पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/२८९

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तमसा -मा २ नदीके अपर इष्ट इण्डिया रेलपथका एक पुल है। गौम- तमाकू-१ एक पकारका पौधा। लोग मृदुनशाके लिए कालको रम नदीमें कहीं कहीं नाव जाती पातो हैं। इसके पत्त, डंठल, फल प्रादि मबोका व्यवहार करते जलका वेग बहुत तेज है। कभी कभी ज्वार अथवा बाढ़ है। भारतवर्ष के निवा ओर भी पृथिवा के सर्वत्र इसको भी पा जातो है, उस समय २४।२ · फुट अपर तक जल सखा कर. अग्निम योगसे इसका धूम्रपान किया जाता चढ़ जाता है। इस नदीका जल ५ फुट तक ऊपर है। इस तरह धूमपान के लिए तोन उपाय प्रवन उठता हा देखा गया है। म्बित होते हैं। मतमी, वेशावा, मोहन, बेलन, मेवतो तथा अन्यान्य (१ ) चुरट--इंठनोको अलग करके समाक्के पत्तो. बचतमी छोटो छोटो नदियाँ तामाक माय मिल गई हैं। के कोटे कोटे टकडे कर डालना और फिर उनको तमा- टेशगदूममें महेशपुर तथा इलाहाबादक रामनगर निकट के पत्ते में ही भर कर माधारणत: उगलोके बराबर यह नदो प्रवाहित है। महाकवि भवभूतिने उत्तरचरित- लम्बा करना। में दम नदोका उल्लेख किया है। उक्त ग्रन्थमें यह नदो (२) चरा-अथवा तमाकृत चूर्ण को पापपमें रख कर तथा मुरला मीताको सखी के रूपमें वणित हुई हैं। उसका मॉ पीना। तममावत (म त्रि.) तममाच्छव, अन्धकारमे घिरा (३) बौंडो--कागज वा अन्य वृक्षको पत्तियों पर हुश्रा। तमाकूके चरको रख कर चरटको तरह लपेट लेना। तम्स्क (स'• त्रि०) तमम-कन। तमःम्वरूप। भारतमें शेषोता बोंडो के अलावा और भो सोन सरसे तमम्कान्त ( म०पु०) तममः कान्त:, ६-तत्। कस्कादिक तमाका मेवन होता है। विसर्गस्य मः। तमाममूह, अन्धकारममूह, अधेरा। (१)-सूखो नमाकूका पत्तोको चने के माथ रगड़ कर तमस्तति ( स० स्त्री० ) तमसा ततिः, ६-तत् । तमिस्र. गाल या जोभक तने ठोडौम रख देना। अन्धकार । (२) जर्दा--तमाकूको पत्तियांको कुचल कर उसमें तमखत् ( स० वि० ) तमम अस्त्यर्थ मतुप मस्य वः । दारचौनी, लवङ्ग, माप, इलायनो आदि मशाले मिलाना तमोयुक्ता, अन्धकारमय, अधग। ओर फिर उसको पानके साथ खाना । उडियावासी स्त्रो. तमस्वतो (मस्त्री० ) तमस्वत्-कोप । १ गत्रि, रात । २ पुरुष पार बङ्गालको स्त्रियोंम इमका वावहार अधिक है। हरिद्रा, हल्दो। आजक न बनारस आदिका बना हुआ जर्दाका भी काफो नमस्विन् ( स० त्रि० ) तमोऽस्तीति तमम -विनि मान्त- प्रचार हो गया है। इस प्राय: मर्वत्र और सभी लोग त्वात् मत्वर्थे विमर्ग: । तमोयुक्त, अंधेरा। तमस्विनी ( स० स्त्री० ) तमस्विन्-डोप । १ गति, गत। खाते हैं। २ हरिद्रा, हल्दी। __बङ्गाली लोगीको साधारणत: सोरा मिला कर बनाई तमस्म क (अ० पु० ) ऋणपत्र, दस्तावेज, लेख। हुई तमाकू हो अधिक प्रिय है। ये तमाकूके सूखे पत्ते को तमहंडी (हि. स्त्री. ) ताँबेका बमा हा एक प्रकारका 'दोक्ता' कहते हैं। इसके सिवा भारती अथवा यों कहो कि बरतन जी हाँडीके श्राकारका होता है। पृथिवों के प्रायः मभी स्थानाम पत्तियोका चरा बना कर तमहर (हिं० पु०) तमोहर देखो। (वा सड़ा कर) 'नस्य' रूपम उपका व्यवहार किया जाता तमहोद (प्र. स्त्रो०) भूमिका, दोबाचा। है। नस्य वा सूचना तमकू माना प्रकारको होती है। समाँचा (हिं. पु. ) तमाचा देखो । तमाकू सिर्फ नशेको हो चीज है, ऐसा नहीं, हमसे तमा (स. स्त्रो०) १ भूधात्रो, भुईमावला । २ काकोली। बहुतमी ओषधियो भो बनती हैं। रावि, रजमो रात। ४ तमालवृक्ष। यूरोपोय उद्भिद तत्वानुसार तमाकू निकोटियाना (Ni- समाई (हि. स्त्री०) खेत जोतनके पहले उसको घास cotinut) श्रेणी के अन्तर्गत है । फ्रान्समें पहले पहल पादि साफ करनेको विया। निस्मस मगरनिवासो जियानिको ( Geen Nieo of Vol Ix.72