पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३८४

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मोड़ना-मोतीझरना वह स्थान जहांसे किसी ओरको मुड़ा जाय। २ धुमाव | उसके एक परदेमें गोल झिल्ली सी पड़ जाती है जिसके या मुड़नेका भाव । ३ घुमाव या मुड़नेकी क्रिया । ४ | कारण आँखसे दिखाई नहीं पड़ता। कुछ दूर तक गई हुई वस्तुमें वह स्थान जहांसे वह कोना | मोतिहारी-१ विहार और उड़ीसाके चम्पारण जिलेका या गुमाव डालती हुई दूसरी ओर फिरी हो। एक उपविभाग। यह अक्षा० २६१६ से २७१ उ० मोड़ना (हिं० कि०) १ फेरना, लौटाना।२ किसी कामके | तथा देशा० ८४३० से ८५°१८ पू०के मध्य अवस्थित करने में आनाकानी करना, आगा पोछा करना । ३. है। भूपरिमाण १५१८ वर्गमील और जनसंख्या १० विमुख होना, पराङ्मुख होना । ४ किसी फैलो हुई | लाखसे ऊपर है। मोतिहारी, आदापुर, ढाका, राम- सतहदा कुछ अंश समेट कर एक तहके ऊपर दूसरी चन्द्र, केशरिया, मधुवन और गोविन्दगञ्ज थानाके अन्त- तह करना । ५धार भुथरी करना, कुठित करना। ६ किसी| भुक्क ग्रामादि ले कर यह महकूमा वना है। छड़की-सी सोधी वस्तुका कुछ अंश दूसरी ओर २ उक्त उपविभागका प्रधान नगर और जिलेका फेरना। विचारसदर। यह अक्षा० २६४० उ० तथा देशा० मोड़ा (हिं० पु०) लड़का, वालक । ८४.५५ पू०के मध्य अवस्थित है। जनसंख्या १५ हजार- मोड़ो (हिं० स्त्री० ) १घसीट वा शीघ्र लिखनेकी लिपि। के लगभग है । वेतिया, ढाका, सेराहा, मोतीपुर, सत्तर- २ दक्षिण भारतकी एक लिपि जिसमे प्रायः मराठी भाषा | घाट और गोविन्दगञ्ज आदि नगरों में जाने आनेकी लिखी जाती है। सुविधाके लिये पक्की सड़क दौड़ गई है। इस कारण यहां- मोढ़ ( स० पु०) राजवंशभेद । । की वाणिज्यमें दिनों-दिन उन्नति देखी जाती है । झरनेके मोण ( स० पु०) मुण-अच् । १ शुष्क फल, सूखा फल। पूर्वी किनारे बसे होनेके कारण नगरका दृश्य बड़ा हो २ नक, मगर । ३ मक्षिका, मक्खी। ४ सर्पकरण्ड, ! मनोरम है। यहां सरकारी कार्यालय, कारागार और वांस या सींकका वना ढक्कनदार टोकरा । एक स्कूल हैं। कारागारमें ३५६ कैदी रखे जाते हैं। मोतदिल ( म० वि० ) जो न वहुत गरम गौर न सर्द हो, यहां तेल पेरने, दरी चुनने और जाल वनानेका जोरोंसे शीत और उष्णता आदिके विचारसे मध्यम अवस्थाका ।। कारवार होता है। मोतवर ( अ० वि०) १ विश्वास करने योग्य, जिस पर मोती (हिं० पु०) एक प्रसिद्ध वहुमूल्य रत्न जो छिछले विश्वास किया जा सके। २ जिस पर विश्वास किया समुद्रों में अथवा रेतीले तटोंके पास सीपीमेसे निकलता जाता हो, विश्वासपात्र। है। (विशेप विवरण मुक्ता शब्दमें देखो); मोतियदाम (हिं० पु०) एक वर्णवृत्त। इसके प्रत्येक २ कसेरोंका एक औजार। इससे वे नक्काशी करते चरणमें चार यगण होते हैं। समय भातीकी-सी आकृति बनाते हैं। ३ वाली जिसमें मोतिया ( हि० पु०) १ एक प्रकारका वेला। इसकी कली बड़े बड़े मोती पड़े रहते हैं। मोतीके समान गोल होती है। २ रूसा नामकी घास, मोतीचूर (हिं० पु०) १ छोटो दुदियोंका लड्डू। २ जव तक वह थोड़ी अवस्थाकी और नीलापन लिये रहती | कुश्तीका एक पेंच जिसमें प्रतिद्वन्द्वीके वाएं पैरको अपने है। ३ एक प्रकारका सलमा। इसके दाने गोल होते दाहिने पैर फंसा कर और हाथसे उसका गला लपेट हैं और यह जरदोजीके काममे किनारे किनारे टांका कर उसे चित्त कर देते हैं! ३ एक प्रकारका धान । जाता है। ४ एक चिड़िया जिसका रंग मोतीका सा| इसकी फसल अगहन में तैयार होती है। होता है। (वि०)५ हलका गुलावी वा पीले और मोतावर (सं० पु.) चेचक निकलनेके पहले आनेवाला गुलावी रंगके मेलका। ६ मोती सम्वन्धी, मोतीका । ज्वर । ७ छोटे गोल दानोंका वा छोटी गोल कड़ियोंका। मोतीझरना-सन्थाल परगनेके राजमहल उपविभागान्त- मोतियाविन्द (हिं० पु० ) अांखका एक रोग विशेष । इसमें | र्गत दमान-इ-को नामक पहाड़ी विभागका एक जल-. Vol. XVIII 96