पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३३१

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

३२८ येहिन्–ौकल मेहिन ( स० पु. ) मेहः मेहरोगः अस्यास्तीति इनि। | १४८४ ई०में वनाया जो समाधि-मन्दिर है वह उल्लेख- मेहरोगो, सुजाको। योग्य है। मेहेदपुर-मध्यभारतके इन्दौर राज्यान्तर्गत एक प्रधान मैं (हिं० सर्च०) स्वयं, सर्वमान उत्तम पुरुपमें कर्त्ताका नगर। यह अक्षा० २३ २९ उ० तथो० देशा० ७५४० रूप । पू० सिप्रा नदीके दाहिने किनारे, उज्जयिनी रेलवे स्टेशन- | मैंगानिज ( Manganese ) खनिज पदार्थविशेष । रसा- से १२ कोस पर अवस्थित है। यहां बम्बई-गवर्मेण्टके | यनशास्त्र में इसे अधातु ( Manganese ) कहा है। अधीनस्थ एक सेनावास है । १८५७ ईमें यारेज सेना- प्रायः सभी स्थानों में यह काले अक्सिद (Black oxide) पति सर टामस हिसलपने नदीके दुसरे किनारे होलकर के आकारमें पाया जाता है। यह साधारणतः सफेदी राजकी महाराष्ट्र सेनाको हराया और उनकी ६३ कमाने लिये भूरे रंगका तथा क्षणभगूर और कठिन होता है। छोन ली थीं। सिप्राके किनारे तीन हजार मराठी मारे। यहां तक कि इससे इस्पात भी कट जाता है। इसमें गये थे। सामान्य चुम्दक-आकर्पणशक्ति है । बहुत देर तक मेहेरपुर-१ नदिया जिलान्तगत एक उपविभाग। यह खुले स्थानमें रख देनेसे वायु लगने के कारण यह असि- अक्षा० ३३३६ से ले कर २४११ ३० तथा देशा० | डाइजड हो जाता है । उल्कापत्थर-संश्लिष्ट लोहेमें यह ८८१८ से ले कर ८८५३ पू०के वीच पडता है। भूः । पदार्थ अधिक परिमाणमें रहता है । इसका आणविक परिमाण ६३२ वर्गमील है। यहां तेहाट, मेहेरपुर, करोम गुरुत्व ५५ और आपेक्षिक गुरुत्व ८०७५ है । अधिक पुर और आंगनी नामके चार थाने लगते हैं। गरमी लगनेसे काोंनके द्वारा उक्त प्रस्तरज लोहेका २ नदिया जिलान्तर्गत एक नगर और विचार सदर ।। आधा अक्सिद निकाल देनेसे यह पदार्थ पाया जाता इसका प्राचीन नाम मिहिरपुर है। यह अक्षा० २३ है। दूसरे उपायले असल मैंगानिज नहीं निकाली जा ४७ उ० तथा देशा० ८६३४ पू० भैरव नदीके किनारे | सकतो। लोहेके साथ मिलानेसे यह उक्त धातुको अवस्थित है। यहां पीतलके वरतनोंका बड़ा भारी कार अत्यन्त गुढ़ और टिकाऊ बना देती है। कांच और धार है। चर्च मिशनरी सोसाइटीका एक प्रचारकेन्द्र एनामेस रंग करनेके लिये इसका अधिक व्यवहार देखा यहां अवस्थित है। जाता है। महोमदावाद ( महमूदाबाद )-१ वम्बई प्रेसिडेन्सीके खैरा कार्वोन मिलानेसे इसमेंसे Carbonate of magne. जिलान्तर्गत एक उपविभाग। भू-परिमाण १७४ वर्ग sia और हाइड्रोक्लोरिक एसिड तथा ब्लैक-अक्सिदके मील है। योगसे chlorides ot langanese उत्पन्न होता है। यह २ उक्त महकमेका प्रधान नगर। यह अक्षा० २२/ Proto-chloride, perchloride और sesquichloride ५० उ० तथा देशा० ७२४६ पू०के बीच पड़ता है । के भेदसे तीन प्रकारका है। अलावा इसके Protoxide, यहां वम्बई-बडोदा मध्यभारत रेलवे लाइनका एक स्टेशन sesquioxide. binoxide, peroxide, manganic, acid है, इस कारण यहाँके वाणिज्यमें बड़ी उन्नति हुई है। और permanganic acid तथा Sulphate of man. ganese १४७६ ई०में गुर्जरपति महमूद चैनाड़ाने इस नगरको और Sulphides of ilanganese आदि बसाया था। राजा ३य महमूदने (१५३६-५४) नगरको विभिन्न मिश्र पदार्थ इसके योगसे प्रस्तुत होता है। वढ़ा कर यहां ६ मील तक एक मृगया-वन वन- मैकल ( मेकल )-मध्यप्रदेशके मण्डला जिलान्तर्गत वाया। इस उद्यानके चारों कोनों में चार सुन्दर प्रासाद ) विलासपुरके समीप एक गिरिश्रेणी। यह अमरकंटकसे और अट्टालिका-प्रवेशके दाहिने किनारे एक एक बाजार | दक्षिण-पश्चिम ७० मील तक फैली हुई है। पीछे वह हैं। यहांके अन्यान्य प्रनतत्त्वोंमें महमूद विगाड़ाके | क्रमशः सालेतेको नामसे दौड़ गई है। इसकी अधित्यका- प्रधान मन्त्री मुवारक सैयद और उनके सालेका | भूमि २ हजार फीट ऊंची है जिनमें लाफा नामक श्वङ्ग