पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/७

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मुतफरिक-मुदित मुतफरिक ( ० वि०) १ भिन्न भिन्न, अलग अलग। २ "उवाच धात्र्या प्रथमोदितं वचो ययौ तदीयामव लम्व्य चांगुलिम् । विविध, कई प्रकारका। अभुच्च नम्र प्रणिपातशिक्षयो पितर्मदं तेन ततान सोऽर्भक " मुतवन्ना (अ० पु०) दत्तक पुत्र, गोद लिया हुआ लड़का।। (रघुवंश शश५) मुत्तमौवल (अ० वि०) धनवान्, सम्पत्तिशाली। | मुदकडोर-मैसूर राज्यके तलकाड़के पास कावेरी नदो- मुतरजिम (अ.पु. ) अनुवादक, तरजमा करनेवाला। तीरवती एक पर्वत। यहां हर साल माघके महीने में मुतलक (अ0 क्रि० वि०१ जरा भी, तनिक भी । (वि०) मल्लिकार्जुन देवताके उद्देश्यसे महासमारोहके साथ २ विलकुल, निरा। १५ दिन तक मेला लगता है। मेले में दश हजारसे अधिक मुतवफ्फा ( अ० वि० ) परलोकवासी, वर्गीय। मनुष्य समागम होते हैं। मुतवल्ली ( अ० पु०) किसी नावालिग़ और उसकी संपत्ति मुदकर (सं० पु०) १ जनपदभेद । २ उस जनपदका रहने- का रक्षक, किसी बड़ी सम्पत्ति और उसके अल्पवयस्क वाला। अधिकारीका कानूनी संरक्षक। मुदगर (हि० पु० ) १ मुद्गर देखो। २ मुगदर देखो। मुतवातिर ( अ० कि० वि०) लगातार निरन्तर। मुंदरा (हिं० पु०) एक प्रकारका मादक पेय पदार्थ । यह मुवसदी (अ.पु.) १ लेखक, मुंशी। २ जिम्मेवार, अफीम, भांग, शराब और धतूरेके योगसे बनता है। उत्तरदायी। ३पेशकार, दीवान । 8 मुनीम, गुमाश्ता । इसका व्यवहार पश्चिमी पंजाव और बलूचिस्तानमें ५ इन्तजाम करनेवाला, प्रवन्धक । ६ हिसाव लिखने- होता है। वाला, जमा-खर्च लिखनेवाला। मुर्रिस (अ० पु०) पाठशालाका शिक्षक, अध्यापक । मुंतसिरी (हिं० स्त्री०) कंठमें पहनेकी मोतियोंकी कंठी। मुदा (सं० स्त्री०) मुद्-वार्थ का ततप्टाप् । हप, मंतहम्मिन (अ० वि० ) वरदास्त करनेवाला, सहिष्णु। | आनन्द । मुंताविक (अ० कि० वि० ) १ अनुसार, वमूजिव । (वि०) "तं मन्त्र क्रियामायणं तु मन्त्रिभिस्तन भूभृता । २ अनुकूल तत्पाववर्तिनी कन्या शुश्रावाय मु दावती ॥" मुंतालवा (अ० पु०) उतना धन जितना पाना वाजि । हो, (मार्क पु० ११६।३०) प्राप्य धन। | मुदा ( अ० अव्य० ) १ तात्पर्य यह कि। २ मगर, मृताह ( हिं० पु० ) मुसलमानोंमें एक प्रकारका अस्थायी | लेकिन । विवाह जो निकाहसे निकृष्ट समझा जाता है। इस मुदाम (फा० कि. वि०) १ सदा, हमेशा । २ निरन्तर, प्रकारका विवाह प्रायः शिया लोगों में होता है। लगानार। ३ ठोक ठोक, हूबहूं। मुताही ( हिं० वि०) १ वह जिसके साथ मुताह किया मुदामी (फा०वि०) जो सदा होता रहे, सार्वकालिक । गया हो। २ रखेली। मुदावत् (सं० वि०) मुदा हर्षः विद्यतेऽस्य अस्त्यर्थे भुतिहरा (हि० पु० ) कंकणकी आकृतिका एक प्रकारका | मतुप मस्य ध। हर्षयुक्त, आनन्दित । आभूषण। इसे स्त्रियां कलाई पर पहनती हैं। मुदवसु (सं० पु०) पुराणानुसार प्रजापतिके एक पुलका मुत्तफिक (म० वि०) रायसे इत्तफ़ाक करनेवाला, सहमत । नाम । मुत्तसिल ( अ० वि० ) १ निकट, पास। ( क्रि० वि०) मुदित ( सं० त्रि०) मुद्-क्त, यद्वा मुदा अस्य जाता इतन् । १ आनन्दित, प्रसन्न, खुश। : २ लगातार, निरन्तर। “आर्तिमुदिवा हृष्टे प्रोषिते मलिना कृशा। मत्य (सं० क्लो०) मुक्ता रत्न । मृते म्रियेत या पत्यो साध्वी ज्ञेया पतिव्रता ॥" मशिल-फलित ज्योतिषोक तृतीय योगका नाम । (शुद्धितः) मुद् (सं० स्त्री० ) मोदनमिति मुद्-भावे क्विप् । हर्ष, (पु०) २ आलिङ्गनविशेष । कामशास्त्रमें इसका भानन्द ।