पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/२५८

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पहनापा-बहरमशाह, मइजउद्दीन होना। ११ पानीको धारामें पड़ कर जाना । १२ खींच बहरमपुर -१ मन्द्राज प्रदेशके गाम जिलान्तर्गत एक कर ले चलना। १३ वहन करना, ऊपर रख कर ले | उपविभाग। चलना। १४ जल्दी जल्दी अंडे देना। १५ व्यर्थ खच २ उक्त उपविभागका एक तालुक । यह अक्षा० १८५६ हो जाना, नष्ट जाना। १६ कनकौवेकी डोरका ढोला से १९३२ उ० तथा देशा० ८४२५ से.८५५०के मध्य पड़ना । १७ उठना, चलना ! १८ धारण करना, अवस्थित है। भूपरिमाण ६८५ वर्गमील और जनसंख्या रखना। साढ़े तीन लाखके करीब है। इसमें बहरमपुर, इच्छापुर बहनापा (हिं० पु० ) भगिनीकी आत्मीयता, बहनका और गाम नामके ३ शहर और ५४६ ग्राम लगते हैं । सम्बन्ध। __३ गाम जिलेका एक प्रसिद्ध शहर । यह अक्षा बहनी (हि. स्त्री० ) कोल्हमेंसे रस ले कर रखनेवाली १६१८ उ० तथा देशा० ४८४८ पू०के मध्य विस्तृत है। ठिलिया। यह मन्द्राजसे ६५६ मील और कलकत्तेसे २७४ मोल बहनोई ( हिं० पु०) बहनका पति। पड़ता है। जनसंखया प्रायः २५७२६ है जिनमेंसे हिन्दू- बहनौता ( हि० पु० ) बहनका पुत्र । को संखया ज्यादा है। इसका प्राचीन नाम ब्रह्मपुर है। वहनौरा (हि० पु०) वहनको ससुराल । यहां दीवानी और फौजदारी अदालत है। मध्यम श्रेणीका बहग्म 'किमसई सान' नामक पारसी इतिहासके। यहां जो कालेज है उसमें कलिकोटके राजाने लाख प्रणेता। १५६६ ई० में उक्त ग्रन्थ रचा गया। रुपये दान किये हैं। कालेजके साथ विकृोरिया मेमो- बहरमपुर ( बरहमपुर )-१ बङ्गालके मुर्शिदाबाद जिलेका रियल नामक छात्रावास भी संलग्न है। जुबलो अस्प- उपविभाग। यह अक्षा० २३४८ से २४ २२ उ० तथा ताल १८६३ ई में खोला गया है। शहरमें तरह तरहके देशा० ८८ ११ से ८८ ४४ पू०के मध्य अवस्थित है। रेशमी और टसरके कपड़ोंका कारबार होता है। भूपरिमाण ७५२० वर्गमील है। यहांके बहुतसे स्थान बहरमशाह-गजनीके अधिपति, ३ य मसाउदके पुत्र । पे ऐसे हैं जो वर्षाके समय डूब जाया करते हैं । जनसंख्या अपने चाचा सुलतान सजायकी सहायतासे पितृ-सिंहा- लगभग ४७१६६२ है। इसमें इसी नामका एक शहर सन पर १११४ ई०में अधिष्ठित हुए। इन्होंने प्रायः ३५ और १०६० प्राम लगते हैं। चान्द्र वर्ष तक प्रबल प्रतापसे शासनकार्य किया। पीछे २ उक्त उपविभागका एक नगर। यह अक्षा० २४. ११५२ ई०में अलाउद्दीन हसनघोरोसे हार खा कर लाहोर ८ उ० तथा देशा० ८८१६ पू० भागीरथीके बाएं राजधानीको भाग गये। वहीं उनको मृत्यु हुई। किनारे अवस्थित है। जनसंख्या २४ हजारसे ऊपर है। बादमें उनके लड़के खुसरूने लाहोरका शासन-भार ग्रहण इसी शहरमें उक्त जिलेका बिचारसदर और सेनानिवास किया। कवि शेख सनोई और अबुल मजद बिन आदम प्रतिष्ठित है। विख्यात पलासी-युद्धके बाद हो मोर- अलगजनाकीने उनकी समामें प्रतिष्ठा प्राप्त की थी। जाफरकी सनदके अनुसार प्राप्त भूमिके ऊपर १७६५ ई०- बहरमशाह, महजउद्दीन-एक दिल्ली सम्राट, सुलतान में ब्रिटिशसरकारने सेनानिवासके लिये बारिक बनबाई। रुकन-उद्दीन फिरोजके पुत्र (१)। १२४० ई० में सुलतान १७:०ई०में ही सेना स्थापनकी व्यवस्था हुई, पर कम्पनी रजियाकी हत्या करके पे राजा बन बैठे (२)। यह एक के डिरेकरोंने इस ओर उतना ध्यान नहीं दिया। आखिर १७६७ ईमें बङ्गाके नवाब मीरकासिमने जब विद्रोह ठान (१) फिरिस्तानने बहरमको अलतमसका पुन बतलाया है। दिया, तब उन लोगोंको आखें खुली। इसके बाद पुनर्वि- ____ (२ तबकत्-इ-नासिरी नामक मुसलमान इतिहासमें लिया है, कि रजिया कारागारमें ठूस दी गई थी। कारा: द्रोहसे देशको बचाने के लिये प्रस्तावित बारिक स्थापित मुक्त हो रजिया और अलतुनियाने फिरसे दिल्ली पर हुई थी। १८५७६०की २५वीं फरबरीको इसी स्थानमें चढाई करनेकी कोशिश की, पर वे दोनों रणमें परास्त हो पहले सबसे विद्रोहलक्षण दिखाई पड़ा था। हन्दूके हाथसे मारे गये। Elliot Vol, II, P, 337