पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/२४४

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मूषिकान्तकृत - मूसा-इवन-नासिर मूषिकान्तकृत् (स० पु० ) मूषिकानां अन्तकृत् । बिडाल, | तक जमीन में चली गई हो, जिसमें इधर उधर सूत या विल्ली। शाखाएं न फूटी हों। मूपिकार (सं० पु० ) पुभूपिक, नर चूहा। मूसली ( हिं० पु०) हल्दीको जातिका एक पौधा। इसकी मूपिकाराति (सपु०) मूपिकाणामरातिः । विडाल, जड़ औषधके काममें आती है और पुष्ई मानी जाती है। विलाव। यह पौधा सीड़को जमोनमें उगता और नदियोंके कछारों मूपिकाहय ( पु०) मूषिकस्य आहा आख्या यस्य । में भी पाया जाता है । विलासजिलेके अमरकण्टक मूषिककणी, मूसाकानी। पहाड़ पर नर्मदा के किनारे यह वहुतायतसे मिलता है। मूपिकिका (स. स्त्री०) मूपिका, चुहिया। मूसा ( हिं: पु०) चूहा। मूपिकोत्कर (संपु०) मूसांका टीला ( mole-hill) मूसा- यहूदी लोगोंके पैगम्बर। इनको खुदाका नूर मूषिपणिका (सं० स्त्री०) मूपिपर्ण-फन् टाए, अत इत्यं ।। दिखाई पड़ा था। कितावो या पैगंबरी मतोंका आदि मूपिकपणी, मूसाकानी। पवर्तक इन्हों को समझना चाहिये। मूपा (सं० स्त्री० ) भूप-क, स्त्रियां ङीष् । १ मूपा, सोना मिस्रभाषामें इनका नाम वरुणपुत्र है। इन्होंने जिन गलानेकी धरिया। २ महा मूपिक, बड़ा चूहा। पांच किनावों की रचना की थी, वे मुसलमानों के निकट मूपीक (स'० पु० सी०) मोपति इति भूप वाहुलकात् तौराहत नामसे मशहूर है। मिस्रके दार्शनिक तस्वके इकन् । मूपिक, मूसा। केन्द्रस्थान हेलियोपोलिस ( कोप्तिक -रामसेस- मूपीककर्णी (२० स्त्री०) मूपिकस्य फर्णचत् पर्णमस्याः।, सूर्यनगर ) नगरमें इन्होंने लिखना पढ़ना सीखा था। मूपिकपणों, मूसाकानी। शिक्षालाभके बाद धमरुदेश भाग गये। पीछे इन्होंने मूपीकरण (सं० क्ली) घरिया, धातु गलानेकी क्रिया || इसटाइलोको इजिप्तके वाहर निरापद स्थानमें ले जा कर मूपीका (संस्त्री०) मूपीक-टाप । इन्दुर, मूसा। रखा था। इसके स्मणार्थ आज भी मरवमें मूसाकुण्ड मूल्यायण (सत्रि०) मोपति अपहरतोति भूप फ, चौर तथा आमुन मूसा नामक प्रस्रवण तीर्थक्षेत्ररूपमें समझा जारः, तस्यापत्यं इति-मूप-फा वाहुलकात् वृद्ध यभावः । लाता है। . गुप्त व्यभिचारसे उत्पन्न पुरुष, दोगला। मूसा-मध्यभारतको एक छोटी नदीका नाम । यह मूस (हिं० पु०) चूहा। मध्यभारतमें निजामराज्य हो कर बहती है और हैदरा- मूसदानी (हिं० स्त्रो०) चूहा फंसानेका पिंजड़ा। वाद नगरकं पाससे होती हुई कृष्णा नदी में जा मिलती मूसना (हिं० कि०) चुरा कर उठा ले जाना। मूसर हिं० पु०) १ मूसल देखो। २ असभ्य, अपढ़ । मूसा इन-नासिर-एक अरवी योद्धा और मुरि प्रदेशका मूसरचंद (हिं० पु.) १ अपढ़, गवार । २ हवा कट्ठा पर शासनकर्ता। इसने ७०७ ईमें अपनी सेना ले उत्तर- निकम्मा, मुसंडा। अफ्रिकाको लूटा और वहां मुस्लीम-शासनका विस्तार मूसल (हिं० पु०) १धान कूटनेका एक औजार । यह ) किया। पश्चात् भूमध्यसागर पार कर ७१०ई० में यह लंवा मोटा उडा-सा होता है। इसके योचमें पकड़नेके स्पेन राज्यमें जा पहुंचा। वहां भी नगरों आदिको लूट लिये खडा-सा होता है और छोर पर लोहेको साम जड़ी कर अनेक उपद्रव मचा कर धन इकट्ठा किया। रहती है। २एक अस्त्र जिसे बलराम धारण करते थे। इसके बाद उसने ७११ ई०में अपने विजयी सेनापति ३राम वा कृष्णके पदका एक चिह्न । तारिखको अपनी सेना ले स्पेनको जय करने भेजा। मूसलधार (हिं० कि० वि०) इतनी मोटो धारसे जितना वहांका गधिराज रदिक युद्धमें हार तथा मारा भोटा मूसल होता है। गया पीछे तारिखने टोलेडो आदि कई नगरों पर अधिकार मूसला (हिं० पु०) वह जड़ जो मोटी और सीधी कुछ दूर कर लिया। ७१२ ई०में वह अलजिसिरस नगरमें उतरा Vol.XVIII GI