर, कारागार, अस्प- उसका उल्लेख किये बिना नहीं रह सकते। ताल दातव्य चिकित्सालय और १ सरकारी स्कूल है। । प्राचीन काल स नगर ध्वंसावशेषमें परिणत हो गया