पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/१७९

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१७६ मुस्ताफाबाद-पुहव्वत खाँ पू०के मध्य अवस्थित है। यहां सिख राजाका एक दुर्ग- | अधिक आवश्यकता हो जो उसके पास बिलकुल न हो। प्रासाद है। मुस्ताफाबाद-अयोध्या प्रदेशके फैजाबाद जिलान्तर्गत २ आश्रित, निर्भर । ३ आकांक्षी, चाहनेवाला । ४ दरिद्र, गरीब । एक नगर। इस स्थान हो कर अवध रोहिलखण्ड रेल- मुहबनो ( हिं० स्त्री०.) एक प्रकारका फल जो नारंगीकी लाइन के दौड़ जानेसे स्थानीय वाणिज्यकी बड़ी उन्नति | तरहका होता है। हुई है। यहां हिन्दू और मुसलमान कीतिके अनेक मुहब्वत (अ. स्त्री०) १ प्रीति, प्रेम । २ मित्रता, दोस्ती। निदर्शन है। | ३ इश्क, लौ। मुस्ताफावाद-युक्तप्रदेशके रायबरेली जिलान्तर्गत एक नगर मुहब्बत खां-एक विण्यात मुगल-सेनापति । जहांगीर . यह नगर पहले सौधमाला और समाधि मन्दिरसे विभू बादशाहको कपासे उच्चासन पा कर इसे भारी दिमाग पित था। अंगरेजी शासनके पहले राजा दर्शन सिंहने हो गया और आखिर वादशाह होके विरुद्ध उठ खड़ा इस नगरको लूटा था, तभोसे स्थानीय समृद्धिका अब हुआ। यहां तक कि, राजशक्ति ग्रहण करनेकी उच्चाशा- सान हो गया है। ने उसके हृदयमें जड़ पकड़ ली थी। जिस राज- मुस्ताफा हुसेन-आगरा-वासी एक मुसलमान कवि।। नैतिक मन्त्रकुहकसे वह परिचालित हुआ था. जहांगीर दिल्लोके विताड़ित राजकविश्रेष्ठ दहादुर शाहसे इसने | और नूरजहां शब्दमें वह साफ साफ लिखा है। . काध्य और अलङ्कार शास्त्र सीखा था । खचित जहांगीर और नूरजहां देखो। दीवानके प्रत्येक गजलको भणितामें इसने राजाको । कावुल नगर में महव्यतका जन्म हुआ। पिता घोर- काध्योपाधि 'जाफर' नामका ही व्यवहार किया है। वेगने इसका जमाना वेगनाम रखा था। सम्राट अकवर मुस्ताम (सं० क्ली० ) मुस्तस्येवामा यस्य । मुस्तक- शाहके अधीन जमानावेग ५ सौ मनसबदार था। इस विशेप, नागरमोथा। समय इसने कई छोटी छोटी लड़ाइयोंमें वीरता दिखा मुस्तु (सपु० ) मुस्यति खण्डरत्यनेन मुस्-बाहुलकात् | कर अच्छा नाम कमा लिया था। धीरे धीरे इसके बल- तुक । मुष्टि, मुट्ठा। वीर्यको कहानी चारों ओर फैल गई। इसके सिवा मुस्तैद ( अ० वि० ) १ सन्नड, जो किसी कार्यके लिये इसके पास और भी कितने सद्गुण थे जिनसे इसने तत्पर हो,। २चुस्त, चालाक। जनसाधारनको वशीभूत कर लिया था। मुस्तैदी ( अ० स्त्री० ) १ सन्नद्धता, तत्परता । २ उत्साह, सुराप्रियता और विलासिता जहांगीर वादशाहको फुरती। राजकार्यपरिचालनशक्तिको घोर वाधक थी। उप- मुस्तीफा (अ० पु०) वह पदाधिकारी जो अपने अधा- युक्त कर्मचारी तथा परिदर्शनके अभावमें मुगल-साम्राज्य 'नस्थ कर्मचारियांका जाँच-पड़ताल करे, आयव्यय परी छिन्न भिन्न हो जायगा, समझ कर बादशाह राज- -क्षक। कार्यपटु अनेक सद्गुणसम्पन्न महव्वतके प्रति विशेष मुन (सं०क्ला० ) मुस-रक । १मूसल, मुसली । २नयन- आकृष्ट हुप। धीरे धोरे पदोन्नतिके साथ साथ इसकी

जल, आँसू। . .

मर्यादा और ऐश्वर्यकी भी वृद्धि होने लगी। क्रमशः मुहकम (अ० वि०) दृढ़, पक्का। मुगलसाम्राज्यमें इसकी बहुत चल बनो। बादशाह जहागीर कभी कभी महत्वतकी सलाह न मुहकमा । अ० पु०)विभाग, सरिश्ता। मुहतमिम ( अ० यु०) व्यवस्थापक, इन्तजाम करनेवाला। ले कर अपनी प्रियतमा पत्नो नूरजहांकी ही सलाह लिया मुहतरका (अ० पु०) वह कर जो व्यापार वाणिज्य आदि } करते थे। नूरजहां राज्यकी सर्वमयी की हो उठी, देख कर महव्वत जलने लगा १६२६ ई०में इसने सम्राट • पर लगाया. जाय।. मुहताज (अ० वि०) १ जिसे किसी ऐसे पदार्थको वहुत । को अपने कावूमें लानेके लिये दलवल के साथ उन्हें