पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/३१२

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३०६ सराई-भूमिमें बहत वृक्ष लगते हैं, जिनमे नेपाम्न राज्यको गोरखाली मैन्यमामन्तगण मभो एकखरमे सराई छोड़ यथेष्ट श्रामदनो होली है। व्यवसायोगण हम प्रदेशमे देने का प्रतिकून मत देते है। गार्ड नर म ही कहा कि बहुमूम्य वृक्ष, गजदन्त तथा कई तरह के चमई बूढ़ो- गवर्नर जनरल इम विषम निवार कोगे। तगई. गगड़क होकर कन्नकर्स में लाते हैं । १८१५ ई० में यह प्रटेग कुछ काल तक अंगीन अधिकः में था। उम वाद नेपानी गजाने कुमाय और अन्य कई ए ममय उन्हाने देवा, इस परेको ज वायु अत्यन्त पार्वत्य प्रदेशों में माथ माथ तराईके भो कई एक अंश अहितकर है पर अभिव' मियांक' सम्म गायत्ताधोन प्रटिश गवर्म गटको दिये है। नेपानी लोग अयोध्या रखना भो कष्ट कर है। हम गा डम प्रदेशको अधि और बरेनों में उत्तर गरजाधिवत प्रदेश को न टते थे। कार लाने गवनर नर नको वसा इच्छ न यः । गर्ड मिगटो के नेपाल दरबारमें यह बात मूचित करने विन्तु विपनियोंको भय दिवा के लिये उन्होंन मैन्य पर भी कोई फन्न न निकला। लार्ड मयरा शामन मजानेका प्रदेश दिया। इधर ग र घालागण बरपर्या कानम नेपालियोका अत्याचार और भी बढ़ जानेमे मकवानपुर ), वि जपर, महोगे मबोतरो मोरा ) उन्होंने इस विषय का प्रतिविधान करमेको इच्छा को। तथा पर तक नाचेको भूमिका कर तराई अवशिष्ट उनके आदेशमे भूट वाल नगर अधिकृत हया। उम अंग टिग गवम गट तो अपना करने में स्खलन हए । ममय नेपाल दरबारमें दो पक्ष थे। अमरमिह मरे २ दिसम्बर को गजराजमिनि गरेननीय कनन पक्षके युद्ध में शामिल थे, किन्तु दमरे पलने मन्धि करने ब्राइम के साथ मन्धि नियम स्थिर किया। हा सन्धिक को राय दो। जो कल हो नेपाल गवमंगटन अंगरेज अनुमार अंगरेज गटन का न: पनि भामर्म गतम गट के विरुद्ध नडा ठान दो। यदमें अंगरेजोको पात्य विश पोर मैच का पूर्वीय प्रदेश पाया । १५ जोत हुई। नेपालीगण सन्धि करनेको चेष्टा करने लगे। दिन मध्य ग्यान राजा मन्धिमत्र पर हस्ताक्षा करना बाममान नेपाल पक्षसे अंगाजपनाय गार्डनर माहबको पड़ेगा, यह स्पिर किया गया। किन्तु इमा बोच अमर- ग्वपर दो, कि नेपालदरबार कानो दो का पथिय अश- मिटूमो पक्ष दरबार प्रधान हो गये. अतः सदि. स्थित भूभाग अंगरेज · वर्म गट दे में प्रस्तुत हैं. किन्तु पत्र पर ति क्षर न हुा । दं.नां पक्ष पुनः नमोन उत्सा- वे तराई प्रदेश कोड़ नहीं मकते गाईनग्न दम जबाब हक म.प्र युद्धमा अघजन ाग लगा। एका मामान्य में काला भेजा, कि बिना त ई- देश लिये जटगा लाई बाद दागे धिपता पर स्वाक्षर किया। गवई गट मधि निम जो न होगी। दम पर बाममाने रा दिमम्बरको गुरु गगमत्रने सन्धिको जो शते कहा, कि पावत्यप्रदेश केनल तराई । नेपाल राज्यको निश्चित का, मायः वो ना झाम रहो, किन्तु नाभ जन सम्पत्ति है, ५म को छोड़ा पावन्य प्रदेग- अंगरेज गरम गटन के जा अंश पाये थे, उनका में उनकी बहन क्षति होता है। अंगरज गवर्मगट अधिकार नेपाल दावार की मोटा दिया। अया. यदि हा प्रशको अधिकार में लाने की एकान्त चेष्टा ध्याकं प्रान्सवी तरा? अयोध्या के नवाब का करतो, ती नेपालमें पुन: समरानल प्रज्वलित हो उठता। तथा मेचो और विस्ता नदोका मध्यवर्ती छोटा अंश पहले जो लड़ाई हुई थो, उसमें नेपाल के सब मनुष्यों ने सिकिम राजाको मिला। योग न दिया था। किन्तु जब यह माल म हो जाता कि शारदा नदोके समीपवर्सी तराईभूमि अङ्गलसे परि. तराई के लिये लड़ाई होती है, तो नेपाल के छोटेसे बड़े पूर्ण है। इस प्रदेशमें पाज तक कोई उपयुक्ता फसल मभो व्यक्ति ईर्षा और अन्तर्कलह परित्याग कर अंगरेजों नहीं हुई है। शीतकालमें कई मास इस प्रदेशके प्रान्तर- के विरुष तलवार धारण करने में तनिक भी बिलम्बन में मवेशो रत्यादि घाम सात है। किन्तु यहाँ बाघका करते । ऐमा होनेसे फल क्या होता, वह कहा नहीं जा रहमेशा बना रहता है। पहलके रहते भी बाघ सकता है। टिश गवर्म एटको भी मालम हो गया, कि मख्य गाय भैस इत्यादिका मापनाश कर डालते है।