पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/१८२

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वायुविज्ञान पण्डित नाइट्रोजनको तरल अवस्थामें परिणत करने में ।। से उनके उपादानों में कोई पृयकता नहीं दिखाई देती और भी समर्थ हुए हैं। साधारण अवस्था में ताप या तड़ित न इनके परिमाणके अनुपात में हो कोई पाधात उपस्थित आदि द्वारा नाइट्रोजनको किसी तरह की विकृति या परि- होता है। किन्तु वायु में अक्सिजन और नाइट्रोजनका . वर्तन नहीं होता। किन्तु निर्दिष्ट उच्चतर तापसे (Temp- परिमाण सब समय एक परिमाणसे दिखाई नहीं देता। . erature) योरण मेगनेसियम, मेलाडियम और रिटालियर अवस्गामेदसे परिमाण विभिन्नता देखो जाती है। . आदि मूलपदार्श इसके साथ मिल कर नाइट्रोजन रूपमें | वायु यदि रासायनिक विमिश्रणका फल हाती, तो इस : परिणत हो जाते हैं। माधारणतः अक्सिजनके साथ भी तरहप. उपादानके परिमाण भो अनुपातमा पार्थस्य । नाइट्रोजन मिल सकता है । उत्ताप देने पर भी मिलावट परिलक्षित नहीं होता। अतएव सिद्धान्त हुआ है, कि. नष्ट नहीं होती। किन्तु इसमें धीरे धीरे तड़ित् स्फुलिङ्ग वायुमें अक्सिजन भौर नाइट्रोजनका जो सम्मेलन देगा प्रविष्ट करा देने पर इन दो गेसोंसे परमाणु पृथक होने | जाता है, वह रासायनिक सम्मेलन नहीं है। लगते हैं। ___ नाइटोजन भौर मार्गन। .. . साधारण और रासायनिक विमिश्रण। वायुगशिम अफिमजन और नाइट्रोजन मिले हुए | प्रोफेसर रामजे और लाई रैलेगे याय राशिकी परीक्षा रहते हैं । निम्नलिखित परीक्षासे यह मालूम होता या करके इसमें 'मार्गन' नामका एक अभिनय मूल पदार्थ प्रमाणित होता है। प्राप्त किया है। वाय में अक्सिजन मिला कर इसमें १–जभो दो घायबोय पदार्थों में रासायनिक सम्मेलन स्फुर्जत् तडित् प्रविष्ट करा देने पर पिसजन और नाइ.. होता है, तभी उत्ताप उद्भूत होता है और उत्पन्न पदार्थ द्रोजन रासायनिक भावसे मिल जाते हैं, लेकिन किसी का मायतन उत्पादक पदार्थसमूहफे आयतनसे पृथक हो एक पदार्थको कमी रह जाती है, वह है मार्गग। इसका जाता है । घायुनिहित अक्सिजन और नाइट्रोजन-इन दोनों आणविक गुमत्व ४० है । भार्गव और किसी मूलपदार्श गेसोका जो निर्दिष्ट प्रमाण है, इन दो गेसोका यह परि- से नहीं मिलता। वायु में जितना नाइट्रोजन रहता है, माण किसी पालमें मिला देने पर यह सब प्रकारको वायु । उसमें सैकड़े एक भाग आर्गन है । इसके स्वरूप, प्रभाय की तरह कार्य करता और वैसा ही परिलक्षित भी होता और प्रतिपत्तिके सम्बन्ध विशेष कुछ मालूम नहीं है। किन्तु इस मिलावटके फलसे तापात्पत्ति या माय- | हुमा। तनका परिवर्तन दिखाई नदी देता। इसका यह एक | नाइट्रोजनकी पृयोजनीयता। प्रमाण है, कि घाय रासायनिक (Chemically) भायम नाइट्रोजनको एक प्रयोजनोयता ठायसे पहले लिग्नी जा मिला हुआ पदाधा नहीं है। चुकी है अर्थात् गपिसजनको दाहिकाशक्तिको अगन्फे २-एक पदाकि साथ दूसरे पदार्थका रामाय- प्रयोजनीय कार्य संयमित रमाने में निमित्त नाइट्रोजनका निक सम्मेलन होनेसे परमाणु गुरुत्व संख्याफे अनु. बहुत प्रोजन है। यदि नाइट्रोजन भूमिग रहे तो जामीन पातफे अनुमार ऐमी मिलायर होनी रहती है। ऐसे को उत्पादिका शक्ति प्रयादित होती है। किन्तु इसकी अनुपातीक मिया किसी तरह ऐमी मिलायट नहीं' प्रयोजन यताफे सम्यन्धो रसायनशारनयि परिक्षा होती। किन्तु वायुमें मधिमजन और नाइट्रोजन जिम गव भी सविशेष अमिलता प्राप्त नहीं कर सके हैं। उद् परिमाणमे रहना है, उससे पारमाणयिक गुरुत्य संग्याको मिदममूह साक्षात-सन्यधर्म नााट्रोजन प्ररण नहीं कर किसी तरह का अनुपात दिग्नाई नहीं देना । अतपय याय , साता । दहन क्रिया या निभ्वास-प्रभ्यास बियाफे रानिमें अक्सिजन और नाइट्रोजनकी जो मिलायट है, साक्षात् सम्बन्ध में इसकी अपनी फाई मिया दिनाई नहीं यह गमायनिक सम्मेलन नदी है। देना। फेयल पिमजनका किया संयमन ही इसका प्रधान ३-रासायनिक सम्मिलित पदार्थों के यिश्लिष्ट करने कार्य स्थिर हुआ है । गपिसजनके सामानोजाके