पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष पंचदश भाग.djvu/१८२

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१७६ बनजारामनवास बनजारा ( हिं० पु० ) १ वह व्यक्ति जो बैलों पर अन्न लाद ! मिलना। १८ मित्रभाव होना, आपसमें निभना। कर वेबनेके लिये एक देशसे दूसरे देशको जाते हैं, टौडा बननिधि ( हि पु० ) समुद्र । लादनेवाला मनुष्य। विशेष विवरण बनजार शब्दमें बनपट (हिं पु० ) वृक्षोंकी छाल आदिसे बनाया हुआ देखो। २ व्यापारी, बनिया। कपड़ा। बनजयोत्स्ना ( स० स्त्री०) माधवी लता। बनपति ( हिं० पु०) सिंह, शेर । बनड़ा (हिं० पु० ) बिलावल रागका एक भेद । यह राग बनपथ (हिं० पु०) १ समुद्र। २ वह रास्ता जिसमें भूमड़ा ताल पर गाया जाता है। जल बहुत पड़ता हो। ३ वह रास्ता जिसमें जंगल बनडाजैत (हिं० पु० ) एक शालक राग जो रूपक ताल बहुत पड़ता हो। पर बजता है। बनपाट (हिं० पु० ) जंगली सन, जंगली पटुआ। बनडादेवगारी ( हि पु० ) एक शालक राग जो एक ताले वनपाल । हिं पु० ) बन या बागका रक्षक, माली। पर बजाया जाता है। बनपाश-वर्द्ध मान जिलेके वर्द्ध मान उपविभागके अन्त- बनत (हिं० स्त्र ) १ रचना, बनावट । २ अनुकूलता, ! र्गत एक गण्ड प्राम। यहां बढ़िया पोतलका बरतन, सामञ्जस्य, मेल। ३ वह बेल जो मखमल वा किसो घटा, छुरो, कैंची आदि बनती हैं। रेशमी कपड़े पर सलमे सितारेकी बनी होती है । इसके बनप्रिय (हिं पु०) कोकिल, कोयल। दोनों ओर हाशिया होता है। जिस वेलके एक ही ओर बनफल ( हि पु० ) जंगलो मेवा । हाशिया होता है उसे चपरास कहते हैं। बनफशई (फा० वि० ) बनफशेके रंगका। बनतुरई (हि. स्त्री० ) बदाल। बनफ्शा ( फा० पु० ) नेपाल, काश्मीर और हिमालय बनतुलसी (हि. स्त्री० ) बबई नामका पौधा। इसकी पर्वतमें होनेवाली एक प्रकारको वनस्पति जो ५००० फुट पत्ती और मजरी तुलसीकी सो होती है। तककी ऊँचाई पर होती है। इसका पौधा बहुत छोटा बनदाम ( हि स्त्री० ) बनमाला। ' होता है। इसमें पतली और छोटी शाखाएँ निकलती बनदेवो ( हि स्त्री० ) किसी बनकी अधिष्ठात्री देवी। हैं जिनके सिरे पर बैंगनी या नीले रंगके खुशबूदार बनधातु ( स० स्त्रो० ) गेरू या और कोई रंगीन मिट्टी। फल होते हैं। इसके पत्ते अनारके पत्तोंसे बहुत कुछ बनना (हि क्रि०) १ रचा जाना, तैयार होना। २ किसी मिलते जुलते हैं। इसको अड़, फूल और पत्तियां तीनों एक पदार्थ का रूप परिवर्तित करके दूसरा पदार्थ ही दवाके काममें भाते हैं। साधारणतः फूल और हो जाना । ३ किसी दूसरे प्रकारका भाव या पत्तोंका व्यवहार जुकाम और ज्वर आदिमें होता है। संबध रखनेवाला हो जाना। ४ किसी पदार्थका ऐसे जड़ दस्तावर दवाओं के साथ मिला कर दी जाती है। रूपमें आना जिसमें वह व्यवहारमें आ सके। ५ ठोक फूल और जड़का व्यवहार वमन करने के लिये भी होता है दशा या रूपमें आना। ६ संभव होना, हो सकना । और खाली फूल पेशाब लानेवाले माने जाते हैं। • दुरुस्त होना, मरम्मत होना। ८ आविष्कार होना, : बनवकरा ( हि पु०) काश्मीर और भूटान आदि उढे निकलना। प्राप्त होना, वसूल होना। १० अच्छो देशों में मिलनेवाला एक प्रकारका पक्षी। यह भूरे रंगका या उन्नत दशामें पहुचना, धनी मानी हो जाना । ११ कोई और लगभग एक फुट लंबा होता है। यह घास और विशेष पद, मर्यादा या अधिकार प्राप्त करना। १२ पत्तियोंसे जमीन पर नीची झाड़ियोंमें घोंसला बनाता समाप्त होना, पूरा होना। १३ खूष सिंगार करना, है। अप्रिलसे जून तक इसके अंडे देनेका समय है। सजना। १४ महत्वकी ऐसी मुद्रा धारण करना जो मादा एक बार में तीन चार अंडे पारती है। वास्तविक न हो । १५ उपहासास्पद होना, मूर्ख ठहरना। बनबास (हिं. पु०) १ वनमें बसनेकी क्रिया या भवस्था। १६ स्वरूप धारण करना । १७ सुयोग मिलना, सुअवसर ; २ प्राचीन कालका देशनिकालेका वड।