पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/४७१

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........ . - विधारएपखामो-विद्यालय . . मा सामान किया। इतिहासमें आज भो, 'रूपसे मन्त्रिसभा प्रस्तुत नहीं रहते थे। वे श्रीङ्ग माय और इरिना शापिन हो रहा है। मउमें हो रहते थे और कभी कभी विद्यागगरम • . . विद्यानगरराजवंश देखो।। माते थे। काशीविलासशिध्य माधयमन्त्री आदि दूसर नियनगर सामराजको सची में पहले करायका व्यक्ति उनके आदेश राज्यकायोको पालावना पीछे मकमरा और इसके बाद उनके पुत्र हरिहर (१म)| किया करते थे। मोर दुक {) नाम लिया है। उधत किम्बदन्तियोंसे विद्यारत ( ३)विद्याधन, विद्या । मान्न प्रतिक हुक या हरिहर पहले और बुरक विद्यारम्भ (सं००) विद्याः आरम्भः। यह स' पोडे राजा को हनीमे मी हरिहर (१म)को विद्याकी पढ़ाई आरम्भ । गरम्भ (सं० पु०) विद्याः आरम्भः। यह सस्कार जिसमें ", विद्याकी पढ़ाई भारम्भ होती है। विद्या देखो। " १२१४ विद्याराज (सपु०) १ वौद्ध यतिभेद १२ विष्णुमूर्तिमेद। त दखा विद्याराम-रसदाधिकाफे प्रणेता। पारण्यक य. शुक हरिहरक विद्याराशि ( पु०) शिव । मर ३३१ से १३५४९० और शुक (१म)को १३५४ विद्याराज (स० पु (AWRITE fauनगरका ARE करते देखा विद्याराम-रसदायका माना है। सुन निधारण्यक य. शुक हरिहरक थे, इनमें कोई सन्देह नहो । दिवशमतिष्ठाता बुक विद्यार fear रिए हों, तो उनको और उनके पुत्र संगमः । पए व दो काल पलमें फेकने बिना ऐति- हो। इमको सहरमा हो ही नहीं सकती। • , पाने को कहा जा चुका है, कि विद्यारण्य स्वामी विद्या मन् १३३१ ६० प्रविन पूर्वक यतिधर्मम लिए। सन् १३३४ ईमें विजयनगर था' उम्म नगरका फिरसे संस्कार कर उन्होने उE पाम पानगारखा। उस समय उनकी उम्र प्र tatो। साधु विद्यारपपने नाममालका ना बुक विद्यार्शिन् ( स० )दियामपितु शीलस्य अर्थाः संगम णिनि । छान, यह जो विद्या शिक्षाको प्रार्थना करता तमाम र नगर धापना की थी, ऐसा

रि-गुन्द नही मागम होता। बहुत सम्भ

गुरमी बुझ्ने उनसे प्रसाद और परा Rina इसमें उन्होंने गुरुक १२ कर नागरम किया हो। धुर Pा हर दिनोपन १३७७ ६०१ विद्याथों ( स०) विद्यार्थिन देखो। य स्वामी विद्यालडार मट्टाचार्य (सपु०) (संक्षिप्तसार प्रसिद ' यतिधर्ममा टोकाकार । सारसंग्रह नामक ज्यानिनग्य रचयिता । जयनगर था कर विस्वाइनरचित कामतके टोकाकार। र उन्होंने उसका विद्यालय (A ) विद्या विशिक्षापा मालपा 11 उम्र प्रायः स्थानं । विद्याशिक्षाका स्थान, पाठशाला। नाममात्रको प्राशास प्राचीन भारतको वियाशिक्षा स्थान पाला था, ऐसा अनुमान चागुपदी वर्शमान यूरोपीय प्रयाये. शिक्षाधा PM पहत सम्भव है, कि ( Schoot) बहुत गन्ता है। हम शिवालय एद गोर परामर्शसे राज्य धणीको शिक्षा दी जाती है, तब से faगिपाल हाने गुरफे नाम पर ही कालेज (University or coilrse) माता 'हो । घुमा यमके या कालेजका मकान कैसा होने शिक्षा १३७७ . तक या सुविधा होती है तथा वाला गौर युपको नि पस्तुओका रहना HREE TRENT सार विचारण्यस्यामा पर्शमाग पाश्चाप विडताने गमा माश्रममे aisi विपक्षी एकताका बनाAman. को मृत्यले संस्थान IREnकाममा Anane कालिद! मन शेष cin, AnITTER प्रोप्रादु९६ARI Ril. घय राजधानीको लिये/ # Nमाग प्रथा लि . यम और तोपो / Kinnirperteaser मानिने म माद को परत म यो जातो! Rim

सूमोके अनुसार कर मार डाल पानमे Shirol thunt. . An A WEIR ' गई मा भारतको मूर गगुर का ने Brata RTE Rur in ' थे, म मा Rोकार करना M alins Hindline sixit, Khan मारियो m mar, firee nisa . " रना होगा, RAT RAT.!