पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३५८

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मैस्मेरतत्व ३५५ निर्जीव पदार्थमात्र एक शरीरसे दूसरे शरीरमें सञ्चा- लोगोंको जिस उपायसे उस शक्तिके वशीभूत (mag लित किये जाते हैं। यह आकर्षण दूरवती होने पर भी | netised) करते थे, वह बड़ा हो आश्चर्यजनक है । उसके समप्रवाह है अर्थात् दो वस्तुओंके एक दूसरेसे बहुत ! वाहरवाले जिन सव घरों में लोग चिकित्साके लिये दूर होने पर भी उन दोनोंके बीच एक आन्तरिक आक- आते थे उन घरोंके वीचमे १ वा २॥ फुट ऊंचा ओक र्णणशक्ति विद्यमान रहती है इसलिये उन दोनोंमें कार्या- लकड़ोका बना हुआ एक गोल वरतन गड़ा रहता था। कारण सम्बन्धको रक्षा के लिये किसी माध्यमिक सूत्रकी | उस वरतनमें कांचका चूर्ण, लोहेका चूर्ण और चुम्बक आवश्यकता नहीं रहती। इच्छा करने पर यह दर्पणमें | घटित जल (Magnetised Vater )-पूर्ण वोतलको कई प्रतिफलित और परिवर्द्धित किया जा सकता है। तहोंमें बैठा कर एक ढकनीसे उसका मुंह बंद कर देते सञ्चयन, केन्द्राभिकुश्चन, विस्फारण, प्रसारण, सञ्चा- हैं। ढकनमें वहुतसे छेद रहते हैं और उन छेद हो कर लन और शब्दाभिवर्धन आदि गुण इसमें आरोपित | भिन्न भिन्न ऊंचाईको चिकनी छड़ पिरोई रहती है। किये जाने पर भी कुछ दोप नहीं होता यद्यपि यह रस उन छड़ोंका ऊपरी भाग रेढ़ा रहता है तथा इच्छानुसार तरंग समन जगत्में व्याप्त हो है तो भी यह निश्चयपूर्वक उसे उठाया जा सकता है । इस काठके वरतनको कहा जा सकता है, कि सभी जीवोंमें इसका समान वाकेट ( baquet ) चा मैगनेटिक टव कहते हैं। प्रभाव नहीं है अर्थात् इस जैविक चुम्बकशक्तिको ह्रास ___इस वरतनके चारों ओर रोगियोंको पानीमें एक एक और वृद्धि होती है। ऐसे कितने ही स्वल्पसंख्यक पदार्थ वाद खड़ा कर प्रत्येकके हाथमें एक एक लोहेके छड़ दे। यो जीव हैं जो ऐसे विपरीत गुणवाले हैं, कि उनकी उसके अगले भागको रोगस्थानमें लगाना पड़ता है । इस उपस्थिति मालसे दूसरे व्यक्ति पर विन्यस्त चैतन्याप समय एक रस्सीसे रोगियोंको घेरना अथवा दूसरेकी हारिका मैस्मेरिक शक्तिका अपनोदन होता है। वृद्धागुलिको पकड़वा कर कतारमें खड़ा रखना उचित यह जैविक चुम्बकशक्ति स्नायविक दुर्वलता तथा| है। इस समय घरके भीतर पियनोपाटके साथ गीत दूसरे दूसरे रागोंको बहुत जल्द आरोग्य कर सकती | | आदि शुरू होता है। शक्तिसञ्चालक ( Magnetiser ) है। इससे औपोंकी क्रियाशक्ति पूर्णताको प्राप्त होती | १०।१२ इञ्च लम्बा बहुत बारीक और चिकनी लोहेकी है। स्वास्थ्यवृद्धिके विषयमें यह ऐसी कार्यकारी है, कि | शलाका ले कर वहां खड़ा रहता है। चिकित्सक बड़ी आसानीसे रोगको दूर कर सकते हैं। उस वैकेटका गह्वर आक्रमणी शक्ति (magnetic यहां तक, कि वे इसके द्वारा :जनसाधारणके स्वास्थ्य, | virtues)से भरा रहता है । इसका भीतरी भाग इस प्रका अत्यन्त जटिल रोगीको भी उत्पत्ति और परिवृद्धिके | सजा रहता है, कि इस शक्तितरङ्ग ( magnetic fluid )- कारण तथा रोगोंका प्रकृतिका पता लगा सकते हैं। इस | को आसानीसे उसमें सञ्चित कर सकते हैं। वे सब रोगोंके लक्षणादिको परीक्षा कर वे सहजमें रोगोंको दूर शलाका विभिन्न शरीरमें वरतनके शक्तिपुञ्जके प्रवाह- कर सकते हैं । रोगीके प्राणनाशका डर नहीं रहता | प्रदानको परिचालक (Conductors) है । वह रस्सी और न उसे किसी प्रकारकी विपत्ति ही घेर सकती है। जिससे रोगो घिरा रहता है उसका अथवा वृद्धांगुली- रोगीकी अवस्था, शारीरिक ताप तथा स्त्री वा पुरुपत्वके | शृङ्खलसञ्चालित शक्तितरङ्गका कार्यफल वृद्धिका उपाय सम्बन्धमें किसी प्रकारका विचार करना निष्प्रयोजन है। मात्र है। शक्ति-सञ्चालकको पहले हीसे अपने वाद्य कहनेका तात्पर्य यह कि यह जैविक चुम्बकशक्ति जाग- | यन्त्रको आकर्षणी-शक्तितरङ्ग द्वारा सञ्चारित (char. तिक मङ्गलखरूपमें मनुष्यजातिके रोगारोग्य और रक्षा ged ) कर रखना चाहिये । वाद कसङ्गीतमें जितनी ही विषयके निदानभूत एक सानजननी जीवशक्तिका संचार निपुणता दिखायेगा, सुर निकलनेके साथ साथ शक्तिको कर देती है। उतनी ही अधिकता और वृद्धि होगी। बाजा बजानेका डा० मैस्मेर चुम्बकशक्तिके सञ्चालनप्रभाव द्वारा उद्देश्य है रोगियोंका चित्त एकाग्र करना अथवा उन्हें