पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/४४६

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४४२ तान है, ये पानका रोजगार करते हैं। इनकी खियां पब भो पुराणों में रमको उत्पत्तिका विवरण इस प्रकार पनिक हिन्द्रः क्रियाकलापो का अनुष्ठान किया करता है। लिखा है-पूर्वकालमें गुडाकेश नामक एक महासुरने गे भपनो हो थेगो आदान प्रदान करते है। धारबार ताम्रका रूप धारण कर विण को पाराधना को । विण : हिन्द्र ताम्ब नो ग्वत्रो और अत्यन्त शराब पीनवाले हैं।। * सन्तु? होने पर उस असुरन विषण के चक्रमे मरनेको दजिणालाम मभो स्थानों के मुमतमान तम्बोली हानिफी : काम की। विष्णु ने भक्त को वासनाको पूर्ण करने के मटायग मन्त्रो ममलमान और मव व एकमे प्राचार लिए वैशाख मासको शलहादशी दिन उसको चक्राहारा हैं। ममनमान त बोलो पान खरोद कर नाते और दकान मार डाला । उम असुरको विणुलोक प्राप्त इपा। पोछे Rठकर ने चने हैं। उसके मांससे साम, सलमे सुवर्ण, अस्थिसे रोप्य पादि तथा उन मबके मनसे अन्यान्य धातुएं उत्पन्न हुई। .: म को० ) तम्यते पाकाहाते तम रक् दोश्च । ( वराहपु.) - घंध । उण २०१६ ॥ १ तेजस धातुभेद, ताँबा । मतान्तरमें ऐसा भी है,कि कार्तिकेय का जो शुक्र पृथिवी पर ताम्रक. शुल्व, म्लेच्छमुन, हाष्ट, वरिउ, उड़, । पर गिरा था, उस तामी उत्पत्ति हुई। ( विप्रकाश) ... हिष्ट, उदम्बर, उदुम्बर, तपनष्ट, अम्बक साम्र धातु जिम आकारमें माधारणत: बाजारों में घर वन्द, रविलोह, रविप्रिय, रक्त, नैपालिक. रक्तधातु. । देखने में प्रातो है, खान से ठो वैसो हो नहीं निकलती। मुनिपिसन, अर्क, सूर्याङ्ग और लोहितायस । (शब्दाना ) अन्याना धातुको तार वानमें भो यह अधिकतामे हिन्दी और बङ्गला ताँबा, तामा। विशद्ध अवस्था में नहीं मिनतो। गुजराती ताम्बा, ताम्ब । फिलहान मान्न म हुआ है, कि भारत के उपहीपोगा कर्णाटक और मराठो तान। में हो ताँबको खाने अधिक हैं। सिंहभूम जिला तथा तामिल शबु, सेम्बू । धनभूम राज्यमें तॉब को अधिकताके कारण वहाँ सेलगू और मलय रागि, ताममू। खनिके कामके लिए कितने ही बार कितने हो बणिक भूटान जङ्गन्त, नोम्लठोकर । दलों का संगठन हुआ है; किन्तु किसोको भी सफलता पञ्जाबी नोल ट,सिया । नहीं हुई। हजारोबागमें बरागण्डा नामक स्थानमें अरबी नोहस । तांबे को खान दिखलाई दो है और चिकसे यह भो फारसी और तुर्की मिस । माल म हुआ है, कि वहां पहले भी खदानका काम बग्मा केयानी । होता था। फिलहाल उन खदानों के चलानेको वावस्था जौन चिटुङ, टङ, चिकिन। हुई थी। राजपूतानम देशोर राज्यों में कुछ ताँब की दिनेमार कोबार। खाने हैं, ग्रेजों के अधिकत अजमेरमें कुछ अंग्रेज- फरासोमी बणिकोंमे खोदनेका काम जारी किया था; पर फिलहाल कुडभर। प्रोनन्दाज ( हॉलैण्ड) कोपर। वह भी बन्द है। कुमायूं और गढ़वाल जिले में तनिकी मूडन खान होने पर भी उनको अजमेर जैसो दुर्दशा हो गई अनो कूपर। है। दाजिलिङ्गके बीच जोंगड़ो नामक स्थानको पावर- इटली रामे। में एक खदानका काम चल रहा है। पविम-दारमें • लैटिन किउप्राम। जितनी खान हैं, उन्हें नेपाली लोग चलाते हैं। मन्द्राज- पोलैण्ड मियेन । में कर्नुल भोर नेल र जिलेमें खानका काम चल रहा है। पतंगोज, स्पेन कैमबर। भारतमें सावको पानों के विषय में नवोन कुछ जानने जोन्सनयजेड़ जड़ योग्ब विवरण नहीं है। पहले भारतमें देवीय लोग हौ