पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/२९३

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२९० मेघयोनि-मेघस्तनितोद्भव मेघयोनि (सं० पु० ) मेघस्य योनिः उत्पत्तिकारणं | मेघवत्म (स' क्लो० ) मेधानां वम पन्थाः। आकाश । १ धूम, धूआँ । २ कुज्झटिका, कुहरा । मेघवर्ष-प्रश्नोत्तरमालिकाके प्रणेता। मेघरव (स.पु० ) सङ्घात-जलचर पक्षी। मेघवह्नि (संपु०) वज्र, विजली। . . (चरक सूत्रस्था० २७ २०)। मेघवान (सं० पु० ) पश्चिम दिशाका एक पर्वत । मेघरवा ( स० स्त्रो०) स्कन्दको अनुचरी एक मातृका मेघवार-जातिविशेष । का नाम । | मेघवासस् (सं० पु०) १ दैत्यभेद। २ मेघपरिहित; मेघराग (स.पु.) मेघनामको रागः। छः प्रकारके | बादलसे ढका हुआ । रागोंमसे एक राग। इसका स्वरूप इस प्रकर है- मेघवाहन (सं० पु० ) मेघो वाहनमस्य । १ इन्द्र । २ एक . . . "मेघः पूणों धत्रयः स्वादुत्तरायत मूचर्छनः। बौद्ध राजाका नाम । ३ काश्मीरके एक राजाका नाम । विकृतो धैवतौ शेयः शृङ्गाररस पूरकः ॥" ४ एक राजपुत्र। ध्नान, जैसे- मेघवाहिन् (सं० पु०) १ इन्द्र । २ स्कन्दानुचर मातृभेद। "नीलोत्पलाभवपुरिन्दु समानवक्त्रः मेघविजय महोपाध्याय-एक जैन-प्रन्थकार । इन्होंने १७०१ पीताम्बरस्तृषितचातकयाच्यमानः। ई० में हेमचन्द्रकृत शब्दानुशासनको चन्द्रप्रभा हेमकौमुदी पीयूषमन्दुहसितोधन मध्यवर्ती नामकी टीका लिखो। वीरेषु राजति युवा किल मेघरागः ॥" मेघ शब्द देखो। मेघवितान (सं० क्ली०) १ छन्दोभेद। (पु० ) मेघ. . : किसी किसीके मतसे यह राग धैवत-वर्जित है, किन्तु | समूह । प्रधानतः कोमल धैवतमें गाया जाता है। वर्षाऋतुकी | मेघविस्फूर्जिता (सं० स्त्री० ) एक वर्णवृत्तका नाम । इस- रातका अन्तिम पहर इसके गानेका उपयुक्त समय है।। के प्रत्येक चरणमें यगण, मगण, नगण, सगण, टगण, मेघराज (सं० पु०)१ बुद्धभेद । मेघानां राजा, टच रगण और एक गुरु होता है। (छन्दोमखरी ) समासान्तः। १ पुष्करावर्तक आदि मेघोंका नायक, | मेघवेग (सं० पु०) महोभारलोक्त राजभेद । (भा० द्रोणपर्व) | मेघवेश्मन् (सं० क्ली० ) मेधानां वेश्म भवनं । आकाश । मेघराज (सं० स्त्री० ) मेघसमूह, वादलोंकी घटा।। | मेघश्याम (सं०नि०) मेधके जैसा काला। मेघरोव (सं० पु०)१ सङ्गात जलचर पक्षिविशेष। यह मेघसख (सं० पु०) हरिवंशके अनुसार एक पर्वतका •सव पक्षी दल बांध कर उड़ते हैं। २ मयूर, मोर। नाम । मेघरेखा.(सं० स्त्री०) मेघश्रेणी, मेघपुञ्ज । मेघसन्देश (संपु० ) मेघदूत । मेघलेखा (सं० स्त्री०) मेघपंक्ति, बादलोंकी घटा। मेघसन्धि (सं० पु०) मगधराजभेद । ( भारत १४ पर्व ) मेघवत् (सं० अध्य०) १ मेधसदृश, बादलके जैसा । (त्रि०) मेघसम्भव (सं० पु०) १ नागभेद । २ जल । २ मेघाच्छन्न, बादलोंसे ढका हुआ। मेघसार (सं० पु०) मेघस्य सार इव । चीनकपूर, चीनिया मेघवन (सं०. त्रि०) मेघवाहन नामक अग्रहारभेद।। कपूर। . . . (राजत. ३८) | मेघसुहृद (सं० पु०) मेघाः सुहृदो मित्राणि यस्य । मयूर, मेघवर्ण (२०. त्रि०) मेघस्येव वर्णोऽस्य । १ मेघसदृश मोर। वर्णयुक्त, जिसका रंग मेघके जैसा हो। (पु०) २ मेघके | मेघस्तनित (सं० पु०) मेघस्य स्तनितः। मेघशब्द, बादल. जैसा वर्ण। की गरज । (नि.)२ मेघवत् शब्दकारी, बादलके जैसा गरजनेवाला। . मेघवर्णा.(स० स्त्री०) नीलोवृक्ष, नीलका पौधा।। .. (भारत० सभापर्व) | मेघस्कन्दिन (सं० पु०) महासिंह । मेघवर्त (संपु०) प्रलयकालके मेघों मेंसे एकका नाम । मेघस्तनितोद्भव (सं० पु०) मेघस्य मेघस्तनितादुद्भ