पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/३६

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३. टिकाप-विखटिल किया। अजमेधकमारीके दत्तकपुवने भी मावसम्मक्ति टिकिया (हि.स.) १ चक्राकार मोटो मोटो बस मोस पर अपना अधिकार जमाया। पोर चिण्टा छोटा टुकड़ा। २ वह चिपटा गोल टुकड़ा महाराणी इन्द्रजित्कुमारीने गम खर. हारका जो कोयलेको बुकनीको किसो लमोलो चीज में सामवर पादि तीर्थ स्थानों में पर्यटन कर वृन्दावनधामा १८८ बनाया जाता है। यह चिन्तम परको पाग सुलगानके को प्राणत्याग किया। उनके १८७७ ई. के इच्छापत्र काममें पाती है । ३ एक प्रकारको गोल चिपटो मिठाई। के नमार उनकी पुत्रवध मारागी गजरूपकमारो ४ बाहर सिर। निकला हुपा बरसनके माँचेका अपरो नारी सम्पत्तिको अधिकारिणो हुई। भाग। ५ रोटोका एक भेद, लिटो । ६ ललाट, माथा। महाराणी इन्द्रकिकमारोने दो तोन लाख रुपये ७ वह बिन्दी जो माथे पर लगाई जातो है। वा वित खर्च करके पटन और वृन्दावनमें दो बड़े बड़े देवालय या खडोरखा जो उँगलो में चना, रंग या और कोई निर्माण किये हैं। उन्होंने मिपाहो विद्रोह के समय अपने वस्तु पोत कर बनाई जातो है। पनपढ़ लोगोंको जब अधिकारभुता कलकत जानेका पथस्थित भलयाचको रोजाना लेन देनकी वस्तु का हिमाब रखना होता है, तो निरापद रकवा था। विधवा राजरूप मागेके भो कोई धे रम प्रकारके चिह्न प्रायः दोवार पर बनाते हैं। पत्र न था। उनकी एकमात्र कन्या गधाकिशोरो उत्त- टिकुरा (हि. पु. ) भोटा, टोला। गधिकारी हुई। मागणी राजरूपकमारो अत्यन्त दान- टिकुरी (हि. स्त्री० ) सूत कातमको फिर को, टिकन्नो । शोना थौं । उनके यवमे टिकारी-राज्यके नाना स्थानों में टिकुम्ला (हि.पु. ) टिकोरा देखो। अतिथिशाला और विद्यालय स्थापित हुए हैं, जिनमें प्रति टिकुली (हिं. स्त्रो०) टिकलि देखो। वर्ष तीस हजार रुपये देने पड़ते हैं। टिकत (हि, पु० ) १ राजाका उत्तराधिकारी कुमार, १८८८ ई में राधेखरो एक पुत्ररत्नको छोड इम युवराज । २ अधिष्ठाता, सरदार । लोकमे चन बमो। लडके का नाम था महागजकुमार टिकैतगय-लखमजके नवाब पासफउद्दौलाके दीवान । ये गोपानधरणनारायण मिह। इनको नाबालगो तक अत्यन्त विद्योत्साहो और १७७७ से १७७० तक विद्य. टिकारो गज्यका ८ पाना जिस्मा कोर्ट पफ वार्ड को देख मान थे। हिन्दी के कवि सागर, गिरधर और शोकवि १८.४ में जब ये राजगहो पर बैठे, तब नतीनों कवियों ने स्वीकार किया है कि, उन्हें टिकैत- पन्होंने बहत पच्छ पच्छ काम कर दिखलाये । चाकन्द रायमे बहुत कुछ सहायता मिलो है। इनके नामका , महालमें जाक पौर जमु नहर काटी गई जिससे जमीन बाराब कोके पास एक नगर भी है जो टिकैतनगर कह- पहलेसे बहस उर्वरा हो गई. साथ माथ एक लाख लाता है। रुपयेको पाय भी बढ़ गई। यहां की हेमन्तिक फसल ही टिकोर (हिं. सी० ) टकोर देखो। प्रधान है। टिकड़ (हि.पु.) १ बड़ी टिकिया । २ में की हुई रोटो, रम गज्यको प्राय लगभग तरह लाख रुपयेको है पौर गवम एट को लगभग दो लाख रुपये कर देने लिट्टी। ३ मालपूर्वा । पड़ते है। टिका (हि. पु.) १ मूंगफली के पौधेका एक रोग । २ २ गया जिले का एक सा.....स्मरण, सुध, याद। ३ उंगली में रंगपादि लगाकर उ०पौर देशा० ८४५० प्र०के म मर नही बनाया हुपा खड़ा चित्र। चिनार गया शहरमे १६ मोल उत्तर-पश्चिममें अवस्थित टिका टिको (हि. स्त्रो.) १ टिकिया। २ लिहो, बाटो। १ है। लोकमख्या प्राय: ६४३७ है। इस शारको पाय बिन्दी । ४ गोल टोका । ५ ताशको बूटो। उँगलिमें ६७.०, रु. और व्यय ६१०१रु. है। गौमता कुना या रंग पादि पोत कर दीगार पर बनाई। टिकाव ( पु.) १ स्थिति. ठागव । २ स्थिरता खड़ी रेखा या चित्रा यात्रियों मारनेका खान, पड़ाव । टिलपिल (हि.सी.), टिकटिक हो ।