पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८३१

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७५.. - भ म झ लदंड : मममय प्रयपुर गयी अराजकता चारों घोर फेन : कुडे में चाके याकारके एक गोल टुकड़े में शी जोर गई और मनमाने कार्य होने लगे। प्रजाके दुःोका या डोरी लगो होतो है । दम टूमी मिरेका कुछ। पागवार न रहा। प्रयाट है, कि म नागमक ही पद ! सिरको चोटी या मागके मामने घानी या मसको । यसमें जयमको पफान मृत्य दुई यो। रानोक। उपरी भाग पर मटकता रहता है। मंयुश प्रदेश मिर्फ मरने पर ये गजमन्यो के पदमे 'यत कर सुनारक मिा पर दाहिनी पोरमें एक ही कमर पहना जाता दिन में पालीयन कैद कर निगे गये थे। किन्तु पंजायको मिरगा झ मरोजी लोड़ो पहनतो। मम हिं सो) १ झ मरेको क्रिया । २ झगको, ऊँघ । २ एक प्रकारका गहना जो कानमें पहना जाता है। कोई झमक (हि.पु.) होली के दिनों में गाये जान्का एक ! के ई मे भुमका मो काही है। ३ होली गाये जानेका गोता इमे देहातको स्त्रियां झम झम फर एक रे । एक प्रकारका गोत । ४ एस गीतके माथ होनेयाला नाव । मायनी हुई गाती है. झ मर 1२ झ नर गीत के माध | ५ विहारमान्तमें मम तुमि गाये जानेका एक गी! मेयाम्ना नाम । ३ विवामादि मनान प्रयमगे पर गाये | ६ एकहो तरह के बहुतमी पोजीका गोल घेरा, जमघट। जानेका एक प्रकारका प्रयो गीत । ४ गुच्छा । ५ माड़ी ७ महतसो स्तियों या पुरुषों का गोलाकार हो कर घूम या प्रोदमो पाटिम नगो हुई ममों या मोतियों घूम कर नाचना । ८ गाड़ीवानों को मोगरी। ८ एक टिके गुच्छोको कतार । प्रकारका तान जिमे भमरा भी कहते हैं । १० छोटे छोटे झमक माड़ी (हि. मो०) झमके या मोने मोतो। म्नड़कों के खेलने का एक प्रकारका काठको दिलोना। : पाटि गुच्छ नगे हए एक प्रकारको माड़ी। ये गुच्छे । इममें एक गोल टुकड़े में घारी पोर छोटी छोटी गोलियो । माडोके उम भागमें लगे रहते हैं जो मम्तको ठीक अपर म्नटकतो रहती है। . . . पडता है। ममरा ( पु.) चोदा मावाका एक प्रकारका . झमका (Eि पु०) १ शुमका देशो। २ भूमक देखो। काल। हममें तीन प्राधात पीर एक विराम होता है। झमड़ (हि.पु.) झुमरस देगी। धि' घिसिरकिट, घिधि' धा धा तिता तिकिट धि' ' झमड़ झामड़ (हि पु०) निरर्थया विषय, मठा प्रपंच । धिंधा धा। . झ.महा ( . म मरी (दि. स्त्री०) शानक रागो पाँच भेदमिमे एक। पु.) मरा देशो । झमना (हिं० कि०) १ पाधार पर स्थित किमी वसका भर | झर (Eि'• स्तो.) १ जलन, दाह । २ परिताप, दुः। उधर उधर हिलना, बार वार झोंके खाना। जमे- झरा (हि पु०) १ शकस्थान, सूखो जगह । २ पवर्षप, | पानीका प्रभाव, मूम्बा । ३ न्य नना, कमी। . . . डाका झमना। २ प्राधार पर स्थित किसो जीवकारि 'तो.) धर देखो।' पपने मिर पौर धड़को बार बार पागि पोद्ध नोने अपर मनास्त्रिी .)१ चोपानी की पीठ पर डाले जानका .. हिनाना, महराना । जेमे-हायोकाझ मना । विशेष कर एक चौकोर कपड़ा। इस देश में हाधियों और घोड़ा । मस्तो, पधिक प्रमवमा, नोंद या नगे पादिमें इम किया | पादिकी पोठ पर गोमा लिये अधिक दामाको 'मन का प्रयोग होता है। ३ पन्नों का एक ऐश । इममें वे पटे! डान्तो जातो है। यहां तक कि बड़े बड़े रानाभकि पर हुए चार्ग पर सिर पिलाया करते हैं। हाथियों को मनाम मातियों की झालरे लगा रहता है। झमर (हि.पु.) १ एकपकारका गहना जो सिरम पहना मांजकल कुत्ता की पीठ पर भी झम डालो जाने लगा । - लाता है। इममें भीतरमे पोनी सोधी एक पटगे रहती है। यह कपड़ा जो पाना माने पर महा भान पाई। । पटरोको चोदाई एक या डेट गुम और.मम्याई ! म लाड ( पु.) २८. देशो।। . . . . ..... धार पाच पंगुनकी होती है। यह गाना प्रायः मोनेका मानदंड (Eि• पु.) एक प्रकारको कसरत । मम .. ही होता है। हममें पुंघरू या भावे लटकते रहते है। कसरत करनेवाले एक एक करके टस पोर तप ... प्रो कोटी जजोरीम वध होते है। इसके पोइले भागई। ममते हुए दंड करते ४।। .. :: ...