पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/४९८

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४९४ ताश चार ताश पहली बार बाँट जाते हैं। पहले जिसको नाशको देख न सके। ऐमा नहीं करनेसे उसको पोल ताशके पत्ते दिये जाते हैं, वह उन्ह लेकर जिस रंगके खुन जातो है और अन्त में चार भो उसोको होती है। पत्तोको बनवान या अधिक देवता है, वहो रंग बोलमा 'गुलाम चोर' नामका एक और खेल है। इस खेल- है। मचात्तीक बट जान पर वे पहले रंगमार जैमा का जैमा नाम है, वैसो इसको करना भी है। इसमें चार खेल खेलते हैं। लेकिन खेलते ममय दूसरे के पाम उन खिलाड़ो रहते हैं, उपयुवा खेला जैसा जोड़ा नहीं गंगका पत्ता न गई तो रंगमे मार सकता है। गकी रहता । सभा एक दूसरेके विपक्ष रहते हैं। खेल प्रारम्भ में दको 'बदरंग एकाको भी मार मकती है। इस प्रकार बावन पत्तमिसे किमो एक पत्ते को चुरा रखते पोछे जब हाथ के मच पत्त खतम हो जाते हैं, तब जिम के पाम मब पत्तं पापसमें बांटे जाते हैं। बाद हरएक खिलाड़ी जोत हए ताश के अधिक पत्त रहते हैं, वहो जोतना है। अपने पास के पत्तोका जोड़ा लगा कर अर्थात् चिड़ोको 'गम' नामका एक तोमरा खेल है। यह भो 'कोट दुक्को के माथ हुक्म को दुको, तिक्कोके साथ तिकोः इत्यादि फीम' की तरह खेला जाता है। फर्क इतना ही है, इमो प्रकार पानके माथ ईटको बटियों के मख्यानुसार कि 'कोट फोम' में चार मनुष्य खेलते हैं, लेकिन इसमें पत्तांका जोड़ा लगा कर अलग रखते हैं। अब बचे हुए कः । तीन तोन पादमीका जोडा या गोक्यों होता है। पत्तों को वे अपने अपने सामने इस तरह पकड रहते हैं हममें चारो रंगको दुक्को अन्नग व दो जातो हैं। शेष कि कोई दूसग उसे देख न सके। बाद एक खिलाड़ी अडतालोम ताश कक बोच पाठ पाठ करके बांट देते दूपरेके हाथमे पत्ता खौच कर, अगर उसके पास उमका है। इममें 'हाथ' बोलनक लिये कहा जाता है अर्थात् । जोड़ा रहता है. तो उसो के माथ मिन्ना कर अलग रख कितनी बार वह स्वयं वा अपने जोटमे ताश काट मकता देता है, या नहीं तो अपने हायके पत्तों में ही उसे उलट है। पांचमे ले कर मात हाथ बोल मकते हैं। जब हाथ- पुलट कर दूसरेको खींचने कहता है। इस प्रकार खेलते में से ऐसे पत्तं पा जांय कि उनमे लगातार पाठ बार खेलते सब पत्तोका जोड़ा लग जाता है, केवल एक हो काट मके, दूमरा एक बार भी काट न मके, तब वेमो हाम्न- पत्ता जिमका जोड़ा 'चुरा कर रखा गया है, बच जाता तमें 'गम' बोला जाता है। छहाँ खेलनेवालोको जब है। जिसके हाथ में वह पत्ता रह जाता है, वह चोर बराबर बराबर नाशक पक्त मिल जाते हैं, तब वे क्रममे समझा जाता है । इमोको 'गुलाम चोर' कहते हैं। इस 'हाथ' बोलते हैं : कोई पाँच, कोई छः और कोई मात। के सिवा भोर भो ताशके कई खेल हैं जिनका विस्तारक जो जिम तरहका प्रपना ताश देखता है, बोल उठता भयसे उसख नहीं किया गया। है । जिमको संख्या अधिक रहती है, पहले वही 'ग' ताशका खेल पहले पहल किस देशमें निकला, बोन्नता है। बाद 'गमार' जैसा खेल शुरू होता है । जो इसका ठोक पता नहीं है। कोई मिस्र देशको कोई जितना हाथ बोलता है, उतना जीत लेने पर उस अङ्गको बाबिलोनियाको कोई परवको और कोई भारतवर्ष को कागज पर लिख लेता है अथवा उमको याददास्त रखो बमका आदि स्थान बतलाते हैं। फिर बहुतोंका कहना जातो है । अगर वह उतना हाथ न जीत लेता तो उसे है कि फ्रान्मके राजा ६ठे चाल स वायुरोगग्रस्त थे । 'पेनेलटी' लगतो है अर्थात् उसके विरुष पक्षका उममे दूना उन्होंके जो सहलाने के लिये ताशक खेलको सृष्टि हुई। हाथ होता है । इसी प्रकार खेलते खेलते जिसके बावन सेक्सपियरमें ताशके खेलका उल्लेख है। प्रभो जो 'ग्रेट हाथ पहले होते है. उसोको मोत होती है . सब एक मुगल' माकांका ताग मिलता है. वह पहले पहल यूरोप गेम कहलाता है। यदि हाथ बोलते समय 'गेम' कहा से इस देशमें लाया गया था। साहब, बोबो, गुलामको आय और जोत न सके, तो दूसरेका दो 'गेम' होमा साबित समवोरोंसे भारतवासीको उतना खुश न देख कर, उसके होता है । साथ खेलते समय खिलाड़ी को अपने ताश बदले तरह तरहकी देवदेवियोंकी तसवोर हो गई इस तरह छिपाये रखना चाहिये कि दूसरा कोई उसके है। फिलहाल वेलजियमसे जो कदम्बकेलो' नामका