पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/८०

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मुद्रायन्त्र


कार्योंको देशी खुष्टानों या ईसाइयोंके हाथ सौंप | Prienca da Comp de Jesu, Miss de Madure: देनेसे Church officc-में नाना तरहको विश्ल तायें। इसके द्वारा अनुमान होता है, कि उस समय तामिल और उपस्थित हुई। उसो अवनतिके साथ इस दलके | मालावारी भाषाका मुद्रण कार्य सुचारुरूपले सम्पादित .. द्वारा मुद्रित पुस्तके भो अवनतिके गड्ढे में विलीन हुआ था। कोचीन नगरमें १५७७ ई में जोयानिस गणसल- . अनभिज्ञ अनाड़ी देशी खष्टानोंके हाथ में पड कर विस नामक एक पुर्तगालीने पहले मालावारी (तामिल भारतीय साहित्यका बहुत अनादर हुआ । उन्नत या मलयालम ) अक्षरकी खुदाई की थी। कोचीन और हृदय प्राचीन मिशनरो-दल बहुत यत्नके साथ और परिः । निवांकुरकी विजयके समय सुलतान टिपूकी सेनाने श्रम कर छापाखाने (मुद्रायन्त्र ) के साहाय्यसे जिन अम्बलक्कड्डु नगरको नष्ट किया । इस समय यहां हिन्दू पुस्तकोंको मुद्रित किया था उनमें कुछ उसके बादके या खटान कोई भी सुलतानको तलवारसे वच न सका। समयके हृष्टान साधुओंके ( Monks) द्वारा अप्रयोज पापाण हृदय मुसलमान प्राचीन हस्तलिखित संस्कृत नोय कह ( Taste paper ) नष्ट कर दी गई। वाकी ग्रन्थोंको जला दिया। इस तरह भारतके वचे खुचे . पुस्तकें टेविल या मेज पर रखो-रखी दोमकों के शिकार | पुराने गौरव वृतान्तको नष्ट कर दिया गया। सुना जाता हो गई। किन्तु कोचीन राज्यके खष्टान प्रधान अम्वल- है, कि इस समय अनेक ब्राह्मण अपनी अपनी मूल्यवान् क्कडु नगरमें भारतीय मुद्रायन्त्र या छापाखानेके प्राचीन | पुस्तक और वस्तुओंको ले कर दूसरे राज्यमें भाग गये इतिहासका कुछ अंश १८वीं शताब्दी तक सुरक्षित था। थे। इन्होंने जन्मभूमि परित्याग कर अरण्य भूमिमें जा यहां जेसुइट दलने १५५० ई० में सेण्ट टामस नामसे एक कर आश्रय लिया था। इनके पास जो कुछ था, वहो विद्यालय और गिरजा स्थापित किया। सन् १५६६ ई० मुसलमानोंकी दृष्टिसे बचा समझना चाहिये। वाकी सभी पुस्तके नष्ट हो गई। हा में गोमाके आर्कविशप Alexius laneglo ने इसका . सभापति बन कर उदयपुरमें जो सभा बुलाई, उसकी ____ इसके बाद १६७८ ई०में अम्ड म नगर में तामल अक्षर विवरणीसे उस समयके खुष्टान धर्मके प्रचारका पता प्रस्तुत हुआ। Ziegenbalg को कहना है, कि अक्षरों के चलता है। सांचे इतने अपरिष्कार तोरसे तय्यार हुए थे, कि तामिल वासी आज तक भी पढ़नेमें समर्थ नहीं हुए। सन् १७१० ____ उस समय पुर्तगाली जेसुइट दल यहां विशेष दक्षता ईमें ट्रांकुइवार मिसिनोके साहाय्यार्थ हल्लो ( Halle ) के साथ संस्कृत, तामिल, मलयालम और सीरिय भाषा- नगरवासियोंने तामिल मुद्राक्षर तय्यार कर भेजा । में शिक्षा देता था। यह अपने देशको भाषामें लिखी हल्लीवासी मुद्रक तामिल वर्णमालासे सुपरिचित न होने पुस्तकोंको विशेष रूपसे आलोचना भी किया करता था। पर भी विशेष निपुणताके साथ अक्षरोंको तय्यार कर उन लोगोंके बहुत परिश्रमकै फलसे जो प्रन्थ मुद्रित वाइविल ग्रन्थके Ner Testament का Apostles' हुए थे उनके नामके सिवा और कोई चिह्न नहीं creed भाग मुद्रित कर भेजा और साथ ही वहांके मिलता। F.de Souza और Fr Paulinns के लिखे (हल्लोके) अधिवासियोंने ट्रांकुइवार मिसनकी उन्नति- विवरणमें इसका कुछ आभास मिलता है। शेषोक्त कामनासे अक्षरों के साथ एक मुद्रायन्त्र ( Printing पौलिनस साहवने लिखा है,-'An 0 1679, in oppido press ) या छापाखाना भेज कर समूचे न्यु टेष्टामेएटको Ambalacatta in ligaum incisi alli characterae मुद्रित करनेकी प्रार्थना की। इसके अनुसार द्रांकुइवार Tamulici per Ignatium Aichamoni indigenam Malabarensem iisque in lucem prodiit opus ins. नगरमें १७१५ ई०में तामिल अक्षरों में न्यु टेष्टामेएटका cripturm, Vocabulario Tamulio com a signifi- मुद्रण कार्य सम्पन्न हुआ। · हल्ली नगरके अक्षर मदा- caco Portugueza composto pello P, Antem de | क्षर मालाके इंग्लिश सांचेमें गठित हुए थे। सन् १७५१