एणि-तूफान तूणि (म. पुरु) तूम देखो। तूतुजान ( पु.) तून कनाच, तूजादित्वात् पभ्यास तूणिक (स.पु. ) तूणीक देखो। दोध बाहुः नलोप: । शिम. तेजी। सूणिन् ( स० पु० ) तूणवदा कतिरस्तास्ये ति सूल-इनि। तूतुजि (मो .) तजि वले दाने वा तूजे-कि-हित्वं नन्दोवृक्ष, तूनका पेड़ । पर्याय-तूणो, बतूक, पापोन, तूजा अभ्यासदोघः वाई नलोपच। १ बिल, तेजो। सूणिका, कच्छक, कुठेरक, कान्तलक, नन्दिवृक्ष, नन्दक। २ दाता। . . . गुण-यह. कट पाक, कषाय, मधुर, लघु, तिला, शीतल, तूतुज्यमानस (स'• पु०) तृनि कर्मणि शानच हित्व अभ्यास- बलकारक, व्रण, कुष्ठ पोर पम्नपित्तनाशक है। (वि०। दोध: वाइलकात् नम्लोपः तथाभूतः पाति दोप्यत २ तूणयुक्त, जो तरकश लिये हो। पम पच । क्षिप्र, तेजो। तूणे ( स० स्त्रो०) तूण्यते पूर्यते वाण: तूण कर्मणि सूतुम (म० वि०) सूद पच हित्व अभ्यासदीधः एषो० घा, गौरादित्वात् डोष । तूग, तरकश । २ नोलोवृक्षसाधु । तूर्ण, जल दो।। नोलका पौधा। ३ वासगेगविगंष। इममें मूत्राशयके तूद ( स० पु०) तदति तृद-क पृषोदरादित्वात् दोषः । पासमे दर्द उठता है और गुदा एवं पेड़ तक फैलता १तूलपक्ष, नूत का पेड़, शहतूत । २ सो नाम का है। मलहार पोर मूत्राशय के पाससे वेदना उत्पब एक पेड़, इसे कोई कोई पाव पिप्पल भी कहते है। होकर बहुत शीघ्र पक्वाशय में चले जानेको प्रतितूणो पर्याय --तूद, सूलपूग, क्रमुक, प्रादाद। पके तूद. कहते है। फल के गुण-यह गुरु, मधुररस, थोतवोर्य और पित्त । तूगोक ( स० पु. ) तूणो तूण व कायति केक। नन्द' तथा वायुनाशक है। कच्चे तूदफलके गुण-यह गुरु, वृक्ष, तुनका पेड़। मारक, पग्लरस, उष्णवोर्य और रक्तपित्तमारक है। तूणोर (सं० पु. ) तूण्यते पूर्यते वाणः सूर्ण बाहुलकात तूदा (फा० पु. ) १ राशि, ठेर। २ सोमाका पिछ, ईन् । तूण, सरकश। हहबन्दो। ३ महीका वह टोला जिस पर तीर, वादक तणोरवत् ( सं त्रि.) तूणोर अस्त्यर्थे मतुप मस्य । पादिसे निशाना लगाना सीखा जाता है। तूगोरधारी, जो तीर चला कर अपनो जीविका निर्वाह तूदो ( स्त्री• ) देशभेद, एक देशका ' नाम । करता हो। तूम (हिपु.) १ तुनका एक पेड़। २ तूल नामका तूक ( स० क्ली. ) तूत्य पृषो. साधुः। सूत्थ, तूतिया. लाल कपड़ा। नीलाथोथा। तुना (हिं. क्रि०) १ च ना, टपकना । .२ खड़ा न रह तूतो (फा० स्त्रो०) १ एक प्रकारका छोटा शुक या तोता। सकना, गिरना। ३ गर्भपात होना, गर्भ गिरना। इसको चोंच पोलो, गरदन बैंगनो और पैर हरे होते तूनोर (हिं. पु. ) तूणीर देखो। .. हैं। २ कनारो होपमे भारतवर्ष में प्रामवालो एक तूफान (भा० पु० ) १ पापत्ति. ईति, प्रलय, पाफन । . प्रकारको छोटो सुन्दर चिड़िया। इसको बोली बहुत २ हल्लागुना। ३ उपद्रव, झगड़ा, बखेड़ा, फसाद । मधुर होती है। इसे लोग पिंजरों में पालते है। ३ एक ४ ड,बानेवालो बाढ़ । ५ वायुके वेगका उपद्रव, प्रकारको छोटो चिड़िया । इसका रंग मटमैला होता है। पांधी, झटिका। पृथिवीमण्डल चारों पोरसे प्रायः इसको बोलो भो बहुत मोठो है। जाड़े में यह सारे भारत- २५ कोस वायुमण्डलसे महत (घिरा हुपा)। यह वर्ष में पाई जातो है. पर गरमियों में उत्तर का मोर तकि. वायुराशि नाना कारणों से सर्वदा चचल रहतो..जब स्तान आदिको पोर चलो.जातो है। ४ एक प्रकारका यह कोमल और मन्द मन्द लहरोंसे पनेक तरहक सुगन्धि बाजा या खिलौना जो मुहसे बजाया जाता है। ५ एक द्रव्योंको ले कर चलती है, तब सभोको पामन्दिन कर देतो छोटो टौटीदार घड़िा जो महाको अनो होती है और है। बहुत समय यह वायुराधि नाना तरहके स्वाभा. • जिससे सड़के खेलते हैं। . । विक कारणोंमे विलोहित होकर भोषण प्रभचनरुप
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/७१५
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