पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/९७

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इस पके पावापार पर राजा पत्रके अनुसार पर नियतिक्षित घोषणापत्र प्रचारित किया --- ..... कार्य नहीं किया। दोनों पक्ष में युद्धकी तैयारियां होने “धरानो कर्मचारियों के बारा हटिय प्रजावा लगी। कलकत सेनापति गाउन २८ मार्च को जैसा अपमान पोर पनिष्ट पुषा , भाग-दरवार रवाना होकार र पलको इरावती नदोके किनार नौ उसकी पतिपूर्ति देनेमे बोलत होने के कारण मवर्नर सेनाके प्रधान अधिपति पष्टिमसे मिले। महाजमे जनरलने पावलसे उसको वसूखकारमा विचारा। और एक दल मेना अग्रसर हुई। गडसनने गोत्र इसके लिए उपकूलख दुर्ग और नगरों पर चाकमा नौ मावान पर भानामण करके उस पर बना था। बहुत खामोंने अप-सेना भाग गई पोर पन्जय कर लिया। ११ पप्रेलको ग्रेजो सेना रंगून जीने अधिकार में पड़ा है। भारत-गवर्मपके व्याय सतर कर अग्रसर होने लगी। उसने थोड़ी बहुत वाधा और उपयुक्त दायको पावा-राजने पाच किया, पति- पोको पतिक्रम कर १७ मईको पागड़ा अधिकार कर पूर्ति के लिए उनको काफी मोका दिया गया था. पर लिया। पागड़ाके युधमें ब्रह्मवासियों में काफो साहस उन्होंने तदनुसार कार्य नही किया। तथा उनके राय- दिखाया था। कुछ भी हो पुनः पुनः वर्जित हो कर भो विनाशको निवारण करने के लिए वे यथासमय बीभूत ब्रह्मवासिगा भोत न हुए और २६ मईको मार्तावान के नहीं हुए। पतएव गतविषयकी षतिपूर्ति चोर भविष. पुनरुवार के लिए माताप हो कर अमित तेजसे बज को शान्ति के लिए मणि-समाधिष्ठित गवर्नर-जनरलनेयर मेना पर पाक्रमण किया। यद्यपि इस युद्ध में भी वे जया निषय लिया है कि पानसे पैगू प्रदेष-सटिव मवयक नाम न कर सके थे, पर तो भी उन लोगोंने यह प्रमा- अधिकारने पाया। इस प्रदेश नम-मेन्ट पहुंचने पर का मित कर दिया था कि, वे सहजमें पंग्रेजोंके यशोभून शोधही दरोभूत होगी; विभिन विभागोको सासन नही होंगे। म लोगोंको डराने के लिए राजधामी पावा करनेके लिए योनीब-कर्मचारी नियुक्त होंगे। अथवा अमरपुर पर पाक्रमण करनेकी कल्पना हुई। मन्त्रिसभाधिष्ठित गव नर-जनरल पेमूक बधिवासियोको कमान टारलेटन प्रोम तक जा कर पधिवासियोंका काफो हटिशं गर्वमेंटकी अधीमता खोकार करनेके लिए पादिय नुकसान कर पाये। इससे भी मग लोग नहीं डरे यह देते है। पतिपूर्ति होने के बाद गवर्नस्सनर प्रचदिधमें देख कर डलसो खयं २७ शुलाइको रंगून पहुंचे। इस पर भी विजयबीरच्छा नहीं करते तथा दोनों राज्यको दिन तक वहां ठहर कर उन्होंने अधिकतर सेना सह पताका नाग चाहते है किन्तु यदिपक राजागि करके विपुल प्रायोजनसे युवा प्रसत होने के लिए परा- गर्मटके साथ अपनी पूर्व मित्रतासे संबंधोपया मर्थ दिया। ८ अक्टोबरको ग्रेज-चमू पुनः प्रोमकी यदि अंग्रेजों द्वारा पधित प्रदेश में प्रयान्ति प.बा, तरफ अपनीत एमा। अप्रवासियोंने इस स्थानमें किसी तो गवर्नर जनरल पपनो चमताका पुनः प्रयोग परिण। तरहको वाधा नहीं पहुंचाई। पंजो मेमा क्रमशः जय खमका राज्य सम्पूर्ण रूपसे विधस्त तथा राजा पोर लाभ करने लगी। उन लोगोंगे पैगू अधिकार कर लिया। राजबंध निर्वासित जोगा।' गाइडान थोडीसी सेना के साथ मेजर हिलको वहां छह रावती नदोका सुपरनिकी पब. कर सदरगून पले पाये। ब्रह्मवासियोंने कुछ दिन का होमेसे वाय-इब्धके पभावके कारण प्रारानपानीम बाद पंगू अधिकार कर पागड़ा पढ़ाई कर ली। हिलने पकाख पड़ गया। हाराजा अत्यन्त पतिय हो उठे। उनके मात्रामणमि बाधा देनेके लिए गडहानसे सेना उनके भाईने उनके पद पर बैठकर जामे सन्धिकार. मांगी। सेनापति सहायताके लिए निकले। मार्ग में ब्रह्म का प्रस्ताव कर मिजा। १८५५०को पोलको सेब का दिन तक को रोक रखा। में ब्राह्म- इटिय और ब्रा-कमिबरगद सन्धित नियम बधारित कासी पेम भाग गये। भूपिर जोक हाथ पड़ करने के लिए प्रोम नगरम एकान हुए। डलहौसीकी २. दिसम्बरको उसकोसीन का परिवारका संबादपा बोषवाको पार राममतिनिधियोंने सन्धिपत्र पर Vol. Ix.24