पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६८०

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६६८ देशकी बात चौथो वा पांचवीं शताब्दी के प्रारम्भमें गुरोपी सलानं गजा हुए और उन्होंने खलीफा कायमों एक विज्ञापित हुई। इसके कई सौ वर्ष पहले चोना लोग कन्याके साथ विवाह किया। उन्होंने पारस्य के उत्तर- इस विषयका कुछ कुछ हाल जानते थे। पश्चिमांश, पानिया, जजिया. मेसोपोटेमिया पोर तुओं के कई एक प्राचीन वच-विभाग हैं-(१) सिरोया पादि देशोंको फतह किया । १.७११.में उन्होंने पोज (२ ) सेलजुक और (६) पोममान-लो। पोक सम्राट रोमनसको पराजित कर उन्हें कैद कर (१) बोधुन--प्रवाद है, कि तुकिम्तानम (मध्य लिया। इनके पुत्र मालिकशाहने एशिया-माइनरका एशियाक तूरान देशमें ) प्रोजखाँ मामक एक पराक्रान्त अधिकांश जय किया। इसके बाद १३० वर्ष तक रस तुर्की नराम रहते थे। उनके पिता का नाम कारा खों वंशक राजा अत्यन्त पराक्रान्त रहे। उन्होंने पश्चिम था। भोपुजखौं माहिमके ममायिक थे। इनका एशियाके प्रायः समस्त भाग अधिकार कर लिये राज्य इनके कई एक उत्तराधिकारियांम विभक्त हुषा। थे। मेलजुको के अन्तिम राजा हितोय अलाउहोन' पूर्वाञ्चलमें तोन याने चोन तर अपना राज्य फैलाया और १२०० ईमें मुगला के हाथ विनष्ट हुए। इनके पीछे पश्चमिाञ्चलमें दूमर होनखात्रों ने प्रक्षु और जकजातिस इनका राज्य की एक सर्दारों ने आपसमें बांट लिया। नदी के चारों ओर राज्य विस्तार किया था। इनसे किस्तान देखा। इन लोगों के समयमै कोने नगर में प्रथम खा पावतोय वा नामसे विख्यात थे। ये कमान राजधानी थी। (वर्तमान कास्पोयन-सागर-तोरवर्ती तुर्की) जातिके पादि (३) मोसमान-लो. सुलेमान शाह कायि जातिक पुरुष थे ! हिताय खो सामुद्रिकखाँ नामसे मशहर थे। राजपुत्र थे । १२ वीं शताब्दीके प्रारम्भमें वे खरामानके 'यो मेग्लजुकोंक प्रादिपुरुष मान जाता तोय खाँ अन्तर्गत महान नामक खानम राज्य करते थे। वाज स्वर्गीय खाँ नाममे विख्यात थे। ये कायि जातिके श्रादि खाँक भयमे वे १२३४ १०में ५०००. लोगों के साथ पुरुष रहे। सो कायि जातिसे गोममान-सो तुर्कीको पाम नियाक मध्य पाखलत और पारजनजान नामक उत्पत्ति हुई है। पोषुज लोग बहुत काल तक पारस्यके स्थानमें जा कर रहने लगे थे। ७ वर्ष पछि कोन नगरके माथ लड़ाई में उलझे रहने के कारण ७१११ में परवर्क सेलजक-राज पल उद्योनकै खरासान और खारजम माथ विद्रोहमें स्लिम हो गये। परबोंने म समय बुखार अधिकार कर लेने पर वे पुनः स्वदेशको लौटे, किन्तु पोर ममरकन्द जय किया। बुगरायौहामने cet रास्ते जावेर शहरकै निकट यतिम नदी पार करते में चोन तक अपना राज्य फैखाया। बाद पन्तर्विद्रोहसे समय वे डूब मरे। उनके अनुयात्रियोंने वहां उनका मलजुकाने प्रवल हो कर इनका राज जोत लिया। एक समाधिमन्दिर निर्माण किया जो पाव भो वर्त (२) मेलजक-१० वीं शताब्दीके अन्त में सेलजुको मान रही एक पत्र प्रातरिलने सिम टेगमें के अधिपति प्रवल हो उठे। इनके पौत्र तुधरिल बैग वास करने के लिये कृतसकल्प हो अलाउदोन मेलजुक. ११ वा शताब्दों के मध्यभागमें क स्वाधीन राजा थे। को अधीनता स्वीकार को और मुगलोंके माथ सड़ाई में ५स ममय बोगदादमें खुलोफा अलोकायम राज्य करते उन्हें सहायता पहुंचा कर उस युद्धमें जय लाभ को। थे। उनक पत्र बेसानिरि पिव-राज्य जय करनेको दम पर अलाउहीन सन्तुष्ट हो कर उन्हें पगोरा प्रदेश इच्छास सेलजुकपति तुघरिलसे मारे गये। खलीफामे की जागोर दी और उन्हें सामन्तराज स्वीकार किया। सेलजुकपतिका पपमा रक्षक समझ कर उन्हें इसके सिवा परतुधरिलने पलाउहोनको ग्रोक और मुगल- प्रमौरउल उमरा-ई (राजाधिराज)। को उपाधि दो, युधमें साहाय्य किया था। उस समय वे मेलजुक राज्यके और उनको बहनसे पापने विवाह किया तथा अपनी पचिम सीमान्त-रक्षक कह कर सम्मानित हुए। १२८८ लड़कोसे उनका विवाह करा दिया। १०में सनको मृत्यु हुई। मौके पुत्वका नाम बोस. १.८ में तुरिल बैगका भतीजा पलप-पास मान था। .