पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/६७७

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तुरुपना-रुक तपयना (6 कि.) तुरपना देखो। सिरोया एशिया भारत दक्षिण तथा प्राधको उत्तरमें तरुबभूर-मसिरके चितलहुग जिन्लेके पन्तर्गत चितल- पवस्थित है। साश्योका पवित्र स्थान पलेस्ताइन रसी हग तालुकका एक शहर। यह पक्षा. १४.२४ उ. सिरीयाके मध्य पड़ता है। यह इस प्रदेशका पश्चिम और देशा००६ २६ पू. चितलहुग शहरमे ११ मोल विभाग है। जहमलेम इसका प्रधान नगर है। बेथलम उत्तरपूर्व में अवस्थित है। लोकसंख्या लगभग ५.३५ शहरमें योशका जन्म दुपा की। सिरोयाको राजधानो है। यहां सूती कपड़ा पोर काम्बन तयार होता है। प्रलेपो है। पति वा पान्तानिया, मैदा (प्रात्रोन १८५८ में म्युनिसिपलिटी खापित हुई है। सिदाम ) तायर, एकर, जायफा, गाजा प्रति कर एक तबक (तुकी)-एशिया पौर यूरोपके अन्तर्गत एक विस्खात चार देयका नाम। यह देव प्रधानता दो भागोम विभत्ता पामेनिया प्रदेश सणसागर के दक्षिण-पूर्व में .प. एशियाकत रुक और यूरोपोय नुरुष्क। इन दोनॉमम खितासका समस्त भाग पहले तुरंक अधिकार, एशियाक तरष्क को बड़ा है। एशियाक तक ही एशि- शा.पोकसत या बाट मा पर्वा । हम याका पश्चिमान्त देश है। इसके उत्तर सागर राजाको पपंच किया गया। इसके पूर्व में पाराष्ट पर्वत, पौर एशियाक कृषिया, पूर्व में पारस्थ, दक्षिण में परब पौर पारस्य, कस और तुरकरन तोन बड़े माम्राज्यों के सोमा- भूमध्य सागर तथा पश्चिममें भूमध्य मागर है। प्राकारम खरूप दण्डायमान रसको शिखर डेढ़ कोम तक यह देश भारतवर्ष में प्राधा है। म प्रदेश में निज वसेकी है। इस प्रदेश युफ्रतिम नदो दक्षिण को. लिखित प्रदेश लगते है-एशिया-माइनर, सिरीया, पोर कुर और परम पूर्व को पोर जा कास्योय दमें श्रामिनियार्क कई अंश, कुर्दिस्तान, पल जेजिगह वा गिरती है।पाहम रसको राजधानी पौर भाननगर मेसोपोटें मिया, ईराक परवी ( वा कालदिया ). भोर भानदके किनारे पवखित है। परविस्तान (वातकाधिकतरब)। कुर्दिस्तानका प्राचीन नाम प्रमोरोया है। यह वामनपुराणमें भारतवर्ष को उत्तरीमीमा जिम प्रदेश पार्मेनिया के दक्षिण साइग्रोम नदीक उत्तरमें पड़ता तु रुष्क देशका उल्लेख है, वह तुमक नहीं है, वह है। यहां लोग कुर्द नामसे प्रसिद्ध है। ये कषिजीवो प्रभो तुर्किस्तान नाममे मगहर है। एशिया माइमर (छोटा एशिया-यह एक बड़ा उप- है, किन्तु दस्युष्यवसायो और भयानकखभाव है। होप है और कष्ण-सागर तथा भूमध्य-मागरके बीच में अब म लोगोंका धर्म मुसलमानधर्म है सको, किन्तु असम स्थित है। इसके अभ्यन्तर-भागमें जचो मालममि.। प्रेतको उपासना पोर पम्निको उपामना मिश्रित है। इस प्रदेशको प्रधान नदिया किजिलार्माक (लोहितनटो यहां ताइयोसके किनारे प्राचीन नगर निभाका इसका प्राचीन नाम हालिज है) और सकेरिया लण ध्वंसावशेष देखने में पाता है। मागरमें जा गिरोहै। मियन्दर, हरमूज और सरावत पल-जे-जिरका प्राचीन नाम मेसोपोटेमिया है। मदियां लिबण्ट उपसागरमें गिरोहै। पानोरा मामक या कुर्दिस्तानके दक्षिण ताइग्रोस और युफ्रेसिस इन दो स्थानमें लोमश छाग पाया जाता है। इसके रोए से इस नदियों के बीच में अवस्थित है। सारग्रोसके किनारे देश में पास बनता है। यह प्रदेश पुनः पचिममें पामाः मौजल नगर इसको राजधानो है। यहाँ प्राचीन काल में तोलिया, मध्यस्थलमें कारामानिया. उत्तरपूर्व में तबम बहुत महोन कपड़ा तयार होता था जिसे मजलिन वा शिवस रन की एक भागों में विभता है। पारमा रस (मसलिन) करते थे। देश में सबसे बड़ा शहर पोर वाणिज्य स्थान है।स्कुटारि, राक-अरबो प्रदेशका प्राचीन नाम कादिया वा पहोरा, सिनोपि, विविजन्द, कोनेह, (प्राचीन नाम पार. बाबिलोनिया है। यह पारस्य-सागर के निकट अवस्थित . कोनियम), शिवस प्रभृति नगर प्रधान है। इसके पश्चिमस है। पहले यह प्रदेश बहुत सवरथा। किन्तु अभो वैवा परोपकी एसियाकै सर्वपश्चिम पन्तरीपा सका अधिक मभूमि हो गया है। वागदाद नगर . Vol. IX. 107 .